तीसरी बार राष्ट्रपति बनना चाहते हैं डोनाल्ड ट्रंप? जानें क्या कहता है अमेरिकी संविधान
डोनाल्ड ट्रंप द्वारा साझा की गई AI-निर्मित “Trump 2028” तस्वीर ने फिर तीसरे कार्यकाल को लेकर बहस छेड़ दी है. संविधान दो कार्यकाल की सीमा तय करता है, फिर भी ट्रंप मज़ाकिया अंदाज़ में संकेत देकर राजनीतिक चर्चा को गर्म बनाए हुए हैं.

नई दिल्लीः अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है. शुक्रवार को उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक ऐसी तस्वीर पोस्ट की, जिसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से बनाया गया था. इस तस्वीर में ट्रंप एक तख्ती पकड़े नजर आ रहे हैं, जिस पर लिखा है, “Trump 2028, Yes!” यानी 2028 में फिर से चुनाव लड़ने की इच्छा का इशारा.
हालांकि अमेरिकी संविधान बेहद स्पष्ट है, कोई भी व्यक्ति दो बार से अधिक राष्ट्रपति पद पर निर्वाचित नहीं हो सकता. इसके बावजूद ट्रंप समय-समय पर तीसरे कार्यकाल की संभावना को लेकर मज़ाकिया अंदाज में संकेत देते रहे हैं.
ट्रंप का पुराना राजनीतिक खेल
ट्रंप ने 2017 से 2021 तक अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति के रूप में अपना पहला कार्यकाल पूरा किया था. इसके बाद वे 2020 का चुनाव हार गए. परंपरा और संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार अब वे केवल एक और कार्यकाल के लिए चुनाव लड़ सकते हैं. लेकिन तीसरा कार्यकाल असंभव है.
इसके बावजूद ट्रंप रैलियों और जनसभा में कई बार ‘थोड़ा और समय’ देने की बात छेड़ते रहे हैं. वे अपने समर्थकों के बीच Trump 2028 लिखी कैप पहनकर भी जाते हैं और मजाक-मजाक में कहते हैं कि उन्हें दो से ज्यादा कार्यकाल मिलना चाहिए. उनके ये बयान भले ही हल्के-फुल्के अंदाज में दिए जाते हों, लेकिन राजनीतिक बहस को हवा जरूर देते हैं.
उपराष्ट्रपति बनने से भी किया इनकार
हाल ही में मीडिया ने उनसे सवाल किया कि क्या वे 2028 में उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ने पर विचार कर सकते हैं. ट्रंप ने जवाब दिया कि भले ही कानून इसकी अनुमति देता है, मगर वे ऐसा कभी नहीं करेंगे. उन्होंने कहा, “यह बहुत क्यूट लगेगा. लोग इसे पसंद नहीं करेंगे.” इसके साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि उनका लक्ष्य यदि वे जीतते हैं तो चार अच्छे साल देने का है और फिर सत्ता किसी सक्षम रिपब्लिकन नेता को सौंपने का.
संविधान का 22वां संशोधन क्या कहता है?
अमेरिका में राष्ट्रपति कार्यकाल की सीमा एक बड़े ऐतिहासिक फैसले का परिणाम है. 1951 में लागू हुआ 22वां संवैधानिक संशोधन यह कहता है कि कोई भी व्यक्ति राष्ट्रपति पद पर दो बार से अधिक निर्वाचित नहीं होगा.
दरअसल यह संशोधन इसलिए जरूरी हुआ क्योंकि अमेरिका के इतिहास में एकमात्र व्यक्ति फ्रैंकलिन डी. रूजवेल्ट लगातार चार बार राष्ट्रपति चुने गए थे. 1945 में अपने चौथे कार्यकाल की शुरुआत के कुछ ही महीनों बाद उनकी मृत्यु हो गई. इस घटना के बाद अमेरिकी राजनीति में यह सहमति बनी कि किसी भी व्यक्ति के पास अत्यधिक शक्ति लंबे समय तक नहीं होनी चाहिए. इसी के बाद दो कार्यकाल की सीमा लागू की गई.
AI-तस्वीर ने फिर गरमाई बहस
ट्रम्प की हालिया पोस्ट तकनीकी तौर पर मज़ाक ही सही, लेकिन इससे एक बार फिर वह विवाद ताजा हो गया है कि क्या ट्रंप चाहते है कि पार्टी और समर्थक उन्हें ‘कानूनी सीमा’ के बावजूद भी तीसरे कार्यकाल के लिए योग्य मानें. यह AI तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुई और राजनीतिक विश्लेषकों ने इसे ट्रंप की रणनीति का हिस्सा बताया, जिसमें वे समर्थकों की नब्ज टटोलते हुए माहौल बनाते हैं. हालांकि संविधान स्पष्ट है, लेकिन ट्रंप का यह नया कदम उन्हें चर्चा में बनाए रखने में बिल्कुल सफल रहा है.


