score Card

चीन-पाकिस्तान संग 'तिकड़ी' को बांग्लादेश की 'NO'! यूनुस सरकार ने भारत को दे डाला बड़ा ऑफर

बांग्लादेश ने चीन-पाकिस्तान की रणनीति पर पानी फेरते हुए साफ किया कि हालिया बैठक भारत के खिलाफ नहीं थी. यूनुस सरकार अब भारत के साथ संबंध सुधारने की दिशा में सक्रिय है और त्रिपक्षीय गठजोड़ की अटकलों को खारिज करते हुए नई दिल्ली को सहयोग का स्पष्ट संदेश दिया है.

Dimple Yadav
Edited By: Dimple Yadav

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार अब भारत के साथ अपने संबंधों को सुधारने की दिशा में सक्रिय हो गई है. कार्यवाहक सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस और उनके विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन ने यह साफ कर दिया है कि वे भारत को लेकर कोई नकारात्मक नीति नहीं अपना रहे. 26 जून को दिए एक बयान में हुसैन ने स्पष्ट किया कि हाल ही में चीन और पाकिस्तान के साथ हुई बैठक का भारत को दरकिनार करने से कोई लेना-देना नहीं था.

कुनमिंग में आयोजित चीन-दक्षिण एशिया प्रदर्शनी और सहयोग मंच के दौरान बांग्लादेश, पाकिस्तान और चीन के प्रतिनिधियों के बीच बैठक हुई थी. इस पर पाकिस्तान और चीन की तरफ से ऐसे बयान सामने आए, जिससे यह संदेश गया कि तीनों देश किसी नए रणनीतिक गठजोड़ की तरफ बढ़ रहे हैं. पाकिस्तान ने तो इसे बाकायदा एक "त्रिपक्षीय गुट" के तौर पर पेश किया. लेकिन बांग्लादेश ने इस धारणा को सिरे से नकारा है.

बांग्लादेश ने बताया ‘नॉर्मल मीटिंग’

बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय के मुताबिक यह बैठक पूरी तरह से गैर-राजनीतिक थी. तौहीद हुसैन ने कहा कि यह सिर्फ एक मंच के दौरान हुई सामान्य बातचीत थी जिसमें कनेक्टिविटी और आपसी सहयोग जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई. उन्होंने यह भी कहा कि इसमें कुछ भी छिपा हुआ नहीं था और न ही भारत के खिलाफ कोई रणनीति बनाई गई थी.

भारत के साथ फिर से संबंधों की कोशिश

तौहीद हुसैन ने स्वीकार किया कि भारत और शेख हसीना सरकार के बीच गहरे रिश्ते थे, लेकिन फिलहाल भारत के साथ वैसे संबंध नहीं हैं. उन्होंने कहा कि मौजूदा कार्यवाहक सरकार भारत के साथ रिश्ते सुधारना चाहती है. यहां तक कि यदि भारत, नेपाल और बांग्लादेश की कोई साझा बैठक होती है तो ढाका उसमें शामिल होने के लिए तैयार रहेगा.

पाकिस्तान और चीन को झटका

इस पूरे घटनाक्रम से पाकिस्तान और चीन को बड़ा झटका लगा है. जिस त्रिपक्षीय गठजोड़ की पाकिस्तान कोशिश कर रहा था, उस पर बांग्लादेश ने साफ इनकार कर दिया है. इससे यह संकेत गया है कि बांग्लादेश फिलहाल किसी ऐसे ब्लॉक का हिस्सा नहीं बनना चाहता जो भारत विरोधी हो.

नई दिल्ली को भेजा गया सकारात्मक संदेश

बांग्लादेश की यह नई रणनीति भारत के लिए सकारात्मक संदेश है. ढाका की कोशिश है कि बीते कुछ महीनों में आई कड़वाहट को खत्म किया जाए और भारत के साथ रिश्तों में नई जान फूंकी जाए. मोहम्मद यूनुस सरकार भारत के साथ पुराने संबंधों को फिर से जीवित करना चाहती है.

calender
27 June 2025, 07:16 AM IST

ताजा खबरें

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag