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भारत की ‘धक्का नीति’ पर बांग्लादेश सख्त, सेना ने चेताया – जरूरत पड़ी तो करेंगे कार्रवाई

बांग्लादेशी सेना ने भारत द्वारा अवैध प्रवासियों को सीमा पर सौंपने की कार्रवाई को "अस्वीकार्य" बताया है. ब्रिगेडियर जनरल नाजिम-उद-दौला ने कहा कि जरूरत पड़ने पर सेना हस्तक्षेप के लिए तैयार है.

Suraj Mishra
Edited By: Suraj Mishra

भारत और बांग्लादेश के बीच अवैध आव्रजन और सीमा पार गतिविधियों को लेकर हाल के दिनों में तनाव बढ़ा है. बांग्लादेशी सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भारतीय अधिकारियों द्वारा बिना दस्तावेज़ वाले बांग्लादेशियों को "धकेलने" की कार्रवाई को "अस्वीकार्य" बताते हुए कहा है कि यदि आवश्यक हुआ तो बांग्लादेशी सेना इस मामले में कदम उठाने के लिए तैयार है. इस बयान से दोनों देशों के बीच सीमा सुरक्षा और अवैध प्रवासन के मुद्दे पर बढ़ती चिंता को रेखांकित किया गया है.

भारतीय कार्रवाई और बांग्लादेश की प्रतिक्रिया

भारत में बांग्लादेशी नागरिकों की अवैध उपस्थिति को लेकर हाल के महीनों में कई गिरफ्तारियां हुई हैं. उदाहरण के लिए, मार्च 2025 में दिल्ली पुलिस ने 24 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया, जिनके पास बांग्लादेश सरकार द्वारा जारी राष्ट्रीय पहचान पत्र थे. इनमें से कुछ ने भारतीय पहचान दस्तावेज़ भी प्राप्त कर रखे थे, जो उनके अवैध प्रवास को दर्शाते हैं. पुलिस ने इन दस्तावेज़ों को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और संबंधित अधिकारियों को सौंपने की योजना बनाई है.

बांग्लादेशी अधिकारियों ने भारतीय कार्रवाई को "धकेलना" करार दिया है. ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद नाज़िम-उद-दौला ने कहा कि बांग्लादेशी सीमा सुरक्षा बल (बीजीबी) इस स्थिति को प्रभावी ढंग से संभाल रहा है, लेकिन यदि सरकार निर्देश देती है तो सेना भी कदम उठाने के लिए तैयार है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार और सेना के बीच कोई मतभेद नहीं हैं और दोनों मिलकर काम कर रहे हैं.

भारत में अवैध प्रवासियों की स्थिति

भारत में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों की संख्या को लेकर विभिन्न अनुमान हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में 2,399 बांग्लादेशी नागरिकों को धोखाधड़ी से भारतीय दस्तावेज़ों का उपयोग करते हुए पाया गया है. इसके अतिरिक्त, जनवरी 2024 से जनवरी 2025 के बीच, भारत-बांग्लादेश सीमा पर कुल 2,601 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया.

अवैध प्रवासियों की पहचान और निर्वासन की प्रक्रिया जटिल है. हाल ही में, गुवाहाटी में 150 संदिग्ध अवैध प्रवासियों को हिरासत में लिया गया, जिससे स्थानीय समुदाय में आक्रोश फैल गया. कई लोगों ने दावा किया कि उनके पास वैध भारतीय दस्तावेज़ हैं और उन्हें गलत तरीके से निशाना बनाया जा रहा है. 

सीमा सुरक्षा और बाड़बंदी

भारत और बांग्लादेश के बीच 4,096.7 किलोमीटर लंबी सीमा है, जिसमें से 3,145 किलोमीटर पर बाड़ लगाई जा चुकी है. बाकी हिस्से पर भी बाड़ लगाने की योजना है, लेकिन नदियों और घनी आबादी वाले क्षेत्रों के कारण कुछ चुनौतियाँ सामने आ रही हैं. इसके अतिरिक्त, सीमा पर अवैध निर्माण और गतिविधियों को लेकर बीएसएफ और बीजीबी के बीच हाल ही में आपसी आपत्तियाँ भी सामने आई हैं.

कूटनीतिक पहल और भविष्य की दिशा

बांग्लादेशी अधिकारियों ने कहा है कि वे अवैध रूप से भारत में रह रहे अपने नागरिकों को उचित कूटनीतिक चैनलों के माध्यम से वापस भेजेंगे. इसके लिए विदेश मंत्रालय पहले ही भारत को पत्र लिख चुका है और उच्च स्तरीय प्रतिनिधियों के माध्यम से संवाद बनाए हुए हैं.

दोनों देशों के बीच अवैध प्रवास और सीमा सुरक्षा के मुद्दे पर कूटनीतिक संवाद और सहयोग की आवश्यकता है. यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि दोनों पक्षों के नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन न हो और सीमा पार गतिविधियाँ नियंत्रित रहें. इसके लिए दोनों देशों को एक साझा रणनीति और समझौते की आवश्यकता होगी, जो दीर्घकालिक शांति और सुरक्षा सुनिश्चित कर सके.

अंततः अवैध प्रवास और सीमा सुरक्षा के मुद्दे पर भारत और बांग्लादेश को मिलकर काम करना होगा ताकि दोनों देशों के नागरिकों की सुरक्षा और अधिकार सुनिश्चित किए जा सकें.

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26 May 2025, 09:57 PM IST

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