ब्राज़ील में भीषण सड़क हादसा: बस-ट्रक की टक्कर में 12 छात्रों की दर्दनाक मौत, 21 घायल
Horrific road accident in Brazil: ब्राजील के दक्षिण-पूर्वी इलाके से एक भीषण हादसे की खबर सामने आई है. यहां साओ पाउलो से करीब 370 किलोमीटर दूर नुपोरंगा के पास शुक्रवार को एक भीषण सड़क हादसा हुआ. विश्वविद्यालय के छात्रों से भरी एक बस की ट्रक से टक्कर हो गई, जिसमें 12 छात्रों की दर्दनाक मौत हो गई और 21 अन्य घायल हो गए.

Brazil Road Accident: ब्राजील के दक्षिण-पूर्वी इलाके में एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ, जिसमें 12 विश्वविद्यालयी छात्रों की जान चली गई और 21 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए.यह हादसा शुक्रवार को साओ पाउलो से करीब 370 किलोमीटर दूर नुपोरंगा के पास हुआ, जब एक बस और ट्रक की भीषण टक्कर हो गई.हादसे के बाद ट्रक चालक मौके से भागने की कोशिश कर रहा था, लेकिन पुलिस ने उसे पकड़ लिया और अस्पताल में भर्ती कराया.
इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है.मरने वाले सभी छात्र फ़्रैंका विश्वविद्यालय के थे.राज्य सरकार ने शोक व्यक्त करते हुए तीन दिन का आधिकारिक शोक घोषित किया है.
भीषण टक्कर, चकनाचूर हुई बस
स्थानीय टेलीविज़न फुटेज में हादसे के भयावह दृश्य कैद हुए, जिसमें देखा गया कि बस का बायाँ हिस्सा पूरी तरह से नष्ट हो चुका है.इस दर्दनाक हादसे में घायल छात्रों को तुरंत अस्पतालों में भर्ती कराया गया, जहां कई की हालत नाजुक बनी हुई है.
ट्रक चालक पर गंभीर आरोप
घटनास्थल से फरार होने की कोशिश कर रहे ट्रक चालक को पकड़कर अस्पताल में भर्ती कराया गया.पुलिस ने उसके खिलाफ अनैच्छिक हत्या और शारीरिक नुकसान पहुंचाने का मामला दर्ज किया है.
ब्राज़ील में सड़क हादसों का बढ़ता ग्राफ
ब्राज़ील में सड़क दुर्घटनाएँ आम हो गई हैं.परिवहन मंत्रालय के अनुसार, 2024 में अब तक 10,000 से अधिक लोग सड़क हादसों में अपनी जान गंवा चुके हैं. इससे पहले दिसंबर में, मिनास गेरैस में एक बस और ट्रक की टक्कर में 38 लोग मारे गए थे, जबकि सितंबर में रियो डी जेनेरियो में एक फुटबॉल टीम की बस पलटने से तीन लोगों की मौत हुई थी.
विश्वविद्यालय ने जताया दुख
फ़्रैंका विश्वविद्यालय ने एक बयान जारी कर कहा, "हम अपने छात्रों की इस दुखद मृत्यु से बेहद व्यथित हैं. उनके सपने अधूरे रह गए, यह क्षति अपूरणीय है." यह हादसा ब्राज़ील में सड़क सुरक्षा की दयनीय स्थिति को उजागर करता है और सरकार के लिए एक कड़ा संदेश भी है कि इस दिशा में ठोस कदम उठाने की सख्त जरूरत है.


