चीन ने शराब को सोने की खदान बनाया, दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं को राजस्व की दौड़ में पीछे छोड़ा
पिछले कुछ सालों में चीन ने सिर्फ शराब बेचकर इतना पैसा कमाया है, जितना कई देशों की पूरी अर्थव्यवस्था नहीं कमा पाती. अब सवाल है, यह कमाई आखिर कैसे हो रही है?

चीन: चीन ने शराब कारोबार को सिर्फ एक पेय की तरह नहीं देखा, बल्कि इसे एक बड़ा बिजनेस बना दिया. वहां सरकार ने शराब कंपनियों को मजबूत सपोर्ट दिया और शहरों में बड़े पैमाने पर डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क खड़ा किया. लोग पहले सिर्फ पारंपरिक शराब पीते थे, लेकिन अब मॉडल लाइफस्टाइल के चलते प्रीमियम और महंगे ब्रांड की मांग बढ़ रही है. इसी मांग ने मार्केट को आसमान तक पहुंचा दिया. चीन ने 2018 में शराब बेचकर लगभग 23.7 लाख करोड़ रुपये की कमाई की थी. आज यह मार्केट 2030 तक 19 लाख करोड़ रुपये से भी ऊपर जाने की उम्मीद में है. मतलब सीधा-सीधा पैसों की बारिश जारी है.
लोग ज्यादा शराब क्यों पीने लगे
चीन में शहर तेजी से बढ़े और लोग नौकरी व बिजनेस में व्यस्त होने लगे. जितना तनाव बढ़ा, उतना ही शराब एक 'सोशल ड्रिंक' की तरह लोकप्रिय हुई. पार्टी, मीटिंग, दोस्ती और बिजनेस – हर जगह शराब आम हो गई. मीडिया और ऑनलाइन विज्ञापनों ने इस ट्रेंड को और धक्का दिया. युवा पीढ़ी ने विदेशों के ड्रिंक्स को पसंद करना शुरू कर दिया. इसने शराब की नई कैटेगरी बनने में बड़ी भूमिका निभाई. अब शराब सिर्फ पीने की चीज नहीं, बल्कि ‘स्टेटस’ बन चुकी है.
बाईजिउ से लेकर प्रीमियम वाइन तक
चीन में पहले बाईजिउ सबसे ज्यादा पी जाती थी. इसकी खुशबू तेज और स्वाद अलग होता है. लेकिन अब लोग बदल रहे हैं. हाई-क्वालिटी वाइन, क्राफ्ट बीयर, विदेशी व्हिस्की और हार्ड सेल्टज़र की मांग बढ़ने लगी. इन प्रीमियम ड्रिंक्स की कीमत भी ज्यादा होती है. यानी जितना ज्यादा खर्च, उतना ज्यादा मुनाफा. शराब कंपनियों ने इन्हें ब्रांडेड पहचान देकर मार्केट में खूब चलाया. इससे शराब सिर्फ खपत नहीं, बल्कि एक बड़ी लग्जरी इंडस्ट्री बन गई.
ऑनलाइन खरीदारी ने खेल बदल दिया
चीन में लोग शराब दुकान से कम और ऑनलाइन ज़्यादा खरीदते हैं. एक क्लिक में घर पर डिलीवरी मिल जाती है. ई-कॉमर्स कंपनियों ने शराब ब्रांडों के साथ मिलकर बड़े प्रमोशन चलाए. सोशल मीडिया पर वीडियो और रिव्यू ने लोगों को खरीदने के लिए तैयार किया. इससे छोटे शहरों और गांवों में भी प्रीमियम ब्रांड पहुंच गए. ऑनलाइन सेल ने मार्केट का दायरा बहुत बढ़ा दिया.
अमेरिका की शराब मार्केट की कमाई
अमेरिका भी इस दौड़ में पीछे नहीं है. 2018 में अमेरिका ने शराब बेचकर लगभग 13.17 लाख करोड़ रुपये की कमाई की. वहां बीयर और व्हिस्की की बहुत डिमांड है. बार और पब कल्चर मजबूत होने से खपत और बढ़ती है. लेकिन फिर भी चीन का मार्केट बड़ा है क्योंकि वहां जनसंख्या भी बहुत ज्यादा है और खरीदने की क्षमता भी बढ़ गई है. इसलिए अमेरिका में ग्रोथ है, पर रफ़्तार चीन जितनी नहीं.
भारत की शराब मार्केट की स्थिति
भारत में शराब की बिक्री से लगभग 5.63 लाख करोड़ रुपये की कमाई 2018 में हुई थी. भारत में शराब पर टैक्स बहुत ज्यादा होता है, और राज्यों की कमाई का बड़ा हिस्सा इसी से आता है. ग्रामीण इलाकों में भी अब शराब की खपत बढ़ती दिखाई दे रही है. हालांकि, भारत में शराब को लेकर सामाजिक और धार्मिक मतभेद भी रहते हैं, जो इसके विस्तार को चीन जैसा स्वतंत्र नहीं होने देते.
आगे का समय किसका होगा
चीन की शराब इंडस्ट्री अभी रुकने वाली नहीं है. शहरीकरण, आधुनिक जीवनशैली और मार्केटिंग की ताकत ने इसे टॉप पर पहुंचा दिया है. अमेरिका और भारत इस दौड़ में जरूर हैं, लेकिन उनकी स्थिति और रफ्तार चीन से अलग है. आने वाले वर्षों में प्रीमियम और हेल्दी ड्रिंक विकल्प बढ़ेंगे. पर असली सवाल यह है कि क्या यह बढ़ती शराब संस्कृति समाज पर असर डालेगी या अर्थव्यवस्था ही सब कुछ तय करेगी? यह सवाल अभी भी खुला है.


