अमेरिका का बड़ा वार, बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी को आतंकवादी घोषित कर पाकिस्तान और चीन की बढ़ी बेचैनी
बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी पाकिस्तान की हुकूमत के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द बन चुकी है। अमेरिका ने इसे अब आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया है, जिससे इसका अंतरराष्ट्रीय समर्थन कमजोर पड़ सकता है।

International News: अमेरिका ने बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) को आतंकवादी संगठन करार दिया है। ये कदम अचानक नहीं आया, बल्कि सालों से चल रही खून-खराबे और हमलों की वजह से लिया गया है। वाशिंगटन ने साफ कहा है कि ये संगठन अब सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं, बल्कि पूरे इलाके की अमन-ओ-शांति के लिए खतरा है। मार्च में बीएलए ने क्वेटा से पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस को हाइजैक कर लिया था। यात्रियों को बंधक बनाकर 40 घंटे तक रखा गया। पाकिस्तानी फौज को ट्रेन छुड़ाने में पसीने छूट गए। इस वारदात ने दिखा दिया कि बीएलए अब पहाड़ों में छिपा छोटा गिरोह नहीं, बल्कि संगठित और प्रशिक्षित लड़ाकों का एक मज़बूत ग्रुप है।
बलूचिस्तान का दर्द
बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा और सबसे कम आबादी वाला सूबा है, जो सोना, गैस, तांबा और कोयले जैसे संसाधनों से भरा है। लेकिन यहां के लोग गरीबी और बेरोजगारी में जी रहे हैं। बलूच समुदाय का कहना है कि हुकूमत उनकी दौलत लूट रही है, लेकिन बदले में उन्हें कुछ नहीं मिल रहा।
नवाब बुगती की मौत
2006 में पाकिस्तानी फौज ने बलूच नेता नवाब अकबर बुगती को मार गिराया। बुगती न सिर्फ अपने कबीलों के सरदार थे, बल्कि बलूचिस्तान के पूर्व मुख्यमंत्री भी रह चुके थे। उनकी मौत ने आग में घी का काम किया और बलूच नौजवानों में यह यकीन बैठ गया कि पाकिस्तान उनसे सुलह नहीं, बल्कि सरेंडर चाहता है।
बीएलए की बदलती सूरत
पहले बीएलए कबीलों के बुजुर्गों के हाथ में था, लेकिन असलम बलूच और बशीर जेब जैसे पढ़े-लिखे नौजवानों ने इसे नई शक्ल दी। अब इस संगठन में बलूच छात्र, औरतें और शहरों में पढ़े-लिखे लोग भी शामिल हैं। मजीद ब्रिगेड नाम की यूनिट आत्मघाती हमलों में माहिर है और चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के प्रोजेक्ट्स को निशाना बनाती है।
औरतों की अहम भागीदारी
बीएलए में शरी बलूच और सुमैया कलंदरानी जैसी औरतें भी आत्मघाती हमले कर चुकी हैं। बलूचिस्तान जैसे समाज में औरतों का हथियार उठाना एक बड़ा बदलाव है। ये दिखाता है कि आंदोलन अब घर-घर तक पहुंच चुका है और सिर्फ मर्दों तक सीमित नहीं है।
आज़ादी की जंग या आतंक?
बीएलए का दावा है कि वो बलूचिस्तान की आज़ादी के लिए लड़ रहा है। लेकिन पाकिस्तान और कई मुल्क कहते हैं कि हिंसा इसे आतंक बना देती है। सड़कें उड़ाना, ट्रेन रोकना और सरकारी ठिकानों पर हमला करना दुनिया की नजर में इसे अमन का पैरोकार नहीं रहने देता। अमेरिका ने अब इसे सीधे तौर पर खतरा मानकर कड़ी कार्रवाई का रास्ता खोल दिया है।


