राष्ट्रपति बनते ही ट्रंप ने धड़ाधड़ की फाइलें साइन, पहले दिन ही बना दिया हस्ताक्षर करने का रिकॉर्ड, बदल दिए बाइडेन के कई फैसले
राष्ट्रपति ट्रंप ने शपथ ग्रहण के बाद जोशीला भाषण दिया और अमेरिका के 'स्वर्ण युग' की वापसी की घोषणा कर दी. ट्रंप ने अमेरिका के इस 'स्वर्ण युग' को जमीन पर उतारने के लिए के लिए धड़ाधड़ आदेश जारी किए. इसके बाद अतंर्राष्ट्रीय राजनीति और कूटनीति में टकरावों और मैनिपुलेशन का दौर शुरू हो सकता है.

डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ले चुके हैं. शपथ लेने के बाद ट्रंप ने एक के बाद एक कई फाइलों पर हस्ताक्षर किएं. इनमें पेरिस समझौते से बाहर आना, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से एग्जिट लेने जैसे फैसले भी शामिल हैं. ट्रंप की प्रेस सेक्रटरी समते उनके ऑफिस के कई कर्मचारी कमरे में मौजूद थे और ट्रंप फाइलों पर एक के बाद एक साइन किए जा रहे थे. राष्ट्रपति पद के शपथ के ठीक बाद कार्यकारी आदेश की फाइलें लिए राष्ट्रपति ऑफिस का कर्मचारी खड़ा था, जिसमें हाथों में फाइलों का ढेर था.
ट्रंप ने शपथ लेते ही अमेरिकी प्रशासन में व्यापक फेरबदल शुरू कर दिया है. ट्रंप ने राष्ट्रपति बनने के बाद अपने पहले संबोधन में कहा है कि अमेरिका के 'स्वर्ण युग' का अवतरण आज से हो गया है. उन्होंने अमेरिका में थर्ड जेंडर को अमान्य घोषित कर दिया है. उन्होंने कहा कि अगले चार वर्षों के लिए अपना विजन प्रस्तुत किया. ट्रंप ने 20 जनवरी को अमेरिका के लिए "मुक्ति दिवस" की घोषणा की और कहा कि 'अमेरिकी पतन' का समय समाप्त हो गया है और वह "बहुत जल्दी" बदलाव लाएंगे. ट्रंप ने कहा कि अमेरिका का स्वर्णिम युग अभी शुरू हो रहा है. इस दिन से हमारा देश फलेगा-फूलेगा और पूरी दुनिया में फिर से सम्मान प्राप्त करेगा.
ट्रंप ने कहा कि वे ऐसा अमेरिका बनाएंगे जिससे दूसरे देशों को जलन होगी, अब हम लोग दूसरे देशों को फायदा नहीं उठाने देंगे. आइए जानते हैं कि ट्रंप के 10 बड़े फैसले क्या हैं और इसका असर क्या हो सकता है.
WHO को गुडबाय
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ा कदम लेते हुए अमेरिका को विश्व स्वास्थ्य संगठन से बाहर कर लिया है. अब अमेरिका WHO का सदस्य नहीं रह गया है. इस फैसले की वजह से WHO पर भारी असर पड़ने वाला है. WHO को अमेरिका से मिलने वाली फंडिंग बंद हो जाएगी. इसका असर दुनिया भर में चल रही WHO की कई स्कीम पर पड़ने वाला है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को 2020 में COVID-19 महामारी के प्रति अपने रवैये के लिए ट्रंप की तीखी आलोचना का सामना करना पड़ा था. इसके अलावा ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका से लगभग 300 गुना ज्यादा बड़ी आबादी होने के बावजूद चीन WHO को अमेरिका के मुकाबले 90 गुना कम फंड देता है. ट्रंप ने इसे अनुचित बताया था.
पेरिस समझौते से पीछे हटे
ट्रंप ने सोमवार को जलवायु परिवर्तन पर महत्वाकांक्षी पेरिस समझौते से भी हटने का फैसला किया है. ट्रंप ने सोमवार को एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जो उनके चुनावी वादे को पूरा करता है. ट्रंप ने कहा, "मैं अनुचित एकतरफा पेरिस जलवायु समझौते से तुरंत हट रहा हूं."
