हर साल प्रत्येक देश के लिए हज कोटा कैसे तय करता है सऊदी अरब?
हज मक्का की वार्षिक इस्लामी तीर्थयात्रा है, जो मुसलमानों के लिए सबसे पवित्र स्थल है. इस्लाम में हज को सऊदी अरब के पवित्र शहर मक्का में स्थित काबा, जिसे "अल्लाह का घर" कहा जाता है, उसकी यात्रा के रूप में परिभाषित किया गया है.

हर साल दुनिया भर से लाखों मुसलमान हज यात्रा पर जाते हैं, जो मक्का की ओर एक पवित्र तीर्थयात्रा है. इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक मानी जाती है. लेकिन बढ़ते हुए तीर्थयात्रियों की संख्या और उसके साथ आने वाली चुनौतियों के चलते, लोगों की व्यवस्था करना कोई आसान काम नहीं है. इसी के समाधान के लिए सऊदी अरब ने हज कोटे की प्रणाली बनाई है, जो एक सुरक्षित, सुचारु और व्यवस्थित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए लागू की जाती है.
हज यात्रा 4 से 9 जून तक
इस साल हज यात्रा 4 से 9 जून तक होने वाली है. हालांकि, सऊदी अरब के एक हालिया कदम ने भारतीय तीर्थयात्रियों को हिला कर रख दिया. सऊदी अरब ने भारत के निजी हज कोटे में 80% की कटौती कर दी, जिससे तीर्थयात्रियों में चिंता और भावनात्मक उथल-पुथल मच गई.
यह निर्णय पूरे देश में गहमागहमी का कारण बना और जम्मू और कश्मीर के राजनीतिक नेताओं, जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला शामिल थे उन्होंने विदेश मंत्रालय से तत्काल कार्रवाई की मांग की. बाद में भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए 10,000 अतिरिक्त वीजा जारी हुए. इससे तीर्थयात्रियों को राहत मिली.
लेकिन सवाल यह है कि हज कोटा कैसे तय होता है? सऊदी अरब प्रत्येक देश के लिए हज कोटा कैसे निर्धारित करता है, आइए जानते हैं.
हज दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जिसमें हर साल 2 मिलियन से अधिक मुसलमान मक्का पहुंचते हैं. यह आयोजन इस्लामी माह धू अल-हिज्जाह में छह दिनों तक होता है और इसमें कई महत्वपूर्ण धार्मिक रस्में होती हैं, जिनमें तवाफ शामिल है.
सऊदी अरब के लिए 180 से अधिक देशों से इतनी बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों का प्रबंधन एक बहुत बड़ी चुनौती है. इसके लिए, सऊदी अरब हज कोटे की प्रणाली का पालन करता है, जिसमें हर देश को उसकी मुस्लिम जनसंख्या के आधार पर सीटें आवंटित की जाती हैं.
हज कोटा अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त प्रणाली
हज कोटा प्रणाली एक अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त दिशा-निर्देश पर आधारित है, जिसे 1980 के दशक में ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (OIC) द्वारा अपनाया गया था. सऊदी अरब अब तक इसका पालन करता आ रहा है. इस प्रणाली के अनुसार, हर 1,000 मुसलमानों पर एक तीर्थयात्री का कोटा तय किया जाता है. उदाहरण के लिए, मुस्लिम बहुल देश इंडोनेशिया को सबसे अधिक कोटा मिलता है, जहां 2.5 लाख तीर्थयात्री भेजे जाते हैं.
भारत में 20 लाख से अधिक मुसलमान रहते हैं और भारत को 2023 और 2024 के लिए कुल 1,75,025 हज कोटा मिला है. यह कोटा भारत सरकार द्वारा संचालित हज समिति और निजी टूर ऑपरेटरों के बीच विभाजित किया जाता है. हाल के वर्षों में हज यात्रा के दौरान खाद्य वितरण में भी तकनीकी बदलाव आए हैं, जैसे ऐप्स के माध्यम से भोजन की आपूर्ति ट्रैक करना और RFID टैग्स का उपयोग करना.


