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गाज़ा के 22 महीने के युद्ध और 60,000 मौतों के बीच नेतन्याहू पर चारों तरफ़ शिकंजा-घर में बग़ावत, बाहर वैश्विक दबाव, क्या गिरेगी कुर्सी?

गाज़ा में चल रही जंग ने इजरायल को घर और बाहर दोनों जगह मुश्किल में डाल दिया है। नेतन्याहू पर भूख, बग़ावत और दुनिया भर से आ रहे दबाव ने उनकी सियासत को हिला दिया है।

Lalit Sharma
Edited By: Lalit Sharma

International News: गाज़ा में जंग को पूरे 22 महीने हो चुके हैं। 60 हज़ार से ज़्यादा लोग मारे गए हैं और अब वहां अक़ाल जैसी हालत है। बच्चे हड्डियों के ढांचे बन चुके हैं, माएँ रो-रोकर दुआ कर रही हैं। ये नज़ारे सिर्फ़ गाज़ा में ही नहीं, पूरी दुनिया में सुर्ख़ियाँ बन रहे हैं। नेतन्याहू की सरकार पर अब हर तरफ से सवाल उठ रहे हैं। जंग को सही ठहराना दिन-ब-दिन मुश्किल होता जा रहा है।

इजरायल के अंदर भी नेतन्याहू की फज़ीहत हो रही है। 600 से ज़्यादा रिटायर्ड सुरक्षा अधिकारी एकजुट होकर बोले हैं कि अब ये जंग बंद होनी चाहिए। उन्होंने अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ख़त लिखकर दबाव डालने की गुज़ारिश की है। लेटर में साफ कहा गया है कि ये जंग अब बचाव नहीं, बल्कि नाइंसाफ़ी बन चुकी है। नेतन्याहू के अपने ही सलाहकार दो हिस्सों में बंटे नज़र आ रहे हैं।

बंधकों के परिवारों का ग़ुस्सा

हमास के पास जो बंधक हैं, उनके परिवार नेतन्याहू से नाराज़ हैं। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री जंग की सनक में बंधकों की ज़िंदगी की परवाह नहीं कर रहे। कई परिवार रोज़ाना प्रदर्शन कर रहे हैं और सरकार को कोस रहे हैं। उनका डर है कि नेतन्याहू के फैसले बंधकों को मौत के मुंह में धकेल देंगे। ये नाराज़गी इजरायल के भीतर बड़ा सियासी दबाव बना रही है।

मानवाधिकार पर बड़े इल्ज़ाम

गाज़ा में हो रही बमबारी और भूखमरी पर अब अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने भी उंगली उठाई है। संयुक्त राष्ट्र ने इजरायल को बच्चों के ख़िलाफ़ अपराध करने वाले देशों की लिस्ट में डाल दिया है। पहली बार यहूदी संगठनों के भीतर से भी आवाज़ें उठ रही हैं कि गाज़ा में हालात नाज़ी जर्मनी की याद दिला रहे हैं। ये इल्ज़ाम इजरायल की पुरानी छवि पर बड़ा दाग़ लगा रहे हैं।

दुनिया में बिगड़ी इमेज

पश्चिमी देश, जो अब तक इजरायल के साथ खड़े थे, अब पलटने लगे हैं। फ़्रांस, ब्रिटेन और कनाडा ने फिलिस्तीन को मान्यता देने का ऐलान कर दिया है। यूरोपीय संसदों में भी नेतन्याहू के खिलाफ निंदा प्रस्ताव आ रहे हैं। भूखमरी और मौतों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं और इजरायल की आलोचना लगातार बढ़ रही है।

ट्रंप का बदला हुआ रुख

अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इजरायल को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि गाज़ा में बच्चों को खाना पहुंचाना ज़रूरी है, वरना अमरीका का MAGA बेस भी इजरायल से नाख़ुश हो जाएगा। नेतन्याहू का दावा कि गाज़ा में कोई भूखमरी नहीं है, ट्रंप ने खुलेआम ख़ारिज कर दिया। यह बयान इजरायल के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

नेतन्याहू का सियासी भविष्य?

अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि नेतन्याहू कब तक टिक पाएंगे। घर में बग़ावत, बाहर दबाव और युद्ध से थकी जनताइन सबके बीच उनका पद खतरे में नज़र आ रहा है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर हालात नहीं बदले तो जल्द ही इजरायल की राजनीति में बड़ा उलटफेर हो सकता है। गाज़ा की जंग ने नेतन्याहू की सियासत को हिला कर रख दिया है।

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05 August 2025, 08:02 PM IST

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