अफगानिस्तान में फिर आया 6.2 की तीव्रता का भूकंप, कई लोगों की मौत की आशंका
अफगानिस्तान के हिंदू कुश क्षेत्र में 6.2 तीव्रता का भूकंप आया, जिसके झटके काबुल, मशहद और इस्लामाबाद तक महसूस हुए. यह भूकंप शनिवार के झटकों के बाद आया. यूएसजीएस ने नारंगी अलर्ट जारी किया है. यह क्षेत्र टेक्टोनिक प्लेटों के संगम पर स्थित होने से बार-बार भूकंप प्रभावित रहता है.

नई दिल्लीः अफगानिस्तान के हिंदू कुश क्षेत्र में रविवार को 6.2 तीव्रता का एक शक्तिशाली भूकंप आया. यह झटका उस क्षेत्र में एक दिन पहले आए हल्के भूकंप के तुरंत बाद महसूस किया गया. रिपोर्ट के अनुसार, भूकंप में कई लोगों के मरने की आशंका जताई जा रही है, जबकि 150 से ज्यादा घायल हुए हैं. बता दें कि जब इसी इलाके में 6 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें कम से कम 800 लोगों की मौत और सैकड़ों घायल हुए थे.
कहां था भूकंप का केंद्र?
अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, रविवार को आया यह भूकंप उत्तरी अफगानिस्तान में 28 किलोमीटर की गहराई पर दर्ज किया गया. इसका केंद्र खुल्म से 22 किलोमीटर पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम में था, जो मजार-ए-शरीफ शहर के पास स्थित है. भूकंप का समय स्थानीय समयानुसार सोमवार सुबह 12:59 बजे बताया गया. इसके झटके न सिर्फ अफगानिस्तान के काबुल में बल्कि ईरान के मशहद और पाकिस्तान के इस्लामाबाद तक महसूस किए गए.
लगातार झटकों से दहशत
यह झटका शनिवार देर रात आए 4.9 तीव्रता के भूकंप के एक दिन बाद महसूस हुआ. यूरोपीय-भूमध्यसागरीय भूकंप विज्ञान केंद्र (EMSC) ने बताया कि झटके कई आस-पास के प्रांतों में महसूस किए गए, हालाँकि प्रारंभिक रिपोर्टों में किसी बड़े नुकसान या जनहानि की सूचना नहीं मिली है.
संभावित तबाही का अंदेशा
यूएसजीएस के पेजर सिस्टम ने इस भूकंप के लिए नारंगी अलर्ट जारी किया है. यह एक स्वचालित चेतावनी प्रणाली है, जो भूकंप के प्रभाव का प्रारंभिक आकलन करती है. रिपोर्ट के अनुसार, “बड़ी संख्या में लोगों के हताहत होने की संभावना है और आपदा संभावित रूप से व्यापक हो सकती है.”
Footages from afghanistan After Earthquake of 6.3 Magnitude .... #Afghanistan #Earthquake pic.twitter.com/8uksGBTo1y
— INDIAN (@hindus47) November 3, 2025
पिछले घातक झटके की याद
इससे पहले 31 अगस्त को हिंदू कुश क्षेत्र में 6.0 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसका केंद्र जलालाबाद से 42 किलोमीटर पूर्व-उत्तर-पूर्व में था. उसके झटके पाकिस्तान की सीमा तक महसूस किए गए थे. उस विनाशकारी घटना में 800 से ज्यादा लोग मारे गए थे, जिसे 2023 के बाद का सबसे घातक भूकंप माना गया.
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— Najib Farhodi (@Najib_Farhodi) November 2, 2025
Due to the powerful #earthquake in Khulm, Samangan, bodies of people are being pulled out from under the rubble. It is said that this video shows three martyrs.#Afghanistan khulm 📍 pic.twitter.com/f8hmbiIjqT
भूकंप से कई इलाकों में भूस्खलन हुआ था और सड़कें बंद हो गई थीं, जिससे राहत कार्यों में बड़ी बाधा आई. सबसे ज़्यादा नुकसान कुनार प्रांत में हुआ, जहां नदी घाटियों में बसे गांव तबाह हो गए. अधिकारियों ने बताया कि उस समय 6,700 से अधिक घर पूरी तरह नष्ट हो गए थे.
भूकंप क्यों आते हैं इस क्षेत्र में?
अफगानिस्तान भूकंपीय रूप से अत्यंत सक्रिय क्षेत्र में आता है. हिंदू कुश पर्वत श्रृंखला यूरेशियन और भारतीय टेक्टोनिक प्लेटों के संगम पर स्थित है. यही कारण है कि इस इलाके में भूकंप बार-बार आते हैं और कई बार यह घातक रूप ले लेते हैं.


