ट्रंप के शपथ लेने से पहले ही अमेरिकी यूनिवर्सिटीज को सताने लगा यह डर, विदेशी छात्रों के लिए जारी की एडवाइजरी
हाल ही में अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति चुने गए डोनाल्ड ट्रंप के शपथग्रहण से पहले ही यूनिवर्सिटीज को डर सताने लगा है. विश्वविद्यालयों ने 20 जनवरी को ट्रंप के शपथग्रहण से छात्रों को अमेरिका लौटने की एडवाइजरी जारी की है. इसका सबसे ज्यादा असर भारतीय छात्रों पर पड़ने वाला है.
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की ताजपोशी की तैयारियां चल रही हैं. ट्रंप 20 जनवरी 2025 को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे. लेकिन व्हाइट हाउस में उनकी वापसी से पहले ही अमेरिका में स्टडी और काम करने वाले भारतीय छात्रों और नौकरी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। कई यूनिवर्सिटीज ने यात्रा प्रतिबंधों के डर से अंतरराष्ट्रीय छात्रों से शपथ ग्रहण से पहले अमेरिका वापस लौटने की अपील की है।
अमेरिकी यूनिवर्सिटीज की तरफ से छात्रों को सलाह दी जा रही है, वे ट्रंप के शपथ ग्रहण से पहले अमेरिका वापस लौट आएं. ज्यादातर विदेशी छात्र सेमेस्टर ब्रेक या फिर स्टूडेंट एक्सचेंज के जरिए अमेरिका से बाहर चले जाते हैं. ट्रंप के राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद से ही चर्चाएं हो रही हैं कि वह वीजा नियमों में बदलाव करने वाले हैं. इससे सबसे ज्यादा असर भारतीय छात्रों और वहां काम करने वाले लोगों पर पड़ सकता है.माना ये भी जा रहा है कि वह कुछ देशों के छात्रों पर बैन भी लगा सकते हैं, जिससे उनके लिए यूएस के दरवाजे बंद हो जाएंगे.
यूनिवर्सिटीज कर रहीं छात्रों से अमेरिका लौटने की अपील
मैसाचुसेट्स विश्वविद्यालय एमहर्स्ट ने एक एडवाइजरी जारी करते हुए अपने अंतर्राष्ट्रीय छात्रों और कर्मचारियों से 20 जनवरी से पहले लौटने पर विचार करने अपील की है। विश्वविद्यालय ने कहा, "चूंकि नए राष्ट्रपति अपने कार्यकाल के पहले दिन ही नीतियां लागू कर सकते हैं, तथा 2017 में यात्रा प्रतिबंधों के पिछले अनुभव के आधार पर, यह सलाह अत्यधिक सावधानी के तौर पर जारी की गई है।"
वेस्लेयन यूनिवर्सिटी के कॉलेज ने बताया कि यूनिवर्सिटी के अंतर्राष्ट्रीय छात्र मामलों के कार्यालय (OISA) ने अपने छात्रों को इसी तरह के दिशा-निर्देश जारी किए हैं। कथित तौर पर कार्यालय से एक ईमेल में लिखा था, "देश में फिर से प्रवेश करने में कठिनाई से बचने का सबसे सुरक्षित तरीका 19 जनवरी और उसके बाद के दिनों में अमेरिका में मौजूद रहना है।"
मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) के एसोसिएट डीन डेविड एल्वेल ने अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को चेतावनी दी कि अमेरिका में होने जा रहे सत्ता परिवर्तन को ध्यान में रखकर अपनी यात्रा के बारे में फैसला करें, साथ ही उन्होंने वीजा प्रक्रिया में संभावित देरी और नई नीतियों के लागू होने पर अमेरिका से बाहर रहने से जुड़े जोखिमों के बारे में भी चेतावनी दी। उन्होंने हाल ही में एक पोस्ट में लिखा, "प्रत्येक चुनाव के साथ नीतियों, विनियमों और विधानों में परिवर्तन हो सकते हैं, जिनका प्रभाव उच्च शिक्षा के साथ-साथ आव्रजन और वीज़ा स्थिति के मामलों पर भी पड़ता है।"
H1B1 वीजा नियमों को कर सकते हैं कड़ा
इन चेतावियों का असर ज्यादातर भारतीय छात्रों पर पड़ सकता है. दसअसल, ट्रंप ने अपने पिछले कार्यकाल में H1B1 वीजा के निमयों को कड़ा कर दिया था. जिसके बाद अमेरिका में रह रहे भारतीयों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया था और कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन भी हुए थे.
चीन को पछाड़ अमेरिका बना स्टडी के लिए सबसे पसंदीदा जगह
वहीं भारत के विदेश मंत्रालय ने अभी तक कोई औपचारिक सलाह जारी नहीं की है, लेकिन स्थिति को स्वीकार करते हुए अमेरिका में भारतीय नागरिकों से यात्रा नियमों के बारे में अपडेट जानकारी रखने का अपील की है.हाई एजुकेशन लेने वाले भारतीय छात्रों के लिए अमेरिका एक शीर्ष गंतव्य बना हुआ है. भारत 2023-24 में चीन को पीछे छोड़कर अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिए पहली पसंदीदा जगह बन गई है.
अंतर्राष्ट्रीय शैक्षिक आदान-प्रदान पर ओपन डोर्स 2024 रिपोर्ट के अनुसार, 331,602 भारतीय छात्रों ने अमेरिकी संस्थानों में दाखिला लिया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 23 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वृद्धि दर्शाता है. यह जनसांख्यिकी अब अमेरिकी शैक्षणिक पारिस्थितिकी तंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गई है.