पाकिस्तान से तनाव के बाद भारत की नई कूटनीति, तालिबान से शुरू हुई बातचीत
अमीर खान मुत्ताकी ने राजनयिक, आर्थिक संबंधों के विकास पर जोर दिया और भारतीय निवेशकों को अच्छे निवेश अवसरों का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित किया.

पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है. भारत पाकिस्तान को सबक सिखाने की तैयारी कर रहा है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस संबंध में पाकिस्तान को स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी है. भारत विश्व भर के राष्ट्राध्यक्षों के साथ बातचीत कर रहा है. भारत ने कूटनीति अपनाई है और तालिबान के साथ बातचीत की है, जो पाकिस्तान का विरोधी है. भारत के अफगानिस्तान मामलों के प्रमुख आनंद प्रकाश ने तालिबान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी से मुलाकात की. इस बैठक के दौरान राजनीतिक और व्यापारिक मुद्दों पर चर्चा की गई. अफगान मीडिया ने इस पर रिपोर्ट दी है.
अफगान समाचार चैनल टोलो न्यूज के अनुसार काबुल में हुई इस बैठक में कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी ने भारत के साथ राजनीतिक और आर्थिक संबंध बढ़ाने पर जोर दिया. मुत्तकी ने दोनों देशों के बीच राजनयिक और आर्थिक संबंधों को बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय निवेशकों को अफगानिस्तान में निवेश के अवसरों का लाभ उठाना चाहिए. मीडिया ने एक अफगान प्रवक्ता के हवाले से यह जानकारी दी.
भारत और अफगानिस्तान के बीच हुई वार्ता
भारत और अफगानिस्तान के बीच हुई इन वार्ताओं में भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के संबंध में क्या चर्चा हुई? कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई. अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने भी पहलगाम आतंकवादी हमले की निंदा की है. उन्होंने यह भी कहा कि वह इस अवसर पर भारत के साथ खड़े रहेंगे. अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल कहर बल्खी ने भी पहलगाम हमले पर बयान जारी किया है. उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता के प्रयासों को कमजोर करती हैं. इस स्थिति में यह महत्वपूर्ण है कि दोषियों को दंडित किया जाए. इस कारण यह बैठक काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है.
तालिबान सरकार को मान्यता नहीं
अफगानिस्तान में बढ़ते मानवीय संकट के कारण भारत बिना किसी बाधा के सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है. भारत दवाइयां और अन्य आवश्यक वस्तुएं आपूर्ति करेगा. जून 2022 में भारत ने काबुल स्थित अपने दूतावास में एक टीम भेजकर अपना राजनयिक कार्य पुनः आरंभ किया. इससे पहले अगस्त 2021 में तालिबान सरकार के सत्ता में आने के बाद उसने अपने दूतावास के अधिकारियों को वापस बुला लिया था. भारत ने अभी तक तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दी है.


