score Card

मौसम का साथ मिला तो 15 जुलाई को पृथ्वी पर लौटनें की उम्मीद, अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला

शुभांशु शुक्ला और तीन चालक ग्रुप के सदस्यों ने 25 जून को फ्लोरिडा के कैनेडी अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी.

Goldi Rai
Edited By: Goldi Rai

Shubhanshu Shukla: 25 जून को, भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और उनके तीन क्रू साथियों ने फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से उड़ान भरी. उनका मिशन जो भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा संचालित है, 26 जून को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से जुड़ा. अगर मौसम सही रहा तो 15 जुलाई, 2025 को शुभांशु शुक्ला और उनका ग्रुप पृथ्वी पर सुरक्षित लौट आएगा. इसरो ने पुष्टि की है कि यह मिशन भारतीय समयानुसार 15 जुलाई को दोपहर 3:00 बजे धरती पर लौटने के लिए तय है. नासा के वाणिज्यिक क्रू कार्यक्रम प्रबंधक, स्टीव स्टिच के अनुसार, शुक्ला और तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर क्रू ड्रैगन अंतरिक्ष यान का अनडॉकिंग 14 जुलाई को शाम 4:30 बजे IST पर होगा. इसके बाद, अंतरिक्ष यान के कैलिफ़ोर्निया के पास प्रशांत महासागर में उतरने की संभावना है.

अंतरिक्ष स्टेशन पर 17 दिन

एक्सिओम स्पेस ने 11 जुलाई को जारी एक अपडेट में बताया कि अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर 17 दिन बिताने के बाद, एक्सिओम मिशन 4 (एक्स-4) का चालक दल अपने शोध कार्यों को पूरा कर रहा है. इस दल में कमांडर पैगी व्हिटसन, पायलट शुभांशु  शुक्ला, और मिशन विशेषज्ञ स्लावोज सुवे और टिबोर कापू शामिल थे. इन सभी ने मिलकर 60 से अधिक वैज्ञानिक अनुसंधान कार्यों को संचालित किया और 20 से अधिक आउटरीच कार्यक्रमों में भाग लिया, जो अंतरिक्ष अन्वेषण में योगदान के साथ-साथ पृथ्वी पर अगली पीढ़ी को प्रेरित करने के उद्देश्य से थे.

 अंतरिक्ष में भारतीय विज्ञान की मिसाल

श्री शुक्ला ने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर भारत-विशिष्ट कई प्रयोग किए. इनमें से कुछ महत्वपूर्ण प्रयोगों में  (भारतीय प्रजाति का अस्तित्व और पुनरुत्थान अध्ययन), (मानव मांसपेशी कोशिकाओं पर सूक्ष्मगुरुत्व के प्रभाव की जांच) और "मेथी और मूंग के बीजों का अंकुरण" शामिल हैं, जो अंतरिक्ष में पौधों की वृद्धि और पोषण के लिए महत्वपूर्ण हैं. इसके अलावा, "सायनोबैक्टीरिया" के दो किस्मों के विकास पर प्रयोग किए गए, जो जीवन समर्थन प्रणालियों के लिए संभावनाएं प्रस्तुत करते हैं.

मिशन का महत्व

यह मिशन भारत के अंतरिक्ष विज्ञान में बढ़ती क्षमताओं और अंतरराष्ट्रीय सहयोग का प्रतीक है. श्री शुक्ला की यह यात्रा न केवल उनके व्यक्तिगत योगदान को मान्यता देती है, बल्कि भारत को वैश्विक अंतरिक्ष समुदाय में एक सशक्त और गंभीर प्रतियोगी के रूप में स्थापित करती है. यह मिशन आकाश गंगा की सफलता से मानव अंतरिक्ष उड़ान के लिए भारत के रोडमैप में तेजी आने की उम्मीद है, इसरो के अधिकारियों का मानना है.

 अंतरिक्ष यात्रा के बाद का कार्य

स्प्लैशडाउन के बाद, श्री शुक्ला को इसरो के फ़्लाइट सर्जनों की देखरेख में सात दिनों के पुनर्वास कार्यक्रम से गुजरना होगा. यह प्रक्रिया विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि कई हफ्तों तक सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण में रहने के बाद, उन्हें पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के साथ तालमेल स्थापित करना होगा. रिपोर्टों के मुताबिक, उनके स्वास्थ्य में कोई समस्या नहीं है और वह पूरी तरह से उत्साही हैं, जो उनके प्रशिक्षण और समर्थन प्रणालियों की सफलता का प्रमाण है.

भारत में स्वागत

श्री शुक्ला की यात्रा भारत के लिए गर्व और प्रेरणा का स्रोत है. जैसे ही उनकी वापसी की उल्टी गिनती शुरू होती है, पूरा देश उनकी वापसी का बेसब्री से इंतजार कर रहा है. कैलिफ़ोर्निया में यह प्रक्षेपण भारतीय वैज्ञानिक समुदाय के लिए एक उत्सव का क्षण होगा और सितारों के बीच भारत की आकांक्षाओं का प्रतीक होगा.

calender
12 July 2025, 12:21 PM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag