कनाडा में लॉरेंस बिश्नोई गिरोह को लेकर बढ़ती चिंता, आतंकवादी संगठन घोषित करने की उठी मांग!
ब्रिटिश कोलंबिया के प्रीमियर डेविड एबी ने प्रधानमंत्री मार्क कार्नी से अपील की है कि भारत के कुख्यात अपराधी लॉरेंस बिश्नोई के गिरोह को आतंकवादी संगठन घोषित किया जाए.

कनाडा में आंतरिक सुरक्षा से जुड़ा एक अहम मुद्दा इन दिनों अंतरराष्ट्रीय चर्चा का विषय बना हुआ है. ब्रिटिश कोलंबिया के प्रीमियर डेविड एबी ने प्रधानमंत्री मार्क कार्नी से अपील की है कि भारत के कुख्यात अपराधी लॉरेंस बिश्नोई के गिरोह को आतंकवादी संगठन घोषित किया जाए. यह मांग खास तौर पर तब उठी है जब गिरोह पर कनाडा में संगठित अपराध, जबरन वसूली और हिंसा फैलाने के गंभीर आरोप लग रहे हैं.
हर व्यक्ति को भयमुक्त जीवन का अधिकार
जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान एक प्रेस कांफ्रेंस में एबी ने कहा कि कनाडा में हर व्यक्ति को भयमुक्त जीवन का अधिकार है. यह सुनिश्चित करने के लिए ऐसे गिरोहों पर सख्त कार्रवाई जरूरी है. उन्होंने स्पष्ट कहा कि इस गिरोह को आतंकवादी संगठन का दर्जा देने से कानून प्रवर्तन एजेंसियों को जरूरी अधिकार और उपकरण मिलेंगे जिससे वे प्रभावी कार्रवाई कर सकें.
कई रिपोर्टों के अनुसार, लॉरेंस बिश्नोई का नेटवर्क कनाडा में भी सक्रिय है और यह गिरोह डिजिटल माध्यमों और स्थानीय अपराधियों के जरिए जबरन वसूली तथा धमकियों के मामलों में शामिल रहा है. खास तौर पर दक्षिण एशियाई मूल के व्यापारियों और अप्रवासी समुदायों को निशाना बनाया जा रहा है जिससे उनमें भय का माहौल बना हुआ है.
प्रीमियर एबी का कहना है कि इस गिरोह को आतंकवादी संगठन घोषित करने से इसके आर्थिक स्रोतों पर चोट पहुंचेगी और एक स्पष्ट संदेश जाएगा कि कनाडा संगठित अपराध के लिए सुरक्षित ठिकाना नहीं है. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ घरेलू मामला नहीं रह गया है, बल्कि वैश्विक चिंता का विषय बन चुका है.
ट्रूडो की ओर से नहीं आया कोई आधिकारिक बयान
हालांकि प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की ओर से अभी तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन खबरों के अनुसार सार्वजनिक सुरक्षा मंत्रालय इस मांग की समीक्षा कर रहा है. किसी भी संगठन को आतंकवादी करार देने के लिए कानूनी प्रक्रिया और पर्याप्त सबूतों की जरूरत होती है, परंतु बढ़ता सार्वजनिक दबाव सरकार को जल्द निर्णय लेने के लिए मजबूर कर सकता है.
विशेषज्ञ यह भी देख रहे हैं कि क्या अन्य प्रांत भी ब्रिटिश कोलंबिया की इस पहल में शामिल होंगे. यदि ऐसा होता है तो संघीय सरकार पर कार्रवाई का दबाव और बढ़ सकता है.
गौरतलब है कि लॉरेंस बिश्नोई भारत के पंजाब से ताल्लुक रखता है और उस पर सिद्धू मूसेवाला की हत्या जैसे कई गंभीर अपराधों का आरोप है. उसके गिरोह के नेटवर्क के तार यूके, यूएई और कनाडा तक फैले हुए हैं, जो इसे एक अंतरराष्ट्रीय अपराध चुनौती बनाते हैं. अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि क्या कनाडा सुरक्षा को प्राथमिकता देगा या कानूनी पेचीदगियां कार्रवाई में देरी करेंगी.


