क्या ईरान का परमाणु हथियार खत्म हुआ या सिर्फ छिपाया गया? सैटेलाइट से खुल रही हैं ट्रंप की ‘तबाही’ की परतें!
ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिका और इज़राइल के हमलों को लेकर दावा किया जा रहा है कि "पूरी तरह तबाही" मचाई गई है. लेकिन सैटेलाइट तस्वीरें और खुफिया रिपोर्ट कुछ और ही इशारा कर रही हैं. तेहरान ने दो टूक कहा है—"खेल अभी खत्म नहीं हुआ है."

इंटरनेशनल न्यूज. ईरान के परमाणु हथियारों पर अमेरिकी हमले के दावों को लेकर अब सैटेलाइट तस्वीरें और खुफिया रिपोर्ट्स नई कहानी बयां कर रही हैं। ट्रंप प्रशासन जहां "टोटल ऑब्लिटरेशन" यानी पूरी तबाही का दावा कर रहा है, वहीं पेंटागन की अपनी रिपोर्ट कह रही है कि ईरान का प्रोग्राम सिर्फ कुछ महीने पीछे गया है। सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या ईरान ने हमले से पहले ही अपने संवेदनशील यूरेनियम और सेंट्रीफ्यूज कहीं और छिपा लिए थे? ग्राउंड इंटेलिजेंस और ओपन-सोर्स डेटा ये इशारा कर रहे हैं कि कई साइट्स पर ज़्यादा नुकसान नहीं हुआ है। वहीं तेहरान की ओर से साफ कह दिया गया है—“खेल अभी खत्म नहीं हुआ”। अब अंतरराष्ट्रीय परमाणु एजेंसी को खुद मुआयना करना होगा कि असली नुक़सान कितना और कहां हुआ। इस पूरी कार्रवाई ने दुनिया को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि ये हमले हथियारों पर थे या सिर्फ हेडलाइनों पर?
सैटेलाइट से सच सामने आया
23 जून को ईरान के फोर्डो परमाणु ठिकाने की सैटेलाइट तस्वीरें आईं. साफ है कि कुछ हिस्सों को नुकसान पहुंचा है लेकिन पूरे कार्यक्रम को नहीं. सेंट्रीफ्यूज अब भी सलामत हैं. यूरेनियम का बड़ा हिस्सा बचा हुआ है. अमेरिका और इज़राइल के दावों पर अब सवाल उठ रहे हैं.
अमेरिकी रिपोर्ट में खुलासा
पेंटागन की खुफिया एजेंसी DIA की रिपोर्ट कहती है—ईरान के परमाणु कार्यक्रम को बस कुछ महीनों की देरी हुई है. हमलों से पहले ही यूरेनियम को दूसरी जगह पहुंचा दिया गया था. रिपोर्ट लीक होने पर वॉशिंगटन में हलचल मच गई. प्रशासन इसे खारिज कर रहा है.
व्हाइट हाउस ने दी सफाई
प्रेस सेक्रेटरी कैरोलिन लेविट ने कहा—रिपोर्ट सरासर झूठ है. “जब 14 बम बिल्कुल सटीक गिराए जाते हैं तो सिर्फ एक नतीजा होता है—पूरी तबाही,” उन्होंने जोड़ा. राष्ट्रपति ट्रंप ने भी रिपोर्ट को गलत बताया और कहा, “उन्हें कुछ नहीं पता.” सरकार किसी भी आलोचना को झुठला रही है.
इज़राइल का दावा बरकरार
इज़राइली सेना के प्रवक्ता जनरल एफी डेफ्रिन ने कहा, अभी असर का मूल्यांकन जल्दी होगा. रक्षा प्रमुख एयाल ज़मीर बोले, "हमने वर्षों पीछे धकेल दिया है." पीएम नेतन्याहू ने देश को संबोधित करते हुए दावा किया—"हमने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को तबाह कर दिया है."
तेहरान ने दी चुनौती
ईरान के परमाणु प्रमुख मोहम्मद इस्लामी ने कहा—पुनर्निर्माण की योजना पहले से तैयार है. “हमारा यूरेनियम सुरक्षित है, और उत्पादन दोबारा शुरू होगा.” सुप्रीम लीडर खामेनेई के सलाहकार ने भी कहा—“ये अंत नहीं, एक और शुरुआत है.” ईरान ने झुकने से इनकार कर दिया है. IAEA प्रमुख राफेल ग्रोसी ने कहा, “सबसे जरूरी काम है—हमारे निरीक्षकों की वापसी.” 13 जून को ईरान ने उन्हें बताया था कि वे अपनी परमाणु संपत्तियों की सुरक्षा करेंगे. लेकिन IAEA को अभी तक नहीं पता कि 60% शुद्धता वाला यूरेनियम कहां है. पुष्टि बाकी है.
बड़ा सवाल—जीत या मोहलत?
अगर ईरान जल्दी रिकवर करता है तो यह हमला उसे और ताकतवर बना सकता है. दूसरी तरफ, अमेरिका और इज़राइल का दावा शायद राजनीतिक बयानबाजी हो. फिलहाल सबकी निगाहें ईरान पर हैं. क्या यह असली खत्म था या सिर्फ कुछ हफ्तों की मोहलत?


