भारत ने दिया था टैरिफ में कटौती का ऑफर, लेकिन अब...SCO समिट के बाद राष्ट्रपति ट्रंप का बड़ा बयान आया सामने
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर ऊंचे टैरिफ और रूस से तेल खरीद को लेकर हमला बोला, व्यापारिक रिश्तों को 'एकतरफा आपदा' बताया और 50% टैरिफ लगाया. भारत ने इसे अनुचित बताते हुए कहा कि ऊर्जा सुरक्षा के लिए रूस से तेल खरीद जरूरी है. यह तनाव भारत-अमेरिका संबंधों और वैश्विक समीकरणों को प्रभावित कर सकता है.

India US trade: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को भारत को लेकर एक और विवादित बयान दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि भारत दशकों से अमेरिका को भारी मात्रा में सामान बेच रहा है, लेकिन अमेरिका भारत को बहुत कम सामान निर्यात कर पाता है. ट्रंप ने इस व्यापारिक असंतुलन को ‘एकतरफा आपदा’ कहा.
भारत पर लगाया ऊंचे टैरिफ का आरोप
ट्रंप ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे ऊंचा आयात शुल्क लगाता है, जिससे अमेरिकी कंपनियों को भारत में व्यापार करने में कठिनाई होती है. उन्होंने यह भी दावा किया कि भारत ने अब टैरिफ कम करने की पेशकश की है, लेकिन इसे उन्होंने बहुत देर से उठाया गया कदम बताया है. ट्रंप का कहना था कि भारत को यह कदम सालों पहले उठाना चाहिए था, जब व्यापारिक रिश्ता संतुलित किया जा सकता था.
रूस से व्यापार को लेकर भी आलोचना
ट्रंप ने भारत के रूस से तेल और सैन्य उपकरणों की खरीद पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि भारत रूस से बड़ी मात्रा में तेल और रक्षा सामान खरीदता है, जबकि अमेरिका से बहुत कम. ट्रंप ने आरोप लगाया कि भारत के इस रुख से रूस को यूक्रेन युद्ध में अप्रत्यक्ष आर्थिक मदद मिल रही है.
50% टैरिफ से बढ़ा तनाव
अमेरिका ने हाल ही में भारतीय आयात पर कुल 50% टैरिफ लागू कर दिया है. इसमें 25% सामान्य व्यापार असंतुलन को लेकर और 25% रूस से तेल आयात को लेकर लगाया गया है. यह टैरिफ 27 अगस्त 2025 से लागू हो चुका है. इस फैसले से भारत के टेक्सटाइल, रत्न-आभूषण और समुद्री खाद्य निर्यात पर बड़ा असर पड़ा है, क्योंकि ये क्षेत्र अमेरिकी बाजार पर निर्भर हैं.
भारत का जवाब
भारत ने ट्रंप के आरोपों को खारिज करते हुए इस कदम को ‘अनुचित और अन्यायपूर्ण’ बताया. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि रूस से तेल आयात करना 1.4 अरब भारतीय नागरिकों की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है. मंत्रालय ने यह भी दोहराया कि कई पश्चिमी देश, जिनमें अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं, खुद रूस के साथ व्यापार कर रहे हैं, इसलिए केवल भारत को निशाना बनाना गलत है.
बदलते वैश्विक समीकरण
विशेषज्ञ मानते हैं कि ट्रंप की टैरिफ नीति भारत-अमेरिका संबंधों को एक नए मोड़ पर ले जा रही है. जहां दोनों देश अब तक रणनीतिक साझेदार रहे हैं, वहीं अमेरिका की सख्ती ने भारत को रूस और चीन जैसे देशों के साथ अपनी साझेदारी और मजबूत करने पर विचार करने के लिए मजबूर कर दिया है. रूस तो लंबे समय से भारत का भरोसेमंद सहयोगी रहा है. ऐसे में यह स्थिति वैश्विक व्यापार और भू-राजनीति में नए समीकरण पैदा कर सकती है.
भारत का रुख स्पष्ट
भारत ने कहा है कि वह अपने राष्ट्रीय हितों और आर्थिक जरूरतों की रक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएगा. विदेश मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि रूस से तेल आयात जारी रहेगा और भारत अमेरिकी दबाव में आकर अपनी नीतियों में बदलाव नहीं करेगा.


