अमेरिकी सरकार की तारीफ करना पड़ा महंगा, इंजीनियर को DOGE से निकाला गया
DOGE में अपने 55 दिनों के अनुभव को याद करते हुए साहिल लविंगिया ने कहा कि मुझे संघीय सरकार में न तो बर्बादी की कोई अधिकता दिखी, न ही धोखाधड़ी या दुरुपयोग जैसी समस्याएं व्यापक रूप से नजर आईं.

सिलिकॉन वैली के इंजीनियर साहिल लविंगिया ने जब एलन मस्क के नेतृत्व वाले डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) में शामिल होने का फैसला किया, तो उन्होंने यह कल्पना नहीं की थी कि पारदर्शिता के सिद्धांतों पर चलने वाला यह संगठन उन्हें नौकरी से चुपचाप बाहर कर देगा. सरकारी तंत्र में व्यापक धोखाधड़ी या दुरुपयोग न देखने के अपने अनुभव को साझा करना उनके लिए भारी पड़ गया.
लविंगिया ने क्या बताया?
लविंगिया ने अमेरिकी रेडियो चैनल NPR को बताया कि उन्होंने DOGE में काम के दौरान सरकार को अपेक्षा से कहीं अधिक संगठित और कुशल पाया. उनका कहना था कि मैं यह देखकर हैरान था कि सरकार कितनी सधी हुई है. मुझे भ्रष्टाचार और दुरुपयोग बेहद मामूली स्तर पर नजर आए.
DOGE में उनका कार्यकाल मात्र 55 दिनों का रहा. शुरुआत में वे सरकारी वेबसाइटों को आधुनिक बनाने और संसाधनों की बर्बादी को कम करने की उम्मीद से जुड़े थे. उनका मानना था कि इसमें कुछ 'आसान जीतें' मिल सकती हैं.
पारदर्शिता पड़ी महंगी
जब एक ब्लॉगर ने उनसे उनके अनुभव के बारे में पूछा तो उन्होंने खुले तौर पर अपनी राय साझा की, यह कहते हुए कि पारदर्शिता तो DOGE की नींव का हिस्सा है और एलन मस्क स्वयं इस मूल्य पर जोर देते रहे हैं. परंतु यह पारदर्शिता उन्हें महंगी पड़ी.
ब्लॉग प्रकाशित होने के कुछ समय बाद, लविंगिया को बिना किसी पूर्व सूचना के DOGE की पहुंच से बाहर कर दिया गया. न तो कोई चेतावनी दी गई, न ही कोई स्पष्टीकरण. उन्होंने कहा कि मुझे भूत की तरह गायब कर दिया गया.
लविंगिया ने व्यंग्य में क्या कहा?
उन्होंने व्यंग्य में जोड़ा कि अगर सबसे पारदर्शी संगठन में पारदर्शिता दिखाने पर ही आपको हटा दिया जाए, तो यह विडंबना ही कही जाएगी. गमरोड नामक स्टार्टअप के संस्थापक लविंगिया का मानना है कि संघीय एजेंसियां, भले ही उनकी आलोचना होती हो, असल में कॉर्पोरेट दिग्गजों की तुलना में ज्यादा जवाबदेह और प्रभावी हो सकती हैं.


