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अगर रूस नहीं रुके तो दबाव बढ़ाओ – जेलेंस्की का साफ संदेश

यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने रूस पर दबाव बढ़ाने और जंग रोकने के लिए यूरोपीय नेताओं के सामने एक नया प्लान रखा है. इस्तांबुल में हुई अहम मीटिंग में उन्होंने कुछ ऐसा कहा और मांगा जो आने वाले समय में युद्ध की तस्वीर बदल सकता है. नीदरलैंड और डेनमार्क के रोल को लेकर भी दिलचस्प बातें सामने आईं.

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Edited By: Aprajita

Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच बीते कई महीनों से जारी जंग का कोई ठोस हल अब तक नहीं निकल पाया है. लेकिन इस जंग को खत्म करने की उम्मीदें फिर जगीं जब यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने तुर्की के इस्तांबुल में यूरोपीय नेताओं के साथ एक खास बैठक की. इस बैठक में उन्होंने साफ कर दिया कि अगर रूस ने अब भी अपनी जिद नहीं छोड़ी तो उस पर और कड़े प्रतिबंध लगाने होंगे.

शांति के लिए जेलेंस्की की पहल

इस बैठक में यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष एंटोनियो कोस्टा, यूरोपीय यूनियन की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन, नीदरलैंड, डेनमार्क और स्वीडन के प्रधानमंत्री भी मौजूद थे. जेलेंस्की ने इस दौरान सभी से अपील की कि अब वक्त आ गया है कि रूस पर और सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि यह युद्ध खत्म हो और यूक्रेन में शांति लौटे.

उन्होंने कहा कि रूस पर दबाव बढ़ाना ज़रूरी है और अगर वह युद्ध रोकने को तैयार नहीं होता तो 17वां प्रतिबंध पैकेज और भी सख्त होना चाहिए.

सैनिक मदद पर भी ज़ोर

जेलेंस्की ने बैठक के दौरान यह भी कहा कि यूक्रेन को अब और ज्यादा रक्षा सहयोग की ज़रूरत है. उन्होंने कहा कि यूरोपीय देशों को अब रक्षा उत्पादन बढ़ाना होगा ताकि यूक्रेन को तुरंत मदद मिल सके.

नीदरलैंड और डेनमार्क का समर्थन

इस मौके पर जेलेंस्की ने नीदरलैंड के प्रधानमंत्री डिक स्कोफ का खासतौर पर आभार जताया. उन्होंने बताया कि इस साल नीदरलैंड ने यूक्रेन को पिछली बार से तीन गुना ज्यादा सैन्य मदद दी है.

डेनमार्क के प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसेन से मुलाकात में जेलेंस्की ने बताया कि डेनमार्क 26वां रक्षा सहायता पैकेज तैयार कर रहा है. साथ ही जुलाई से डेनमार्क यूरोपीय संघ परिषद की अध्यक्षता संभालेगा, जो यूक्रेन के लिए एक सकारात्मक मौका होगा.

जेलेंस्की का साफ संदेश

जेलेंस्की ने अपनी पोस्ट में लिखा, “अगर रूस अब भी सीजफायर के लिए तैयार नहीं होता है, तो दबाव बढ़ाना ही होगा.” उन्होंने यूरोपीय नेताओं से अपील की कि रूस की हठधर्मिता को अब और नहीं झेलना चाहिए.

इस पूरी बैठक से एक बात साफ हो गई है कि यूक्रेन अब शांति के लिए केवल कूटनीति पर नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समर्थन और दबाव की रणनीति पर भी जोर दे रहा है. जेलेंस्की का यह नया कदम शायद इस लंबे युद्ध के अंत की शुरुआत बन सकता है.

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17 May 2025, 09:09 AM IST

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