नो थर्ड जेंडर, अमेरिका में सिर्फ स्त्री और पुरुष होंगे
राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिकी समाज पर व्यापक असर डालने वाले एक फैसले के तहत देश में थर्ड जेंडर का कॉन्सेप्ट ही खत्म कर दिया है. उन्होंने कहा है कि देश में सिर्फ दो ही जेंडर होंगे स्त्री और पुरुष. इस वजह से अमेरिका में थर्ड जेंडर को मिलने वाली सुविधाएं खत्म हो जाएंगी. दरअसल अमेरिका में कई युवा प्रोपगेंडा से प्रभावित होकर अपना जेंडर बदल रहे थे. उद्योगपति एलन मस्क के बेटे ने भी ऐसा ही कदम उठाया था. इसके बाद ट्रंप ने इसे खत्म करने का वादा किया था.
फ्री स्पीच की पैरवी
अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति बनते ही ट्रंप ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की पैरवी की है. डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसमें सरकारी एजेंसियों को अमेरिकियों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन न करने का निर्देश दिया गया.
कैपिटल वन एरिना में कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करने से पहले ट्रम्प ने कहा, "अमेरिका में हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में विश्वास करते हैं और हम इसे एक औजार के रूप में इस्तेमाल करने से रोकने के लिए इससे जुड़ा आदेश आज से इसे वापस ला रहे हैं."
BRICS को धमकी
राष्ट्रपति ट्रंप ने ब्रिक्स देशों के समूह को धमकी दी है और कहा है कि अगर ये समूह अमेरिका विरोधी नीतियां लाता है तो उन्हें भी परिणाम भुगतना पड़ेगा और वे खुश नहीं रह पाएंगे. गौरतलब है कि ब्रिक्स में भारत भी शामिल है. ट्रंप ने कहा कि इन देशों ने अमेरिका के हितों के विपरित कई चीजें करने की कोशिश की, अगर ये देश आगे भी ऐसा करते रहते हैं तो फिर उनके साथ जो होगा उसके बाद वे देश खुश नहीं रह पाएंगे.
मेक्सिको बॉर्डर पर इमरजेंसी
राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिका के बॉर्डर को सीलबंद और सुरक्षित करने का फैसला किया है. राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद अपने संबोधन में डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका की दक्षिणी सीमा पर नेशनल इमरजेंसी की घोषणा की. बता दें कि अमेरिका की दक्षिणी सीमा मेक्सिको से लगती है. अमेरिका को मेक्सिको बॉर्डर से बड़े पैमाने पर अवैध प्रवासियों के घुसपैठ का सामना करना पड़ता है.अब इस बॉर्डर से घुसपैठ रोकने के लिए यहां सेना की तैनाती की गई है.
इस फैसले की वजह से अमेरिका में घुसने की कोशिश कर रहे घुसपैठियों का दाना-पानी बंद हो जाएगा. चुनाव के दौरान अमेरिक में घुसपैठ बड़ा मुद्दा बना था.
इसके अलावा ट्रंप ने एक ऐसे आदेश पर हस्ताक्षर किए जो संयुक्त राज्य अमेरिका में जन्मे लोगों को नागरिकता प्रदान करने वाली नीति को समाप्त कर देगा, जिससे निश्चित रूप से एक लंबी अदालती लड़ाई शुरू हो जाएगी. इससे पहले अमेरिका में पैदा हुए बच्चे को नैचुरल रूप से अमेरिका की नागरिकता मिल जाती थी.
मैक्सिकन ड्रग कार्टेल को आतंकवादी संगठन घोषित किया
ट्रंप के एक अन्य कार्यकारी आदेश के बाद मैक्सिकन ड्रग कार्टेल को आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया गया है. ट्रंप ने संघीय भर्तियों पर भी रोक लगा दी है और सरकारी कर्मचारियों को घर से काम करने के बजाय कार्यालय लौटने का आदेश दिया है. उन्होंने "सरकारी दक्षता विभाग" बनाने के लिए कागजी कार्रवाई पर भी हस्ताक्षर किए, जो अरबपति एलन मस्क की अध्यक्षता में एक बाहरी सलाहकार बोर्ड है जिसका उद्देश्य सरकारी खर्च के बड़े हिस्से में कटौती करना है.


