भूकंप के तेज झटकों से तीन दिन में तीसरी बार कांपा पाकिस्तान...रिक्टर स्केल पर 4.7 रही तीव्रता
Pakistan earthquake 2025 : पाकिस्तान में लगातार तीसरे दिन भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिनमें सोमवार को आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.7 मापी गई. भूकंप का केंद्र उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में था और इसकी गहराई 10 किलोमीटर रही. लगातार आ रहे इन झटकों ने लोगों को दहशत में डाल दिया है. विशेषज्ञ इसे बड़ी भूगर्भीय हलचल की चेतावनी मान रहे हैं और सतर्कता बरतने की सलाह दे रहे हैं.

Pakistan earthquake 2025 : पाकिस्तान में सोमवार को फिर एक बार धरती हिल उठी, जब रिक्टर स्केल पर 4.7 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया. यह बीते तीन दिनों में देश में आया तीसरा भूकंप है, जिसने लोगों के बीच दहशत का माहौल पैदा कर दिया है. लगातार हो रही भूकंपीय गतिविधियों ने न केवल आम जनजीवन को प्रभावित किया है, बल्कि अधिकारियों की चिंता भी बढ़ा दी है.
झटकों से डरे लोग, घरों से बाहर निकल भागे
भूकंप का केंद्र और गहराई
पाकिस्तान मौसम विज्ञान विभाग (PMD) के अनुसार, यह भूकंप स्थानीय समयानुसार सुबह दर्ज किया गया, और इसका केंद्र पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में था. भूकंप की गहराई लगभग 10 किलोमीटर थी, जो इसे कम गहराई वाला भूकंप बनाता है. ऐसे भूकंप आमतौर पर ज़मीन की सतह पर अधिक प्रभाव डालते हैं.
तीन दिनों में तीन झटके
यह भूकंप पिछले तीन दिनों में आया तीसरा बड़ा झटका है. इससे पहले दो अन्य मध्यम तीव्रता वाले भूकंप पाकिस्तान के अलग-अलग हिस्सों में महसूस किए गए थे. विशेषज्ञों का मानना है कि यह सिस्मिक एक्टिविटी (भूकंपीय सक्रियता) का संकेत हो सकता है, जो एक बड़े भूकंप की पूर्व चेतावनी भी हो सकती है.
विशेषज्ञों की चेतावनी, अलर्ट रहने की जरूरत
भूकंप विज्ञानियों ने आम जनता और प्रशासन को सतर्क रहने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान भूकंप संभावित क्षेत्र में स्थित है, विशेषकर हिंदूकुश पर्वतीय क्षेत्र के पास, जहां टेक्टोनिक प्लेट्स की गतिविधि काफी तेज रहती है. इन झटकों को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है, क्योंकि यह एक बड़े और विनाशकारी भूकंप का संकेत हो सकता है.
सरकारी एजेंसियां सतर्क, राहत दल तैयार
भूकंप के बाद सरकार की आपदा प्रबंधन एजेंसियों ने स्थिति की समीक्षा शुरू कर दी है. राहत और बचाव दलों को तत्काल तैयार स्थिति में रखा गया है. स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाई जाए और इमारतों की संरचनात्मक जांच कराई जाए.
खतरे की घंटी या सामान्य प्रक्रिया?
हालांकि 4.7 तीव्रता का भूकंप बेहद बड़ा नहीं माना जाता, लेकिन तीन दिनों में तीन बार धरती का कांपना सामान्य भूगर्भीय प्रक्रिया से परे का संकेत भी हो सकता है. विशेषज्ञों की मानें तो ऐसे मामलों में सरकार और जनता दोनों को सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि भविष्य में बड़ा झटका आने की आशंका को नकारा नहीं जा सकता.


