BLA ने पाकिस्तान पर किया हमला, उड़ाई चौकी...गैस पाइपलाइन को भी बनाया निशाना
बलूचिस्तान में बलूच विद्रोहियों द्वारा पाकिस्तानी सेना की चौकी और एक महत्वपूर्ण गैस पाइपलाइन को उड़ा दिया गया, जिससे पाकिस्तान सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं. इस हमले में कई सुरक्षाकर्मी घायल हुए और गैस आपूर्ति बाधित हो गई. बलूच जनता लंबे समय से आजादी की मांग कर रही है और संसाधनों के शोषण का आरोप लगाती है. हमले ने पाकिस्तान की कमजोर सुरक्षा व्यवस्था और बलूचिस्तान पर कमजोर होती पकड़ को उजागर किया है, जिससे क्षेत्रीय अस्थिरता और बढ़ गई है.

पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में हाल ही में हुई एक जबरदस्त घटना ने पाकिस्तान सरकार और सेना के लिए नई मुसीबतें खड़ी कर दी हैं. बलूच विद्रोहियों ने न केवल एक सैन्य चौकी को उड़ा दिया, बल्कि एक अहम गैस पाइपलाइन को भी बम धमाके से तबाह कर दिया. यह पाइपलाइन बलूचिस्तान से होकर पाकिस्तान के अन्य हिस्सों में गैस की आपूर्ति करती थी.
पाकिस्तानी सैन्य चौकी पर हमला
मीडिया रिपोर्ट्स और स्थानीय सूत्रों के अनुसार, बलूच विद्रोहियों ने एक सुनियोजित हमले में पाकिस्तान आर्मी की एक चौकी को निशाना बनाया. यह चौकी बलूचिस्तान के एक संवेदनशील क्षेत्र में स्थित थी, जहां लंबे समय से पाकिस्तान सेना की उपस्थिति है. विस्फोट इतना तीव्र था कि चौकी पूरी तरह से तबाह हो गई और कई सुरक्षाकर्मी घायल हुए हैं, जबकि कुछ के मारे जाने की भी अपुष्ट खबरें हैं.
गैस पाइपलाइन को बनाया दूसरा निशाना
उसी दिन, बलूच विद्रोहियों ने एक और बड़ा कदम उठाते हुए बलूचिस्तान से गुजरने वाली प्रमुख गैस पाइपलाइन को बम से उड़ा दिया. यह पाइपलाइन पाकिस्तान के पंजाब और सिंध क्षेत्रों में गैस की आपूर्ति के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है. इस धमाके के बाद पूरे क्षेत्र में गैस आपूर्ति बाधित हो गई है और तकनीकी टीम को मरम्मत के लिए भेजा गया है.
बढ़ती नाराजगी और आजादी की मांग
बलूचिस्तान लंबे समय से पाकिस्तान से अलग होने की मांग करता रहा है. वहां के लोगों का आरोप है कि पाकिस्तान सरकार ने इस क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों का शोषण तो किया, लेकिन स्थानीय लोगों को अधिकार और विकास से वंचित रखा गया. यही कारण है कि समय-समय पर बलूच विद्रोही संगठन पाकिस्तान की सरकार और सेना के खिलाफ हिंसक कार्रवाई करते हैं.
सुरक्षा एजेंसियों की बढ़ी चिंता
इस हमले के बाद पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों की चिंता और बढ़ गई है. एक ओर भारत के साथ सीमा पर तनाव चरम पर है, वहीं देश के अंदरूनी हिस्सों में इस तरह के हमले सरकार की असफल सुरक्षा नीतियों को उजागर करते हैं. पाकिस्तानी सेना ने इलाके में तलाशी अभियान शुरू कर दिया है, लेकिन अब तक किसी भी हमलावर को पकड़ा नहीं जा सका है.
पाकिस्तान की कमजोर होती पकड़
बलूचिस्तान में हुए इस हमले ने एक बार फिर यह दिखा दिया है कि पाकिस्तान सरकार की इस क्षेत्र पर पकड़ बेहद कमजोर होती जा रही है. प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर इस प्रांत में लगातार अस्थिरता और विद्रोह की घटनाएं पाकिस्तान के लिए बड़ी रणनीतिक चुनौती बनती जा रही हैं.