ईरान की एनपीटी से बाहर निकलने की तैयारी, परमाणु हथियारों पर बढ़ी वैश्विक चिंता
ईरान की संसद एक विधेयक तैयार कर रही है, इसके जरिए देश परमाणु अप्रसार संधि से बाहर निकल सकता है. वहीं, तेहरान ने एक बार फिर परमाणु हथियारों के निर्माण का विरोध करते हुए शांतिपूर्ण परमाणु ऊर्जा के उपयोग के अपने अधिकार का समर्थन किया है.

ईरान के विदेश मंत्रालय ने हाल ही में घोषणा की है कि देश की संसद परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) से हटने संबंधी एक विधेयक तैयार कर रही है. मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि ईरान अब भी सामूहिक विनाश के हथियारों के निर्माण का विरोध करता है और इस दिशा में उसकी नीति में कोई बदलाव नहीं आया है.
ईरान के राष्ट्रपति ने क्या कहा?
इससे पहले, ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने जोर देते हुए कहा था कि ईरान का परमाणु हथियार बनाने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन वह परमाणु ऊर्जा और अनुसंधान के अपने अधिकारों की रक्षा जरूर करेगा. उन्होंने सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के उस धार्मिक आदेश को दोहराया जिसमें परमाणु हथियारों का प्रयोग या विकास निषिद्ध बताया गया है.
परमाणु अप्रसार संधि (NPT) एक अंतरराष्ट्रीय समझौता है, जिसका उद्देश्य परमाणु हथियारों के फैलाव को रोकना, शांतिपूर्ण परमाणु ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देना और परमाणु निरस्त्रीकरण को प्रोत्साहित करना है. ईरान का इससे हटने का विचार वैश्विक चिंताओं को बढ़ा सकता है.
ईरान और इज़राइल के बीच सैन्य तनाव
यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब ईरान और इज़राइल के बीच सैन्य तनाव लगातार बढ़ रहा है. हाल ही में इज़राइल ने ईरानी हथियार भंडारण स्थलों के पास रहने वाले नागरिकों को सतर्क किया है और कहा है कि लक्षित हमलों की एक विस्तृत सूची तैयार है. दोनों देशों के बीच मिसाइल हमले रविवार रात से सोमवार सुबह तक जारी रहे और इस दौरान अंतरराष्ट्रीय युद्धविराम की अपीलें अनदेखी कर दी गईं.
2018 में अमेरिका द्वारा परमाणु समझौते से पीछे हटने के बाद ईरान का परमाणु कार्यक्रम तेज़ी से आगे बढ़ा है. ईरान का दावा है कि उसका उद्देश्य शांतिपूर्ण ऊर्जा विकास है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने चेतावनी दी है कि ईरान के पास अब इतना संवर्धित यूरेनियम है कि यदि चाहे तो वह कई परमाणु बम बना सकता है.


