Canada Election 2025: कनाडाई चुनाव में मार्क कार्नी की लिबरल पार्टी की जीत, भारत-कनाडा संबंधों पर क्या होगा असर?
Canada Election: कनाडा में हाल ही में हुए आम चुनावों में मार्क कार्नी की लिबरल पार्टी ने जीत हासिल की है. उनकी यह जीत भारत-कनाडा संबंधों में एक नए अध्याय की शुरुआत का संकेत देती है, जो हाल के वर्षों में काफी तनावपूर्ण हो गए थे.

Canada Election: कनाडा में हुए आम चुनावों में मार्क कार्नी की लिबरल पार्टी ने जीत दर्ज की है, जिससे भारत-कनाडा संबंधों में एक नई शुरुआत की संभावनाएं प्रबल हो गई हैं. पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के कार्यकाल के दौरान दोनों देशों के बीच रिश्ते काफी तनावपूर्ण हो गए थे, खासकर तब जब ट्रूडो सरकार ने भारत पर खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में संलिप्तता के बेबुनियाद आरोप लगाए थे.
अब जबकि कार्नी, जो विश्वप्रसिद्ध अर्थशास्त्री और बैंक ऑफ इंग्लैंड व बैंक ऑफ कनाडा के पूर्व गवर्नर रह चुके हैं, सत्ता में लौटे हैं, तो उनसे एक संतुलित और व्यवहारिक विदेश नीति की उम्मीद की जा रही है. उन्होंने चुनाव अभियान के दौरान भारत को “अत्यंत महत्वपूर्ण साझेदार” बताया और रिश्तों को सुधारने की इच्छा जताई.
भारत-कनाडा रिश्तों पर कार्नी का रुख
चुनावी अभियान के दौरान Y Media से बात करते हुए मार्क कार्नी ने कहा, “भारत-कनाडा का रिश्ता कई स्तरों पर अत्यंत महत्वपूर्ण है व्यक्तिगत, आर्थिक और रणनीतिक रूप से.” उन्होंने संकेत दिया कि यदि वे सत्ता में लौटते हैं, तो भारत के साथ संबंधों को पुनः स्थापित करने की पहल करेंगे.
हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मुद्दे पर कार्नी ने सीधा बयान देने से परहेज किया, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि जो मतभेद इस रिश्ते में तनाव का कारण बने, उन्हें आपसी सम्मान और संवाद से सुलझाया जा सकता है. उन्होंने कहा, “इस रिश्ते में तनाव है, जो हमने पैदा नहीं किए हैं, यह स्पष्ट है, लेकिन इन्हें सुलझाने का एक रास्ता है, जिसमें आपसी सम्मान हो और आगे बढ़ा जा सके.”
व्यापारिक संबंधों में नई शुरुआत की संभावना
कार्नी की प्राथमिकताओं में भारत के साथ व्यापारिक संबंधों को पुनर्जीवित करना प्रमुख होगा. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कनाडा को “समान विचारधारा वाले देशों” के साथ अपने व्यापारिक रिश्तों में विविधता लानी होगी, और इसमें भारत को प्रमुख भूमिका निभानी चाहिए. इस संदर्भ में यह उम्मीद की जा रही है कि लंबे समय से अटकी हुई ‘Comprehensive Economic Partnership Agreement (CEPA)’ वार्ताएं फिर से शुरू हो सकती हैं. ये वार्ताएं ट्रूडो सरकार के दौरान राजनीतिक तनाव के चलते रुक गई थीं.
इमिग्रेशन और वीजा नीति में सुधार संभव
मार्क कार्नी के नेतृत्व में इमिग्रेशन नीति में भारत के छात्रों और पेशेवरों के लिए अनुकूल माहौल बने रहने की संभावना है. एक अनुभवी अर्थशास्त्री होने के नाते, कार्नी टैलेंटेड पेशेवरों को आकर्षित करने और कनाडा की नवाचार प्रणाली को मजबूत करने पर जोर देंगे. अगर भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक संबंध सुधरते हैं, तो इससे स्टूडेंट वीज़ा, वर्क परमिट, स्थायी निवास (PR) प्रक्रिया और पेशेवर योग्यताओं की आपसी मान्यता में भी तेजी आ सकती है.


