बांग्लादेश को पाकिस्तान से हाथ मिलाना पड़ा भारी, भीख मांगने की आई नौबत... यूनुस सरकार की बढ़ीं मुश्किलें
बांग्लादेश में हालात दिन-ब-दिन बिगड़ते जा रहे हैं. मोहम्मद यूनुस की सरकार बनने के बाद से देश में शांति की तलाश जारी है, लेकिन अब हालात और खराब हो चुके हैं. पाकिस्तान से हाथ मिलाने के बाद बांग्लादेश की किस्मत भी फूट गई. सबसे बड़ी मुसीबत बिजली संकट की आ रही है! बकाया भुगतान न होने के कारण आने वाली गर्मियों में बांग्लादेश को भारी बिजली किल्लत का सामना करना पड़ सकता है. क्या यूनुस सरकार इस संकट से निपट पाएगी या बांग्लादेश और अंधेरे में डूब जाएगा? पढ़ें पूरी खबर!

Bangladesh Dark Fate: बांग्लादेश में हालात दिन-ब-दिन खराब होते जा रहे हैं. मोहम्मद यूनुस की अगुवाई में बनी अंतरिम सरकार के बाद देश में शांति की तलाश जारी है, लेकिन हालात सुधरने के बजाय बिगड़ते ही जा रहे हैं. पाकिस्तान से हाथ मिलाने के बाद तो बांग्लादेश की हालत और खराब हो गई है. अब वहां बिजली संकट गहराने वाला है, जिससे गर्मियों में लोगों को भारी परेशानी झेलनी पड़ सकती है.
बिजली संकट से मचेगी हाहाकार!
बांग्लादेश में आने वाले दिनों में बिजली की जबरदस्त किल्लत देखने को मिलेगी. सरकार बिजली उत्पादकों, गैस सप्लायर्स और विदेशी कर्जदाताओं को बकाया चुकाने में नाकाम हो रही है. बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड (BPDB) पर विभिन्न कंपनियों का 43,473 करोड़ टका बकाया है, जिसमें भारतीय अडानी ग्रुप का 10,309 करोड़ टका, स्थानीय निजी बिजली कंपनियों (IPPs) का 16,000 करोड़ टका और अन्य संयुक्त बिजली संयंत्रों का 10,000 करोड़ टका बकाया है. इसके अलावा गैस आपूर्ति के लिए पेट्रोबांग्ला को 7,164 करोड़ टका का भुगतान बाकी है.
अगर सरकार जल्द से जल्द इन बकाया राशियों का भुगतान नहीं करती, तो 3,500-4,000 मेगावाट बिजली उत्पादन की कमी हो सकती है. पिछली गर्मियों में भी बांग्लादेश सरकार 2,000 मेगावाट की कमी को पूरा नहीं कर पाई थी, और इस साल यह संकट और गहरा सकता है.
बिजली की मांग बढ़ेगी, लेकिन सरकार तैयार नहीं!
बांग्लादेश इंडिपेंडेंट पावर प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (BIPPA) का कहना है कि हर साल बिजली की मांग 6% बढ़ रही है. इस बार गर्मियों में 18,232 मेगावाट की मांग होगी, लेकिन सरकार इतनी बिजली सप्लाई नहीं कर पाएगी. बीआईपीपीए ने साफ कहा है कि अगर बकाया भुगतान नहीं हुआ तो बिजली उत्पादन के लिए जरूरी ईंधन खरीदना मुश्किल हो जाएगा और स्थिति और गंभीर हो जाएगी.
बीआईपीपीए अध्यक्ष डेविड हसनात ने चेतावनी दी है कि बिजली उत्पादकों को बकाया चुकाए बिना उत्पादन जारी रखना नामुमकिन है. सरकार ने हाल ही में 8,000 करोड़ टका का भुगतान जरूर किया है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है. अगर जल्द ही समस्या का समाधान नहीं निकला तो बांग्लादेश को बड़े पैमाने पर बिजली संकट झेलना पड़ेगा.
यूनुस सरकार के लिए चेतावनी की घंटी!
मोहम्मद यूनुस सरकार के लिए यह संकट एक बड़े खतरे की घंटी है. पाकिस्तान से हाथ मिलाने के बाद से ही उनकी नीतियों पर सवाल उठने लगे हैं, और अब बिजली संकट ने स्थिति को और बिगाड़ दिया है. अगर यह संकट नहीं सुलझा तो बांग्लादेश की जनता को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. क्या यूनुस सरकार इस संकट से निपट पाएगी या बांग्लादेश और गहरे अंधेरे में डूब जाएगा? यह देखने वाली बात होगी!


