वाह क्या बिजनेस है! महाकुंभ में शुरू हुआ डिजिटल स्नान, 1,100 रुपए में घर बैठे लगवाई जा रही डुबकी
Mahakumbh Digital Snan: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 के दौरान एक अनोखी सेवा सुर्खियों में है. यहां एक व्यक्ति सिर्फ 1100 रुपये में ‘डिजिटल स्नान’ करवा रहा है, जिसमें श्रद्धालु अपनी तस्वीरें व्हाट्सऐप पर भेजते हैं, और वह व्यक्ति उन्हें संगम में डुबोकर प्रतीकात्मक स्नान कराता है. इस अजीबो-गरीब सेवा का वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर इसे लेकर बहस छिड़ गई है.

Mahakumbh Digital Snan: प्रयागराज में जारी महाकुंभ 2025 में आस्था की अनोखी मिसाल देखने को मिल रही है. जहां लाखों श्रद्धालु संगम में स्नान कर रहे हैं, वहीं एक व्यक्ति ने ऐसा तरीका अपनाया है जो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है. इस व्यक्ति ने 'डिजिटल स्नान' सेवा शुरू की है, जिसमें लोग अपनी तस्वीरें व्हाट्सऐप पर भेज सकते हैं, और वह व्यक्ति उन तस्वीरों को पवित्र गंगा जल में डुबोकर प्रतीकात्मक स्नान करवाता है. इस सेवा की कीमत 1100 रुपये रखी गई है, जिससे यह एक अनोखा लेकिन विवादास्पद बिजनेस मॉडल बन गया है.
महाकुंभ हर 12 साल में आयोजित होने वाला विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, लेकिन 2025 का कुंभ खगोलीय संयोगों के चलते 144 वर्षों बाद आया है, जिससे इसकी धार्मिक महत्ता और भी बढ़ गई है. ऐसे में हर श्रद्धालु किसी न किसी तरह इस आयोजन से जुड़ने की कोशिश कर रहा है, और इसी भावना का फायदा उठाते हुए यह व्यक्ति अपने ‘डिजिटल स्नान’ स्टार्टअप के जरिए सुर्खियों में आ गया है.
कैसे होता है डिजिटल स्नान?
इस सेवा का तरीका बेहद सरल है. श्रद्धालु अपनी तस्वीर व्हाट्सऐप पर भेजते हैं, जिसके बाद उस व्यक्ति द्वारा तस्वीर का प्रिंटआउट निकालकर 24 घंटे के भीतर त्रिवेणी संगम में डुबो दिया जाता है. उसका दावा है कि वह महाकुंभ समाप्त होने तक यह सेवा देता रहेगा क्योंकि वह रोज संगम जाता है.
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
यह अनोखी सेवा तब चर्चा में आई जब 'आकाश बनर्जी' नामक इंस्टाग्राम हैंडल से एक वीडियो शेयर किया गया. वीडियो में यह व्यक्ति अपनी सेवा का प्रचार करता दिखा. हालांकि, इस आइडिया ने लोगों को ज्यादा प्रभावित नहीं किया, बल्कि इसे लेकर मज़ाक और आलोचना दोनों शुरू हो गईं.
धोखा या बिजनेस आइडिया?
वीडियो वायरल होते ही सोशल मीडिया पर बवाल मच गया. कुछ लोगों ने इस व्यक्ति को 'धोखेबाज' करार दिया, तो कुछ ने इसे 'नया बिजनेस आइडिया' बताया. एक यूजर ने लिखा, "चीन के पास डीपसीक है, तो हमारे पास डीपस्नान है." एक अन्य यूजर ने कहा, "व्हाट्सऐप इसलिए चुना क्योंकि उन्हें पता है कि भक्त कहां मिल सकते हैं." वहीं, कुछ लोगों ने धार्मिक आस्था को लेकर चिंता जताई और कहा, "इसी कारण देश बर्बाद हो रहा है: धर्म में अत्यधिक आस्था है."


