अरुणाचल भारत का हिस्सा नहीं..., शंघाई एयरपोर्ट पर भारतीय महिला से बदसलूकी, पासपोर्ट पर लगाया चाइना का स्टैंप
अरुणाचल प्रदेश में जन्मीं और अब ब्रिटेन में रहने वाली प्रेमा वांगजोम थोंगडोक के साथ शंघाई एयरपोर्ट पर कुछ ऐसा हुआ कि हर भारतीय का खून खौल उठा.चीनी इमिग्रेशन अधिकारियों ने उनकी भारतीय पासपोर्ट को एक झटके में अमान्य घोषित कर दिया, घंटों हिरासत में रखा और जापान जाने वाली फ्लाइट भी मिस करवा दी.

नई दिल्ली: चीन के शंघाई पुडोंग एयरपोर्ट पर एक भारतीय मूल की यूके निवासी को घंटों हिरासत में रखे जाने और उत्पीड़न का सामना करने का मामला सामने आया है. महिला का आरोप है कि चीनी इमिग्रेशन अधिकारियों ने उसके भारतीय पासपोर्ट को यह कहकर मानने से इंकार कर दिया कि उसके बर्थप्लेश ‘अरुणाचल प्रदेश’ को चीन अपना हिस्सा मानता है. यह विवाद उस समय शुरू हुआ, जब वह लंदन से जापान की यात्रा के दौरान शंघाई में ट्रांजिट पर थीं.
लंदन निवासी प्रेमा वांगजॉम थोंगडोक, जो अरुणाचल प्रदेश से संबंध रखती हैं, ने बताया कि चीन के अधिकारियों ने उनके तीन घंटे के लेओवर को एक 18 घंटे की भयावह में बदल दिया. इस दौरान उन्हें न भोजन दिया गया, न स्पष्ट जानकारी, और न ही सामान्य हवाईअड्डा सुविधाओं का उपयोग करने की अनुमति.
इमिग्रेशन अधिकारियों ने कहा कि प्रेमा ने बताया कि सुरक्षा जांच से पहले उनका पासपोर्ट लेकर एक अधिकारी जोर से इंडिया चिल्लाते हुए उन्हें बुलाने लगा. बाद में उन्हें इमिग्रेशन काउंटर पर ले जाकर कहा गया कि अरुणाचल का, कोई वैध पासपोर्ट नहीं. उन्होंने बताया कि अधिकारियों ने उनसे कहा कि अरुणाचल प्रदेश चीन का हिस्सा है.
पासपोर्ट रोका और मजाक उड़ाया गया
चीनी पासपोर्ट लेने को कहा गया . पीड़िता ने आरोप लगाया कि कई इमिग्रेशन कर्मचारी और चाइना ईस्टर्न एयरलाइंस के स्टाफ ने उनका मजाक उड़ाया, हंसे और यहां तक कहा कि उन्हें चीनी पासपोर्ट के लिए अप्लाई करना चाहिए. उन्होंने बताया कि उनका पासपोर्ट जब्त कर लिया गया और वैध वीजा होने के बावजूद उन्हें जापान की उड़ान में बोर्डिंग से रोक दिया गया. इस दौरान वह न तो टिकट रीबुक कर सकीं, न भोजन खरीद सकीं और न ही टर्मिनल बदल सकीं. उनका आरोप है कि उन्हें चीन पूर्वी की ही नई टिकट खरीदने का दबाव डाला गया और संकेत दिया गया कि तभी उनका पासपोर्ट लौटाया जाएगा.
18 घंटे के बाद मिला भारत का सहारा
आखिरकार, यूके में एक दोस्त की मदद से वह शंघाई स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास से संपर्क कर सकीं. भारतीय अधिकारियों ने देर रात उन्हें अगली फ्लाईट तक एस्कॉर्ट किया और सुरक्षित रवाना कराया. प्रेमा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखकर इस घटना को भारत की संप्रभुता और अरुणाचल प्रदेश के नागरिकों का सीधा अपमान बताया है.
बीजिंग से जवाबदेही और मुआवजे की मांग
प्रेमा ने भारत सरकार से आग्रह किया है कि वह इस मामले को चीन के समक्ष उठाए और इमिग्रेशन तथा एयरलाइन कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करे. साथ ही उन्होंने कहा है कि अरुणाचल प्रदेश के भारतीय नागरिकों को भविष्य में ऐसी समस्याओं का सामना न करना पड़े, इसके लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं.


