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ट्रम्प के नागरिकता आदेश से पहले सी-सेक्शन की संख्या में भारी वृद्धि, भारतीयों की बढ़ी होड़

C-sections:अमेरिका में डोनाल्ड ट्रम्प के 'जन्मसिद्ध नागरिकता' आदेश के बाद भारतीयों के बीच नागरिकता पाने के लिए घबराहट और असमंजस का माहौल बन गया है. इस बदलाव को देखते हुए, भारतीय परिवारों में समय से पहले सी-सेक्शन (सिजेरियन डिलीवरी) करवाने की मांग में भारी वृद्धि हो गई है.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा 'जन्मसिद्ध नागरिकता' को समाप्त करने वाले आदेश के बाद, अमेरिका में भारतीय नागरिकता के लिए सिजेरियन डिलीवरी (सी-सेक्शन) की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है. भारतीय परिवारों के बीच एक नई घबराहट देखी जा रही है, क्योंकि गर्भवती महिलाएं ट्रम्प के नए आदेश के लागू होने से पहले अपने बच्चों का जन्म सुनिश्चित करना चाहती हैं. यह नीति अमेरिकी नागरिकता को लेकर भारतीय और मैक्सिकन नागरिकों के लिए एक लोकप्रिय विकल्प रही है, जो अब बदलने की कगार पर है.  

ट्रम्प के इस निर्णय के परिणामस्वरूप, अमेरिका में रहने वाले भारतीयों, विशेष रूप से अस्थायी वीजा पर रह रहे परिवारों पर असर पड़ने की संभावना है. अब सवाल यह उठता है कि यह नीति इन परिवारों की स्थिति को कैसे प्रभावित करेगी, और क्या यह भविष्य में भारतीयों के लिए अमेरिका में रहने के रास्ते को और कठिन बना देगा.  

सी-सेक्शन की बढ़ती मांग

अमेरिकी चिकित्सक और स्त्री रोग विशेषज्ञों के अनुसार, भारतीय गर्भवती महिलाओं ने ट्रम्प के आदेश से पहले अपने बच्चों को जन्म देने के लिए सिजेरियन डिलीवरी की ओर रुख किया है. इन महिलाओं का उद्देश्य है कि वे 20 फरवरी से पहले अपने बच्चे को जन्म दें, ताकि उनके बच्चों को अमेरिकी नागरिकता मिल सके. ट्रम्प के आदेश के तहत, 20 फरवरी के बाद जन्मे बच्चे नागरिकता के योग्य नहीं होंगे, अगर उनके माता-पिता नागरिक या ग्रीन कार्ड धारक नहीं हैं.

न्यू जर्सी के डॉ. एसडी रोमा के अनुसार, "आठवें या नौवें महीने में गर्भवती महिलाएं समय से पहले प्रसव के लिए डॉक्टर से संपर्क कर रही हैं." टेक्सास के प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. एस.जी. मुक्काला ने कहा, "हम इन दम्पतियों को समय से पूर्व जन्म के खतरों के बारे में बता रहे हैं. पिछले दो दिनों में मैंने इस मुद्दे पर 15-20 जोड़ों से बात की है."  

भारत में घबराहट की वजह: ट्रम्प के आदेश के बाद क्या होगा?

अमेरिका में एच1बी और एल1 वीजा पर रहने वाले भारतीय परिवारों के लिए यह एक बड़ी चिंता का विषय बन गया है. इन परिवारों को उम्मीद थी कि उनके बच्चे अमेरिका में जन्म लेने पर स्वाभाविक रूप से अमेरिकी नागरिक बन जाएंगे. लेकिन अब ट्रम्प के आदेश के बाद यह संभावना समाप्त होती दिखाई दे रही है. इस नए आदेश का ग्रीन कार्ड धारकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा, लेकिन कार्य वीजा पर रह रहे भारतीयों के लिए यह स्थिति बेहद चिंताजनक हो सकती है. "मैं परिवारों को तोड़ना नहीं चाहता," ट्रम्प ने कहा, लेकिन उन्होंने यह भी जोड़ते हुए कहा, "यह न हो इसका एकमात्र तरीका है उन्हें वापस भेजना," यह बयान दर्शाता है कि इन परिवारों के लिए अब कोई पिछला रास्ता नहीं रहेगा.  

जन्मसिद्ध नागरिकता क्या है और क्यों है यह अहम?

अमेरिका में जन्मे किसी भी व्यक्ति को जन्म से ही अमेरिकी नागरिकता मिलती है, और यह अधिकार 14वें संशोधन के नागरिकता खंड से प्राप्त है, जिसे 1868 में संविधान में जोड़ा गया था. इस संशोधन के तहत, जो भी व्यक्ति अमेरिकी क्षेत्र में जन्मता है, वह स्वाभाविक रूप से अमेरिकी नागरिक माना जाता है. आने वाले दिनों में यह देखा जाएगा कि ट्रम्प के आदेश के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया किस दिशा में जाती है. यदि यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचता है, तो यह एक ऐतिहासिक निर्णय हो सकता है, जो यह तय करेगा कि कौन अमेरिकी नागरिक हो सकता है और कौन नहीं.

अमेरिका में नागरिकता नीति में बदलाव का असर

ट्रम्प का आदेश न केवल भारतीयों के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के अप्रवासियों के लिए एक बड़ा सवाल बन चुका है. अगर सुप्रीम कोर्ट 'जन्मसिद्ध नागरिकता' को समाप्त करता है, तो यह अमेरिकी संविधान में एक बड़ा बदलाव होगा. हालांकि, इसके लिए दोनों सदनों का दो-तिहाई बहुमत और राज्य विधानसभाओं के तीन-चौथाई अनुमोदन की आवश्यकता होगी, जो एक लंबी और जटिल प्रक्रिया हो सकती है. 

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24 January 2025, 09:49 AM IST

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