score Card

ट्रम्प के 50% टैरिफ का 20 दिन में जवाब देगा भारत, विपक्ष ने पूछा- कहां है 56 इंच का सीना?

विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा है, क्योंकि ट्रम्प प्रशासन ने भारतीय वस्तुओं पर 25% टैरिफ थोप दिया, जिससे कुल टैरिफ 50% तक पहुंच गया. विपक्ष का कहना है कि यह कदम भारत के व्यापार और अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा झटका है. उन्होंने सरकार से इस मुद्दे पर तुरंत कदम उठाने और भारतीय हितों की रक्षा करने की मांग की है.

Goldi Rai
Edited By: Goldi Rai

 Trump 50% Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय वस्तुओं पर 25% टैरिफ लगाने के बाद विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. इससे कुल शुल्क 50% तक पहुंच गया है, जिससे भारतीय व्यापारिक और कूटनीतिक हितों पर असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है. कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना समेत कई विपक्षी नेताओं ने इसे 'आर्थिक ब्लैकमेल' और 'कूटनीतिक विफलता' करार दिया है और केंद्र सरकार से ठोस प्रतिक्रिया की मांग की है. राहुल गांधी ने इसे 'आर्थिक दबाव' का एक तरीका बताया और प्रधानमंत्री मोदी से इस मामले में भारतीय हितों की रक्षा करने की अपील की. वहीं, अन्य विपक्षी नेताओं ने भारत की विदेश नीति पर सवाल उठाते हुए इसे कमजोर बताया है. इस मुद्दे ने विपक्ष में एकता का भी उदाहरण पेश किया है, जहां सभी दलों ने मिलकर सरकार की आलोचना की है.

राहुल गांधी का आरोप

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस कदम की कड़ी निंदा करते हुए इसे 'आर्थिक ब्लैकमेल' बताया. उन्होंने कहा, 'ट्रंप का 50% टैरिफ आर्थिक ब्लैकमेल है . भारत को अनुचित व्यापार समझौते के लिए धमकाने का प्रयास है.' राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी को चेतावनी दी कि वे अपनी कमजोरी को भारतीय लोगों के हितों पर हावी न होने दें. यह बयान राहुल गांधी की उस पूर्व टिप्पणी के विपरीत था, जिसमें उन्होंने मोदी पर भारतीय अर्थव्यवस्था को 'नष्ट करने' का आरोप लगाया था.

शशि थरूर की आलोचना

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी ट्रंप के कदम को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने भारत सरकार से अपील की कि अमेरिकी वस्तुओं पर टैरिफ बढ़ाकर इसका जवाब दिया जाए. थरूर ने कहा, 'अगर हर चीज 50% महंगी हो जाएगी, तो भारतीय उपभोक्ता क्यों अमेरिकी चीजें खरीदें? हमें भी अमेरिकी निर्यात पर 50% टैरिफ लगाना चाहिए.' थरूर ने सवाल किया कि भारत को अमेरिकी वस्तुओं पर मौजूदा 17% टैरिफ क्यों जारी रखना चाहिए, जबकि हमें इसे बढ़ाकर 50% तक करने पर विचार करना चाहिए.

अभिषेक बनर्जी का आरोप

तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी ने प्रधानमंत्री मोदी की विदेश नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह टैरिफ वृद्धि 'कूटनीतिक विफलता' है. कोलकाता में उन्होंने कहा, 'जो लोग ट्रंप के साथ तस्वीरें खिंचवाते हैं, उन्हें यह बताना चाहिए कि इतनी भारी टैरिफ क्यों लगाई गई है.' बनर्जी ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह 'भारत की वैश्विक ताकत का बखान करती है, जबकि आर्थिक हितों की रक्षा करने में विफल रहती है.'

सिद्धारमैया और प्रियंका चतुर्वेदी 

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस टैरिफ को 'आर्थिक ब्लैकमेल" करार दिया और कहा कि यह मोदी सरकार की 'कूटनीतिक विफलता" का परिणाम है. उन्होंने कहा, "ट्रंप के 50 प्रतिशत टैरिफ पर उनकी चेतावनी भी इससे अलग नहीं है.' वहीं, शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने इसे 'पाखंड' कहा और कहा कि भारत को व्यापार समझौते के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता.

कार्ति चिदंबरम और पप्पू यादव 

कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने मोदी सरकार के ट्रंप के साथ 'विशेष संबंध' के दावों पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा, 'भारत और ट्रंप के बीच जो विशेष संबंध का दावा किया गया था, वह वास्तव में मौजूद नहीं है.' निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने कहा कि 50% टैरिफ से भारत का दवा उद्योग बर्बाद हो जाएगा.

ओवैसी और उद्धव ठाकरे 

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ट्रंप के इस कदम को 'धमकी' करार दिया और मोदी सरकार पर चुप्पी साधने का आरोप लगाया. वहीं, शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे ने कहा कि ट्रंप 'भारत और नरेंद्र मोदी का मजाक उड़ा रहे हैं', और प्रधानमंत्री मोदी को इसका कड़ा जवाब देने में विफल बताया.

भारत सरकार की प्रतिक्रिया

इस बीच, भारत के विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी निर्णय को 'अनुचित, अविवेकपूर्ण और नाइंसाफी' करार दिया है. मंत्रालय ने यह भी कहा कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगा.

calender
07 August 2025, 07:37 PM IST

ताजा खबरें

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag