ट्रंप की टैरिफ नीति से टूटा ड्रैगन, अब भारत की ओर बढ़ाया दोस्ती का हाथ, व्यापार घाटा कम करने को भी तैयार
डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति से प्रभावित होकर चीन ने भारत के प्रति अपने रुख में नरमी दिखाई है. चीनी राजदूत जू फेइहोंग ने अपने पहले इंटरव्यू में कहा कि चीन प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत करने को तैयार है और भारतीय कंपनियों को अपने विशाल बाजार में अवसर देना चाहता है.

डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति ने चीन पर गहरा असर डाला है और अब बीजिंग के सुर पूरी तरह बदल चुके हैं.चीन ने भारत के साथ रिश्तों को नया आयाम देने की बात कही है.चीनी राजदूत जू फेइहोंग ने साफ कर दिया है कि उनकी सरकार भारत से मजबूत संबंध चाहती है.चीन अब न केवल भारतीय कंपनियों का स्वागत करने को तैयार है, बल्कि भारत के साथ मिलकर व्यापार घाटा कम करने के लिए भी इच्छुक है.
इस बयान ने भारत-चीन रिश्तों में एक नई उम्मीद जगा दी है.अब जब चीन दुनिया के सबसे बड़े बाजारों में से एक बन चुका है, तो भारतीय कंपनियों को भी वहां विस्तार का बड़ा मौका मिल सकता है.
पीएम मोदी का स्वागत करने को तैयार हैं
टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए अपने पहले इंटरव्यू में चीन के राजदूत जू फेइहोंग ने कहा, 'चीन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत करने को तैयार है. हम भारत के साथ मजबूत व्यापारिक रिश्ते बनाना चाहते हैं.भारतीय कंपनियों को चीनी बाजार में आने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.' उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार घाटा कम करना हमारी प्राथमिकता है.
चीन का विशाल बाजार
राजदूत जू फेइहोंग ने कहा कि चीन भारतीय प्रोडक्ट्स को लेकर सकारात्मक नजरिया रखता है.खासतौर पर प्रीमियम भारतीय उत्पाद चीनी बाजार में लोकप्रिय हो सकते हैं. 'हम मिर्च, लौह अयस्क और सूती धागे का भारत से निर्यात बढ़ा रहे हैं.बीते साल इन वस्तुओं के निर्यात में 17%, 160% और 240% तक की वृद्धि देखी गई है.'
व्यापार घाटा जानबूझकर नहीं
भारत और चीन के बीच व्यापार घाटा 100 अरब डॉलर के करीब है, लेकिन चीन इसे जानबूझकर नहीं बढ़ा रहा. ऐसा चीनी राजदूत का दावा है. 'यह व्यापार घाटा बाजार की प्रवृत्ति और आर्थिक परिस्थितियों के चलते है.मगर हम भारत के साथ मिलकर इसे संतुलित करना चाहते हैं.'
चीनी बाजार में अपार संभावनाएं
राजदूत ने बताया कि शी चिनफिंग के नेतृत्व में चीन ने वैश्विक व्यापार के लिए अपने दरवाज़े खोले हैं.
'चीन दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार है.हमारा मध्यम वर्ग तेजी से बढ़ रहा है और उसमें निवेश की अपार संभावनाएं हैं.भारतीय कंपनियों को इस अवसर का पूरा लाभ उठाना चाहिए.'
भारत से पारदर्शिता की उम्मीद
चीनी राजदूत ने यह भी कहा कि भारत को भी चीनी कंपनियों के लिए समान अवसर और पारदर्शी माहौल प्रदान करना चाहिए. हमें उम्मीद है कि भारत चीनी कंपनियों के लिए निष्पक्ष, पारदर्शी और भेदभाव रहित वातावरण देगा.'
भारतीय कंपनियों के लिए प्लेटफार्म भी उपलब्ध
जू फेइहोंग ने भारतीय निर्यातकों को कई अंतरराष्ट्रीय प्लेटफार्मों का लाभ उठाने की सलाह दी, जैसे:
- चाइना इंटरनेशनल इम्पोर्ट एक्सपो
- चाइना-एशिया एक्सपो
- चाइना इंटरनेशनल कंज्यूमर प्रोडक्ट्स एक्सपो
इन इवेंट्स में हिस्सा लेकर भारतीय कंपनियां सीधे चीनी ग्राहकों और खरीदारों से जुड़ सकती हैं.
बदली चाल के पीछे ट्रंप की टैरिफ सख्ती
चीन के बदले हुए सुर यह संकेत देते हैं कि डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति ने वहां के व्यापारिक माहौल को हिला दिया है.ऐसे में भारत के लिए यह एक सुनहरा अवसर हो सकता है, बशर्ते वह रणनीति से काम ले और घरेलू उद्योगों को भी संतुलन में रखे.


