नेपाल की सियासत में अमेरिका की एंट्री, चीन की उलझन बढ़ी
नेपाल में युवाओं के आंदोलन से चीन समर्थक पीएम ओली सत्ता से हटे, जिससे नेपाल की राजनीति भारत-अमेरिका के करीब जाती दिख रही है. अमेरिका एशिया में चीन के प्रभाव को संतुलित करने के लिए नेपाल, भारत और पाकिस्तान के साथ रणनीतिक संबंध मजबूत कर रहा है.

Political change in Nepal: नेपाल में बीते दिनों हुए युवाओं के तेज आंदोलन ने एक बड़ा राजनीतिक बदलाव ला दिया है. महज दो दिन चले इस विरोध प्रदर्शन ने केपी शर्मा ओली को सत्ता से बाहर कर दिया. यह घटना केवल नेपाल की राजनीति तक सीमित नहीं रही, बल्कि इसके प्रभाव एशिया की भू-राजनीति पर भी पड़े हैं. खासकर इसलिए क्योंकि ओली को चीन का करीबी और समर्थक नेता माना जाता था.
चीन की सैन्य परेड में भाग
ओली के कार्यकाल में नेपाल ने चीन की महत्वाकांक्षी “बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव” का समर्थन किया था. उन्होंने चीन की सैन्य परेड में भी भाग लिया था, जो अमेरिका को असहज कर गया था. जानकारों का मानना है कि ओली की सत्ता से विदाई में अमेरिका की अप्रत्यक्ष भूमिका हो सकती है. इस साल अमेरिका ने नेपाल में 500 मिलियन डॉलर की मदद के साथ मिलेनियम चैलेंज कॉम्पैक्ट (MCC) परियोजना को फिर से सक्रिय किया, जिसे चीन की BRI का विकल्प माना जा रहा है.
अब ओली की जगह नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की बनने जा रही हैं, जिनके भारत से अच्छे संबंध हैं. उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सार्वजनिक रूप से सराहना भी की है. इससे संकेत मिलते हैं कि नेपाल की विदेश नीति में अब चीन से दूरी और भारत-अमेरिका के करीब जाने का रुझान दिखेगा.
भारत-अमेरिका संबंधों पर असर
इस पूरे घटनाक्रम का असर भारत-अमेरिका संबंधों पर भी देखा जा सकता है. बीते कुछ वर्षों में दोनों देशों के बीच टैरिफ को लेकर तनाव रहा था, लेकिन हालिया घटनाओं से रिश्तों में फिर से गर्माहट आई है. अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल भारत दौरे की तैयारी में है और रक्षा समझौतों पर बातचीत की संभावना है.
दूसरी ओर, अमेरिका अब पाकिस्तान की ओर भी झुकाव दिखा रहा है, जो पारंपरिक रूप से चीन का सहयोगी रहा है. हाल ही में पाकिस्तानी सेना प्रमुख को व्हाइट हाउस में डिनर पर बुलाया गया, जो एक बड़ा संकेत माना जा रहा है. इसका मतलब साफ है कि अमेरिका अब एशिया में चीन के प्रभाव को संतुलित करने के लिए नई रणनीति पर काम कर रहा है, जिसमें नेपाल, भारत और पाकिस्तान जैसे देशों की भूमिका अहम होगी.


