score Card

शर्तें नहीं मानी तो गाजा शहर होगा राख, खुल जाएंगे नरक के द्वार... इजरायल की हमास को सख्त चेतावनी

इजरायल के रक्षा मंत्री इस्राइल काट्ज़ ने कहा कि अगर हमास इजरायल की शर्तें नहीं मानता है तो गाजा सिटी पूरी तरह तबाह हो सकता है. इजरायल बंधकों की रिहाई और हमास के हथियार छोड़ने की मांग कर रहा है. गाजा में युद्ध में अब तक 62,192 फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं. संघर्ष तीव्र होता जा रहा है, जिससे क्षेत्र की स्थिति चिंताजनक है.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

Israel Gaza conflict : इजरायल के रक्षा मंत्री इस्राइल काट्ज़ ने शुक्रवार को एक कड़ा बयान जारी किया है, जिसमें उन्होंने कहा कि अगर हमास इजरायल की शर्तें स्वीकार नहीं करता है तो गाजा शहर पूरी तरह तबाह हो सकता है. यह चेतावनी उस समय आई है जब इजरायल अपनी सैन्य कार्रवाई को और बढ़ाने की तैयारी कर रहा है.

हमास के सिर पर नरक के सारे द्वार खुल जाएंगे

काट्ज ने कहा कि “हमास के सिर पर नरक के सारे द्वार खुल जाएंगे” और गाजा का सबसे बड़ा शहर, गाजा सिटी, राफाह और बीत हनुन जैसे तबाह इलाकों में तब्दील हो सकता है. राफाह और बीत हनुन ऐसे क्षेत्र हैं, जो युद्ध में पूरी तरह बर्बाद हो चुके हैं.

सभी बंधकों को तुरंत रिहा किया जाए
इजरायल की शर्तें हैं कि सभी बंधकों को तुरंत रिहा किया जाए और हमास पूरी तरह से हथियार छोड़ दे. वहीं, हमास ने युद्ध खत्म होने के बदले बंधकों की रिहाई पर सहमति जताई है, लेकिन हथियार छोड़ने के लिए वह एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना की मांग करता है.

अक्टूबर 2023 के हमास के हमले का परिणाम
इजरायल का यह युद्ध अक्टूबर 2023 में शुरू हुआ, जब हमास ने इजरायल पर हमला किया था. इस हमले में करीब 1200 लोग मारे गए और 251 बंधक बनाए गए, जिनमें से अधिकांश को युद्ध विराम और अन्य समझौतों के तहत रिहा किया गया.

गाजा में हुई भारी तबाही
गाजा की स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि इस युद्ध के शुरू होने से अब तक कम से कम 62,192 फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं. मंत्रालय आतंकवादियों और नागरिकों में कोई फर्क नहीं करता और दोनों के आंकड़े एक साथ जारी करता है. इजरायल और हमास के बीच जारी संघर्ष में अब गाजा सिटी की सुरक्षा सबसे बड़ा सवाल बन गया है.

इजरायल के रक्षा मंत्री की चेतावनी ने स्थिति को और नाजुक बना दिया है, जिससे क्षेत्र में हिंसा और तबाही की आशंका बढ़ गई है. दोनों पक्षों की मांगों और शर्तों के बीच किसी समझौते की उम्मीद फिलहाल कम नजर आती है.

calender
22 August 2025, 12:44 PM IST

ताजा खबरें

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag