मध्य प्रदेश में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल: रातों-रात 42 IAS अधिकारियों का तबादला
मध्य प्रदेश में मंगलवार की रात को बड़ा प्रशासनिक बदलाव किया गया. प्रदेश सरकार ने एक साथ 42 आईएएस अधिकारियों का तबादला कर दिया. इनमें से 12 जिलों के कलेक्टर भी बदले गए हैं. मुख्यमंत्री सचिवालय में भी बड़े बदलाव हुए हैं. भरत यादव की जगह सिबि चक्रवर्ती को मुख्यमंत्री का नया सचिव नियुक्त किया गया है.

मध्य प्रदेश में प्रशासनिक स्तर पर बड़ा फेरबदल हुआ है. मंगलवार रात सरकार ने 42 आईएएस अधिकारियों का तबादला कर दिया. इनमें 12 जिलों के कलेक्टर भी शामिल हैं. मुख्यमंत्री सचिवालय में भी बड़े बदलाव किए गए हैं. भरत यादव की जगह सिबि चक्रवर्ती को मुख्यमंत्री का नया सचिव बनाया गया है. उन्हें नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया है.
यह फेरबदल ऐसे समय में हुआ है जब सरकार अपनी प्रशासनिक व्यवस्था को अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में कदम उठा रही है. फेरबदल में मुख्य सचिव अनुराग जैन की महत्वपूर्ण भूमिका नजर आई है.
मुख्यमंत्री सचिवालय में बड़ा बदलाव
मुख्यमंत्री सचिवालय में सिबि चक्रवर्ती को सचिव बनाया गया है. भरत यादव, जो पहले मुख्यमंत्री के सचिव थे, को एमडी, मप्र सड़क विकास निगम का जिम्मा सौंपा गया है. सिबि चक्रवर्ती को नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग का अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया है.
12 जिलों के कलेक्टर बदले गए
इस प्रशासनिक फेरबदल में 12 जिलों के कलेक्टर बदले गए हैं. इनमें तीन महिला अधिकारियों को भी कलेक्टर बनाया गया है. सरकार ने 2015 बैच के युवा आईएएस अधिकारियों को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है.
मनीष सिंह को परिवहन और जेल विभाग की जिम्मेदारी
परिवहन सचिव मनीष सिंह को जेल विभाग के सचिव का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. मनीष रस्तोगी के विवादों के चलते नेहा मारव्या को कलेक्टर नहीं बनाया गया था, लेकिन प्रशासन में उनकी बेबाकी हमेशा चर्चा का विषय रही है.
नेहा मारव्या का संघर्ष और फील्ड पोस्टिंग की मांग
आईएएस नेहा मारव्या ने हाल ही में अपनी फील्ड पोस्टिंग को लेकर नाराजगी व्यक्त की थी. उन्होंने कहा था कि उन्हें 14 साल में एक बार भी फील्ड पोस्टिंग नहीं दी गई. मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से निवेदन करने के बावजूद उनकी मांगें अनसुनी रह गईं.
मुख्य सचिव अनुराग जैन की भूमिका प्रमुख
इस बार के तबादलों में मुख्य सचिव अनुराग जैन की छाप स्पष्ट रूप से दिखाई दी. युवा अधिकारियों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां देकर प्रशासन में नई ऊर्जा का संचार करने का प्रयास किया गया है. मध्य प्रदेश में इस बड़े फेरबदल से सरकार ने अपनी प्रशासनिक व्यवस्था को मजबूती देने की कोशिश की है. यह बदलाव दर्शाता है कि राज्य सरकार नई चुनौतियों से निपटने के लिए तत्पर है.


