IAF को मिलेगा नया रफ्तार का बादशाह! Su-57 या F-35 में से किसे चुनेगा भारत?
भारतीय वायुसेना (IAF) ने चीन-पाकिस्तान के खतरे को देखते हुए 60 पांचवीं जनरेशन के लड़ाकू विमान खरीदने की पैरवी की है. अमेरिका और रूस ने F-35 और Su-57 विमानों की पेशकश की है.

Indian Air Force: भारतीय वायुसेना (IAF) ने अपनी हवाई युद्ध क्षमता को और मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. वायुसेना ने कम से कम तीन स्क्वाड्रन, यानी कुल 60 पांचवीं जनरेशन के स्टेल्थ फाइटर जेट्स की खरीदने के फिराक में है. यह निर्णय चीन और पाकिस्तान की बढ़ती सैन्य ताकत के संयुक्त खतरे को देखते हुए लिया गया है, जो भारत की सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती पेश कर रहे हैं. यह जानकारी ने वायुसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दिया है. इसका उद्देश्य भारतीय वायुसेना को आधुनिक युद्ध की जरूरतों के लिए तैयार करना है, खासकर तब जब भारत अपने स्वदेशी फाइटर जेट प्रोजेक्ट (AMCA) पर तेजी से काम कर रहा है.
अमेरिका और रूस का प्रस्ताव
अमेरिका ने F-35 और रूस ने Sukhoi Su-57 Felon जैसे अत्याधुनिक पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट्स भारत को ऑफर किए हैं. ये दोनों विमान स्टेल्थ तकनीक और आधुनिक युद्ध प्रणालियों से लैस हैं, जो युद्ध के मैदान में गेम-चेंजर साबित हो सकते हैं. लेकिन रक्षा मंत्रालय ने अभी तक भारतीय वायुसेना को इन प्रस्तावों की चर्चा में पूरी तरह शामिल नहीं किया है. एक बड़े अधिकारी ने कहा, यह उम्मीद जताई जा रही है कि इस पर अंतिम निर्णय 2026 तक लिया जाए.
मौजूदा फ्लीट में स्टेल्थ की कमी
अभी भारतीय वायुसेना के पास Sukhoi Su-30MKI, Dassault Rafale और HAL Tejas Mk1A जैसे चौथी और 4.5 के फाइटर जेट्स हैं. लेकिन, इनमें से कोई भी विमान स्टेल्थ तकनीक से लैस नहीं है, जो आधुनिक युद्ध में अहम भूमिका निभाती है. दूसरी ओर, चीन के पास पहले से ही J-20 स्टेल्थ फाइटर जेट्स हैं, और पाकिस्तान भी J-10CE फाइटर जेट्स जो और ताकत वर करेगा.
2026 में अंतिम फैसला
खबरों के अनुसार रक्षा मंत्रालय इन प्रस्तावों अमेरिकी F-35 और रूसी Su-57 का गहन जांच करेगा. इस प्रक्रिया में तकनीकी, रणनीतिक और आर्थिक पहलुओं का मूल्यांकन होगा. मंत्रालय द्वारा 2026 तक इस सौदे पर अंतिम निर्णय लिए जाने की संभावना जताई जा रही है. यह कदम भारतीय वायुसेना को क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए और मजबूत बनाएगा.


