छिड़ने वाला है तीसरा विश्व युद्ध! ईरान-इजरायल के बीच गरमाया माहौल, क्या न्यूक्लियर वॉर की ओर बढ़ रही दुनिया?
Iran–Israel conflict: मध्य पूर्व में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं, जहां ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव ने वैश्विक चिंता बढ़ा दी है. दोनों देशों के बीच जारी बयानबाज़ी और सैन्य तैयारियों से यह सवाल उठने लगा है कि क्या दुनिया एक बड़े युद्ध की ओर बढ़ रही है?

Iran–Israel conflict: मध्य पूर्व में तनाव अपने चरम पर पहुंच चुका है, जहां ईरान और इजरायल के बीच तल्ख बयानबाजी ने वैश्विक चिंता बढ़ा दी है. अमेरिका की खुफिया रिपोर्टों के अनुसार, इजरायल "वर्ष के मध्य तक" ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर हमला कर सकता है. इसके जवाब में ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने खुली धमकी दी है कि वह इजरायल को पूरी तरह तबाह कर देगा.
इस तनातनी के बीच, ईरान और इजरायल दोनों ही अपनी सैन्य तैयारियों को बढ़ा रहे हैं. ईरान के उच्च सैन्य अधिकारियों ने "ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3" की चेतावनी दी है, जिसे लेकर इजरायल ने भी आक्रामक प्रतिक्रिया दी है. क्या यह तनाव परमाणु युद्ध की ओर बढ़ रहा है? आइए, जानते हैं इस पूरी स्थिति को विस्तार से.
ईरान की चेतावनी
IRGC के जनरल इब्राहिम जब्बारी ने एक बयान में कहा कि "ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3 सही समय पर, सटीकता के साथ और इतने बड़े पैमाने पर चलेगा कि यह इजरायल को नष्ट कर देगा तथा तेल अवीव और हाइफा को जमीन पर ध्वस्त कर देगा." यह बयान पिछले कुछ हफ्तों में IRGC अधिकारियों द्वारा दी गई तीसरी बड़ी धमकी है. इससे पहले ब्रिगेडियर जनरल अली फदावी और ब्रिगेडियर जनरल आमिर अली हाजीज़ादेह भी इसी तरह के बयान दे चुके हैं. इस ऑपरेशन को अप्रैल और अक्टूबर 2024 में हुए ईरानी हमलों के बाद इजरायल के खिलाफ तीसरा संभावित हमला माना जा रहा है.
इजरायल का करारा जवाब
ईरानी धमकियों के जवाब में इजरायल के विदेश मंत्री गिदोन सा'आर ने कहा, "यदि यहूदी लोगों ने इतिहास से कुछ सीखा है, तो वह यह है: यदि आपका दुश्मन कहता है कि उसका लक्ष्य आपको नष्ट करना है - तो उस पर विश्वास करें. हम तैयार हैं." इजरायल ने संकेत दिया है कि वह किसी भी हमले के लिए पूरी तरह तैयार है और यदि ज़रूरत पड़ी तो वह पहले हमला करने से भी पीछे नहीं हटेगा.
ईरान की बढ़ती सैन्य तैयारियां
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईरान अपनी मिसाइल उत्पादन क्षमताओं को तेज़ी से बढ़ा रहा है. हाल ही में चीन से 1,000 टन रॉकेट ईंधन अग्रदूत रसायनों की खेप मिलने की खबरें आई हैं. इसके अलावा, ईरान ने एक नया भूमिगत "मिसाइल शहर" भी विकसित किया है, जो रणनीतिक रूप से दक्षिणी जलक्षेत्र में स्थित है और विध्वंसक जहाजों को लक्षित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है.
अमेरिका-इजरायल की सैन्य रणनीति
अमेरिकी-इजरायली पब्लिक अफेयर्स कमेटी (AIPAC) के पूर्व शोध प्रमुख कोलिन विंस्टन का मानना है कि अब ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला करने का सही समय आ गया है. जेरूसलम पोस्ट की रिपोर्ट में उनके हवाले से कहा गया है, "हिज़बुल्लाह और हमास अब इज़रायल के लिए खतरा नहीं हैं. ईरान और सीरिया की वायु रक्षा प्रणालियाँ नष्ट हो चुकी हैं और ईरान की मिसाइल क्षमताएँ भी खत्म हो चुकी हैं." विंस्टन ने यह भी दावा किया कि ईरान हथियार-ग्रेड यूरेनियम के उत्पादन के करीब है, और अब इजरायल और अमेरिका को निर्णायक सैन्य कार्रवाई करनी चाहिए.
क्या परमाणु युद्ध की ओर बढ़ रही है दुनिया?
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने पहले ही चेतावनी दी थी कि यदि इजरायल या अमेरिका ने ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला किया, तो यह पूरा क्षेत्र "पूरी तरह से युद्ध" की चपेट में आ जाएगा. अल जज़ीरा को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा, "ईरानी परमाणु प्रतिष्ठानों पर सैन्य हमला अमेरिका द्वारा की जाने वाली सबसे बड़ी ऐतिहासिक गलतियों में से एक होगी." वहीं, अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान कुछ हफ्तों के भीतर हथियार-ग्रेड यूरेनियम का उत्पादन कर सकता है. यदि यह सच साबित हुआ, तो मध्य पूर्व में युद्ध की आशंका और बढ़ जाएगी.


