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'पंजाब पर बाढ़ का कहर… हज़ारों बेघर, 12 जिलों में तबाही और सरकार ने दिया राहत का भरोसा'

पंजाब में लगातार बारिश और बाढ़ ने 12 जिलों में भारी तबाही मचाई है। अब तक 2.56 लाख लोग प्रभावित हुए हैं और 15,000 से ज़्यादा को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया। सरकार ने राहत और पुनर्वास की पूरी कोशिशें तेज़ की हैं।

Lalit Sharma
Edited By: Lalit Sharma

Punjab News: पंजाब इस समय बाढ़ की बड़ी आफ़त से जूझ रहा है। बारिश और नदियों के उफान ने 12 जिलों को अपनी चपेट में ले लिया है। इस मुश्किल घड़ी में इंसानियत की सबसे बड़ी मिसाल पेश की गई है। आबकारी विभाग ने मुख्यमंत्री राहत फंड में 50 लाख रुपये का चेक सौंपा है। यह रक़म उन परिवारों के लिए है जिन्होंने अपना सब कुछ बाढ़ में गंवा दिया। मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां का कहना है कि यह योगदान सिर्फ रकम नहीं, बल्कि राहत और हमदर्दी का पैगाम है।

हज़ारों को सुरक्षित पहुंचाया गया

राहत कार्यों की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार अब तक 15,688 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया जा चुका है। इनमें सबसे ज़्यादा गुरदासपुर, फिरोजपुर और फाजिल्का के लोग शामिल हैं। अमृतसर, पठानकोट और होशियारपुर के सैकड़ों परिवारों को भी निकाला गया है। गाँव के गाँव खाली हो गए हैं और लोग स्कूलों तथा सामुदायिक केंद्रों में शरण ले रहे हैं। सरकार ने साफ कहा है कि किसी को भी बेसहारा नहीं छोड़ा जाएगा।

राहत कैंपों में मिल रही मदद

बाढ़ से बेघर हुए परिवारों को ठहराने के लिए पंजाब भर में 129 राहत कैंप लगाए गए हैं। इनमें 7,144 लोग इस समय रह रहे हैं। कैंपों में बच्चों के लिए दूध, बुज़ुर्गों के लिए दवाइयाँ और महिलाओं के लिए अलग इंतज़ाम किए गए हैं। होशियारपुर, पठानकोट और फिरोजपुर जैसे ज़िलों में सबसे ज़्यादा लोग इन कैंपों का हिस्सा हैं। स्थानीय संगठनों और समाजसेवियों ने भी यहाँ हाथ बढ़ाया है।

12 जिलों में बढ़ी तबाही

बाढ़ ने पंजाब के 1,044 गाँवों को तबाह कर दिया है। सिर्फ गुरदासपुर जिले में ही डेढ़ लाख लोग प्रभावित हुए हैं। अमृतसर, फाजिल्का और पठानकोट में भी हज़ारों परिवारों की ज़िंदगी अस्त-व्यस्त हो चुकी है। खेत डूब गए, मवेशी बह गए और घर मिट्टी में मिल गए। इन इलाकों में पानी उतरने का नाम नहीं ले रहा। लोग नावों और ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर सवार होकर सुरक्षित जगहों की तरफ भाग रहे हैं।

सेना और एजेंसियों की तैनाती

राज्य सरकार ने सेना, एनडीआरएफ और बीएसएफ की टीमों को बाढ़ प्रभावित इलाकों में उतार दिया है। 20 टीमें लगातार बचाव और राहत में लगी हुई हैं। सेना के हेलीकॉप्टर और नावें लोगों को निकाल रही हैं। अब तक हज़ारों परिवारों को एयरलिफ्ट किया जा चुका है। सड़कें टूट चुकी हैं और पुल बह गए हैं, लेकिन बचाव दल दिन-रात बिना थके काम कर रहे हैं।

जान-माल का भारी नुकसान

बाढ़ की इस तबाही में 29 लोगों की मौत हो चुकी है। पठानकोट, अमृतसर और बरनाला सबसे ज़्यादा प्रभावित जिले बने हैं। इसके अलावा तीन लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। फसलों को भी भारी नुक़सान पहुँचा है। करीब 94 हज़ार हेक्टेयर कृषि भूमि बर्बाद हो चुकी है। किसानों की सालभर की मेहनत पलक झपकते पानी में बह गई।

सरकार का वादा और अपील

मंत्री हरदीप मुंडियां ने भरोसा दिलाया है कि हर परिवार को राहत दी जाएगी और पुनर्वास का पूरा इंतज़ाम किया जाएगा। उन्होंने केंद्र सरकार से भी अपील की है कि 60 हज़ार करोड़ रुपये का बकाया तुरंत जारी किया जाए, ताकि पंजाब के हालात सुधारे जा सकें। उन्होंने लोगों से दरख़्वास्त की है कि सब मिलकर इस मुश्किल वक़्त में एक-दूसरे का सहारा बनें।

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01 September 2025, 07:23 PM IST

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