लुंगी पहनकर भागे बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति! अब्दुल हमीद ने पकड़ी थाईलैंड की फ्लाइट

पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल हमीद सुबह 3 बजे थाईलैंड रवाना हो गए, जिस पर हत्या मामले में नामजद होने के बावजूद मेडिकल बहाने से देश छोड़ने का आरोप है. जिसे लेकर अब अंतरिम सरकार ने जांच बैठा दी है.

बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद अब्दुल हमीद ने सुबह 3 बजे उस वक्त देश छोड़ दिया जब ज्यादातर नागरिक नींद में थे. ढाका के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से थाई एयरवेज की एक उड़ान में सवार होकर उन्होंने थाईलैंड की ओर रुख किया. उनकी इस गुपचुप उड़ान ने पूरे देश में राजनीतिक हलचल मचा दी है और अंतरिम सरकार ने तुरंत एक उच्चस्तरीय जांच कमेटी का गठन किया है.

81 साल के हमीद पर साल 2024 में प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसक कार्रवाई करवाने के गंभीर आरोप हैं. उनके खिलाफ एक हत्या के मामले में नामजद एफआईआर भी दर्ज है. ऐसे में उनका अचानक देश से बाहर जाना कई सवाल खड़े कर रहा है.

हत्या के मामले में नामजद आरोपी

जनवरी 2024 में किशोरगंज सदर थाने में दर्ज एक हत्या मामले में हमीद के साथ-साथ प्रधानमंत्री शेख हसीना, उनकी बहन शेख रेहाना, पुत्र सजीब वाजेद जॉय और पुत्री साइमा वाजेद पुतुल को भी आरोपी बनाया गया है. इस मामले में पूर्व मंत्री ओबैदुल कादर का नाम भी शामिल है. आरोप है कि इन नेताओं की भूमिका प्रदर्शनकारियों पर हुई हिंसक कार्रवाई में रही है.

मेडिकल बहाने से हुआ देश से बाहर रवाना

स्थानीय अखबार ‘प्रतिदिन’ और ‘बर्तमान’ की रिपोर्ट के मुताबिक, अब्दुल हमीद अपने भाई और बहनोई के साथ ‘मेडिकल ट्रीटमेंट’ के बहाने थाईलैंड गए. उन्होंने सफर के दौरान पारंपरिक लुंगी पहन रखी थी. एयरपोर्ट के सीसीटीवी फुटेज में उन्हें व्हीलचेयर पर जाते हुए देखा गया है, जिससे ये अंदाजा लगाया जा रहा है कि उन्होंने बीमारी का हवाला देकर देश से बाहर निकलने की योजना बनाई.

अंतरिम सरकार की कड़ी प्रतिक्रिया

प्रधानमंत्री मुहम्मद यूनूस के नेतृत्व वाली सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए तत्काल एक उच्च स्तरीय जांच समिति गठित की है. इस समिति की अगुवाई शिक्षा सलाहकार सीआर अबरार को सौंपी गई है. इसके साथ ही, ढाका एयरपोर्ट पर तैनात कई पुलिस अधिकारियों को निलंबित और स्थानांतरित कर दिया गया है.

स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन (SAD) ने दी चेतावनी

आरक्षण विरोधी आंदोलन से उभरे छात्र संगठन SAD ने इस घटना को व्यवस्था का सीधा उल्लंघन करार देते हुए दोषियों पर 24 घंटे के भीतर सख्त कार्रवाई की मांग की है. SAD प्रतिनिधियों ने बातचीत में कहा कि जो लोग अब्दुल हमीद को देश से बाहर जाने में मददगार बने, उन्हें बख्शा नहीं जाना चाहिए.

राजनीतिक विरोधियों ने राष्ट्रपति पर साधा निशाना

बांग्लादेश के प्रमुख राजनेता हन्नान मंसूद ने दावा किया है कि अब्दुल हमीद की विदेश यात्रा राष्ट्रपति मोहम्मद शाहाबुद्दीन चुप्पू की सहमति से हुई है. उनका आरोप है कि सत्ता में बैठे लोग अब्दुल हमीद को सजा से बचाने के लिए मिलीभगत कर रहे हैं. इन आरोपों की पुष्टि ‘आमादेर समय’ अखबार की रिपोर्ट में भी की गई है.

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14 May 2025, 07:18 PM IST

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