ईरान ने सऊदी को दी चेतावनी, इजरायल पर भरोसा नहीं, सीजफायर टूटा तो होगा बड़ा हमला
13 जून को शुरू हुई जंग के बाद 24 जून को भले ही युद्धविराम लागू हो गया हो, मगर ईरान को अब भी इसकी स्थिरता पर भरोसा नहीं है. 6 दिन बाद ईरान ने सऊदी अरब को फोन कर चेतावनी दी है अगर इजरायल ने फिर कोई 'गड़बड़ी' की, तो जवाब बहुत सख्त होगा. तनाव अब भी टला नहीं है.

ईरान और इजरायल के बीच 13 जून को शुरू हुई जंग थमी तो जरूर है, लेकिन तनाव अब भी बरकरार है. सीजफायर को 6 दिन बीत चुके हैं, लेकिन ईरान अब भी आश्वस्त नहीं है कि यह युद्धविराम लंबे समय तक चलेगा. ईरान ने सीधे तौर पर इजरायल पर संदेह जताते हुए कहा है कि अगर उसके खिलाफ फिर से कोई कदम उठाया गया, तो उसका जवाब बेहद कठोर होगा.
रविवार 29 जून को ईरान के सैन्य प्रमुख अब्दुलरहीम मौसवी ने सऊदी अरब के रक्षा मंत्री खालिद बिन सलमान को फोन कर अपनी आशंका जाहिर की और कहा कि ईरान को इजरायल की प्रतिबद्धताओं पर कोई भरोसा नहीं है. उन्होंने साफ कर दिया कि युद्धविराम तोड़ा गया, तो ईरान पीछे नहीं हटेगा.
ईरान ने सऊदी रक्षा मंत्री से की फोन पर बात
ईरानी सेना प्रमुख अब्दुलरहीम मौसवी ने रविवार को सऊदी रक्षा मंत्री खालिद बिन सलमान से फोन पर बातचीत की. यह बातचीत उस नाजुक युद्धविराम के संदर्भ में हुई, जो 24 जून मंगलवार से लागू हुआ है. इस दौरान मौसवी ने कहा, "हमें सीजफायर समेत अपने दायित्वों के प्रति दुश्मन की प्रतिबद्धता पर गंभीर शक है. अगर ईरान पर दोबारा हमला हुआ, तो हम कड़ा जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं."
13 जून से भड़का था संघर्ष
ईरान-इजरायल संघर्ष की शुरुआत 13 जून को हुई, जब इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) की स्ट्राइक में ईरान के कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारी और न्यूक्लियर साइंटिस्ट मारे गए. इसके बाद पूरी दुनिया में हड़कंप मच गया था. इजरायल ने IAEA की रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया था कि ईरान परमाणु हथियार बनाने के बेहद करीब पहुंच चुका है और उसकी साइट्स पर हमला करना ज़रूरी हो गया था.
जवाबी कार्रवाई की चेतावनी
IDF की कार्रवाई सिर्फ सैन्य ठिकानों तक सीमित नहीं रही, बल्कि तेहरान सहित कई नागरिक इलाकों को भी निशाना बनाया गया. इससे ईरान में व्यापक जन आक्रोश फैला और जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी गई.
अमेरिका ने खुलकर दिया इजरायल का साथ
इस संघर्ष में अमेरिका भी खुलकर इजरायल के समर्थन में आ गया. अमेरिकी वायुसेना ने ईरान की तीन प्रमुख न्यूक्लियर साइट्स फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर बमबारी की. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इन हमलों के बाद दावा किया कि इससे ईरान की परमाणु क्षमता को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया है.
पहले ही हटा ली थी संवेदनशील सामग्री
हालांकि, ईरान ने अमेरिकी दावों को खारिज करते हुए कहा कि स्ट्राइक से पहले ही उसने अपने सभी प्रमुख परमाणु ठिकानों से यूरेनियम और अन्य संवेदनशील सामग्री हटा ली थी. ईरान के अनुसार, हमला महज एक दिखावा था, जिससे उनकी सैन्य और वैज्ञानिक क्षमताओं पर कोई खास असर नहीं पड़ा.


