ईरान की संसद का बड़ा फैसला: हॉर्मुज जलडमरूमध्य बंद करने को दी मंजूरी
ईरानी संसद ने हॉर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. हालांकि, अंतिम निर्णय ईरान की सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल द्वारा लिया जाएगा.

हाल ही में ईरानी संसद ने हॉर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. हालांकि, अंतिम निर्णय ईरान की सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल द्वारा लिया जाएगा. यह कदम अमेरिका द्वारा ईरान के तीन सैन्य ठिकानों पर किए गए हमले के बाद सामने आया है, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता बढ़ गई है.
हॉर्मुज जलडमरूमध्य फारस की खाड़ी को ओमान की खाड़ी और फिर अरब सागर से जोड़ता है. इसकी रणनीतिक स्थिति इसे विश्व का सबसे महत्वपूर्ण समुद्री मार्ग बनाती है, जहां से दुनिया का लगभग एक-चौथाई समुद्री तेल और एक-पांचवां तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) का व्यापार होता है. यह जलमार्ग बहुत संकरा है. केवल 33 किलोमीटर चौड़ा और इसमें शिपिंग लेन मात्र 3 किलोमीटर चौड़ी है, जिससे इसे अवरुद्ध करना आसान बनता है.
मार्ग को बंद करना आर्थिक आत्मघात
ईरान पहले भी इस जलडमरूमध्य को बंद करने की धमकी दे चुका है. विशेषकर 1980 के ईरान-इराक युद्ध के समय, जब जहाजों पर हमले किए गए थे. हालांकि, ईरान खुद भी इस मार्ग पर निर्भर है और इसका पूरी तरह से बंद होना चीन जैसे सहयोगी देशों को प्रभावित कर सकता है. अमेरिकी विदेश मंत्री ने चीन से आग्रह किया है कि वह ईरान पर दबाव बनाए क्योंकि इस मार्ग को बंद करना आर्थिक आत्मघात जैसा होगा.
भारत पर पड़ेगा असर
भारत पर भी इसका असर पड़ सकता है क्योंकि 2024 में इस जलमार्ग से होकर भारत समेत एशियाई देशों को 84% कच्चा तेल और 83% एलएनजी की आपूर्ति हुई थी. यदि यह मार्ग बाधित होता है, तो वैश्विक ऊर्जा कीमतों में भारी वृद्धि हो सकती है, जिससे भारत में महंगाई और आर्थिक दबाव बढ़ने की आशंका है.


