Iran Israel Conflict: ईरान लौटने की तैयारी में शाहजादा! रजा पहलवी ने भरी हुंकार
Reza Pahlavi: ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव के बीच, निर्वासित ईरानी क्राउन प्रिंस रजा पहलवी ने देशवासियों से इस्लामी शासन के खिलाफ खड़े होने की अपील की है. सोशल मीडिया पर जारी वीडियो संदेश में उन्होंने कहा कि "अब समय आ गया है ईरान को फिर से पाने का."

Reza Pahlavi: ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव के बीच, ईरान के निर्वासित राजकुमार रजा पहलवी ने एक वीडियो संदेश जारी कर देशवासियों से इस्लामी गणराज्य के खिलाफ खड़े होने की अपील की है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर साझा किए गए वीडियो में उन्होंने कहा, "इस्लामी गणराज्य का अंत आ चुका है और वह ढह रहा है. जो शुरू हो चुका है, वह अब रुकेगा नहीं. भविष्य उज्ज्वल है, और हम साथ मिलकर इतिहास का नया पन्ना पलटेंगे. अब खड़े होने का समय है; अब ईरान को फिर से पाने का समय है. मैं जल्द आप सभी के बीच होऊं यही मेरी कामना है."
रजा पहलवी का यह संदेश ऐसे समय में आया है जब ईरान में सरकार विरोधी भावनाएं लगातार तेज हो रही हैं और बाहरी हमलों की आशंका भी बनी हुई है. उनकी इस अपील ने ईरान की राजनीति में एक नई हलचल पैदा कर दी है और एक बार फिर यह सवाल उठने लगा है क्या ईरान में शाह की वापसी की संभावना बन रही है?
جمهوری اسلامی به پایان خود رسیده و در حال سقوط است. آنچه آغاز شده برگشتناپذیر است. آینده روشن است و ما با هم از این پیچ تند تاریخ عبور خواهیم کرد. اکنون زمان ایستادن است؛ زمان بازپسگیری ایران. باشد که بهزودی در کنار شما باشم. pic.twitter.com/sXf9BWsZAH
— Reza Pahlavi (@PahlaviReza) June 17, 2025
शाह का बेटा और निर्वासन की कहानी
रजा पहलवी, ईरान के अंतिम शाह मोहम्मद रजा पहलवी के सबसे बड़े बेटे हैं. उन्हें 1967 में क्राउन प्रिंस घोषित किया गया था, लेकिन 1978 में वे देश छोड़कर अमेरिका चले गए. अगले ही साल 1979 में इस्लामी क्रांति के बाद मौजूदा शासन सत्ता में आया. वर्तमान में वे अमेरिका में रह रहे हैं और वहां से नेशनल काउंसिल ऑफ ईरान नामक निर्वासित विपक्षी संगठन का नेतृत्व कर रहे हैं.
लोकतांत्रिक ईरान की वकालत
रजा पहलवी लंबे समय से इस्लामी गणराज्य के विरोध में हैं और एक शांतिपूर्ण, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक सरकार के पक्षधर हैं. उनका मानना है कि एक नई शासन व्यवस्था नागरिक स्वतंत्रताओं की रक्षा करेगी, वैश्विक संबंधों में सुधार लाएगी और देश की अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करेगी. उनके अनुसार, "जो बदलाव शुरू हो चुका है, वह अब रुकने वाला नहीं है. हमें मिलकर ईरान को फिर से बनाना है."
संकट के दौर में आया संदेश
रजा पहलवी का यह बयान ऐसे समय में सामने आया है जब ईरान और इजरायल के बीच तनाव चरम पर है. बीते सप्ताह इजरायल ने ईरान पर अब तक का सबसे बड़ा हवाई हमला किया था, जिसके पीछे उसने परमाणु खतरे का हवाला दिया. हालांकि ईरान ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह शांतिपूर्ण है.
भविष्य की राजनीति में रजा की भूमिका?
इस वीडियो संदेश के समय ने कई राजनीतिक विश्लेषकों का ध्यान खींचा है. जब ईरान में सरकार विरोधी प्रदर्शन तेज़ हो रहे हैं और बाहरी दबाव भी बढ़ रहा है, तब रजा पहलवी की सक्रियता को लेकर सवाल उठ रहे हैं क्या वे भविष्य में शासन व्यवस्था का हिस्सा बन सकते हैं? 1979 में जिस राजशाही को भ्रष्टाचार, विदेशी हस्तक्षेप और आर्थिक असमानता के कारण उखाड़ फेंका गया था, क्या अब वही शाही परिवार फिर से उम्मीद की किरण बन रहा है?


