700 की गिरफ्तारी, 3 को फांसी… जंग तो थम गई, लेकिन ईरान में फैली ये नई दहशत
ईरान-इजराइल युद्धविराम के बावजूद मोसाद का ईरान में गुप्त मिशन जारी है. मोसाद प्रमुख ने ऑपरेशन की सफलता पर संतोष जताया है. वहीं ईरान की खुफिया एजेंसी वाजा नेटवर्क तोड़ने की कोशिश कर रही है, सैकड़ों गिरफ्तारियां और सजाएं दी गई हैं, लेकिन मोसाद का दबदबा कायम है.

ईरान और इज़राइल के बीच सैन्य संघर्ष भले ही थम गया हो, लेकिन जासूसी का मोर्चा अभी भी पूरी तरह सक्रिय है. इज़राइल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने खुलकर एलान किया है कि उसका अभियान ईरान में जारी रहेगा और अगली बार की कार्रवाई पहले से कहीं ज्यादा गहरी और घातक होगी. मोसाद प्रमुख डेविड बर्निया ने यह दावा करते हुए ईरान को सीधी चुनौती दी है कि इस बार मोसाद की तैयारी इतनी मजबूत थी कि ईरान हर मोर्चे पर पिछड़ा रहा.
मोसाद की कार्रवाईयों ने ईरान की सरकार को झकझोर दिया है. रिपोर्ट्स के अनुसार, सैन्य ठिकानों पर अचानक हुए हमलों से ईरान के शीर्ष नेतृत्व को भी झटका लगा. वैज्ञानिकों की हत्याएं, मिसाइल अड्डों की तबाही और एयर डिफेंस सिस्टम को नेस्तनाबूद कर देने वाले ड्रोन हमलों से ईरान बुरी तरह हिल गया. खुफिया नेटवर्क के माध्यम से यह भी खुलासा हुआ कि हमले ईरान के अंदर से ही संचालित हुए, जिससे यह साबित हो गया कि मोसाद का नेटवर्क बेहद गहराई तक फैला हुआ है.
ईरान की पलटवार की तैयारी
इस हमले के बाद ईरान ने दो मोर्चों पर लड़ाई शुरू की—एक बारूदी जवाब और दूसरा मोसाद एजेंट्स की खोजबीन. ईरान की खुफिया एजेंसी VAAJA ने बड़ी संख्या में छापेमारी कर अब तक 700 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है और 3 को फांसी की सजा दी जा चुकी है. लेकिन इन कार्रवाईयों के बावजूद मोसाद प्रमुख की टिप्पणी कि "ईरान अब भी हमारे एजेंट्स के लिए सुरक्षित ज़ोन है", तेहरान की सरकार और उसकी खुफिया एजेंसी के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है.
ड्रोन फैक्ट्री और सीक्रेट मिशन
VAAJA की रिपोर्ट्स के अनुसार, तस्करी के जरिए ड्रोन उपकरण मंगवाकर ईरान के भीतर ही सीक्रेट फैक्ट्री में हथियार तैयार किए जा रहे थे. ईरान अब अपने सभी इंडस्ट्रियल ज़ोन और फैक्ट्रीज़ पर नजर रख रहा है. इसके अलावा आम जनता को सचेत रहने की अपील की जा रही है ताकि वे अनजाने में दुश्मन नेटवर्क का हिस्सा न बन जाएं.
अब ईरान की बारी
ईरान ने भी मोसाद की चुनौती का जवाब देने के लिए इज़राइल में अपने खुफिया नेटवर्क VAJA को मजबूत करना शुरू कर दिया है. रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि VAAJA अपने स्लीपर सेल्स को एक्टिव कर चुका है और इज़राइल के भीतर सरकारी विभागों तक पहुंच बनाने की कोशिश कर रहा है.
निष्कर्ष: जंग बदली, मोर्चा बदला लेकिन दुश्मनी बरकरार
भले ही मिसाइलों की आवाज अब शांत हो, लेकिन जासूसी की यह जंग अब और अधिक खतरनाक हो गई है. दोनों देश एक-दूसरे के दिल में घुसने की कोशिश कर रहे हैं और यह तय है कि इस युद्ध का अगला अध्याय छाया में लड़ा जाएगा—जहां ना बारूद गूंजेगा, ना टैंक चलेंगे, लेकिन खुफिया जानकारी ही सबसे बड़ा हथियार होगी.


