PM मोदी को व्हाइट हाउस का निमंत्रण, फोन पर ट्रंप से हुई बातचीत, क्या-क्या हुई बात
भारत और अमेरिका की दोस्ती को नई ऊंचाई देने के लिए अगले महीने एक बड़ा कदम उठाया जा सकता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच पहली मुलाकात की प्रबल संभावना है. यह मुलाकात ट्रंप के राष्ट्रपति पद की दूसरी बार शपथ लेने के बाद उनकी पहली द्विपक्षीय बातचीत होगी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से व्हाइट हाउस का निमंत्रण मिला है. दोनों नेताओं के बीच सोमवार (27 जनवरी) को फोन पर एक महत्वपूर्ण बातचीत हुई, जिसमें पीएम मोदी के अमेरिकी दौरे की योजना पर चर्चा की गई. यह बातचीत दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंधों और सहयोग को मजबूत बनाने के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण मानी जा रही है.
ट्रंप और मोदी के बीच हुई ये बातचीत
इस फोन कॉल के दौरान, राष्ट्रपति ट्रंप और पीएम मोदी ने भारत और अमेरिका के बीच आपसी संबंधों को और गहरा करने के लिए कई मुद्दों पर चर्चा की. व्हाइट हाउस द्वारा जारी बयान में बताया गया कि दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए दोनों नेताओं ने अपनी प्रतिबद्धता दोहराई. इसके अलावा, उन्होंने इंडो-पैसिफिक, मध्य पूर्व और यूरोप में शांति और सुरक्षा जैसे क्षेत्रीय मुद्दों पर भी बात की.
अमेरिका से हथियारों की खरीद पर जोर
बातचीत के दौरान, राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत से अमेरिकी निर्मित सुरक्षा उपकरणों की खरीद बढ़ाने पर जोर दिया. भारत की डिफेंस खरीदारी को लेकर यह संदेश सीधा था कि दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों को और मजबूती दी जाए. हालांकि, भारत हमेशा रूस से बड़ी मात्रा में हथियार खरीदता है और फ्रांस से राफेल जैसे लड़ाकू विमान खरीदे हैं, लेकिन ट्रंप ने इस बार खासतौर पर अमेरिकी रक्षा उपकरणों की खरीद बढ़ाने की बात की.
निष्पक्ष व्यापार पर जोर
इसके अलावा, ट्रंप ने दोनों देशों के बीच निष्पक्ष व्यापार संबंधों पर भी चर्चा की. ट्रंप ने कहा कि भारत अपने यहां अमेरिकी उत्पादों पर इम्पोर्ट ड्यूटी घटाए, क्योंकि अमेरिका में भारतीय उत्पादों पर कम ड्यूटी लगती है, जबकि भारत में अमेरिकी उत्पादों पर ज्यादा टैक्स है. ट्रंप का यह कहना था कि व्यापार का यह असंतुलन दोनों देशों के लिए लाभकारी नहीं है.
भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी पर जोर
राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी के बीच यह बातचीत दोनों देशों के रिश्तों में एक नई ऊर्जा को दर्शाती है. दोनों नेताओं ने अपनी रणनीतिक साझेदारी और इंडो-पैसिफिक क्वाड साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए एकजुट होने का संकल्प लिया. इस संकल्प ने यह साफ कर दिया कि दोनों देश भविष्य में अपने संबंधों को और मजबूत करने के लिए तैयार हैं.


