ईरान के इन ठिकानों पर है इजरायल की निगाहें, कभी भी कर सकता है अटैक
Israel vs Iran: इजरायल ईरान से बदला लेने की फिराक में है. 1 अक्टूबर को ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल हमलों के बाद इजरायल ने कहा था कि ईरान ने भारी भूल कर दी है, ईरान को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी. ईरान के ऐसे कई ठिकाने हैं जहां इजरायल की निगाहें हैं.

Israel vs Iran: इजरायल ईरान से बदला लेने की फिराक में बैठा है. 1 अक्टूबर, 2024 को ईरान ने इजराइल पर मिसाइलों की बौछार की थी. बैलिस्टिक मिसाइल हमलों के बाद इजरायल ने कहा था कि ईरान ने भारी भूल कर दी है, ईरान को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी.
इजरायल ईरान के हमलों का जवाब जरूर देगा. कब कैसे वो तय करेंगे. इजरायल के एक अधिकारी ने मीडिया को बताया है कि सेना इस हफ्ते की शुरुआत में ईरानी मिसाइल हमले का जवाब देने की तैयारी कर रही है.
ईरान के इन ठिकानों पर अटैक कर सकता है इजरायल
बताया जा रहा है कि बैलिस्टिक मिसाइल हमलों का बदला लेने के लिए इजरायल ईरान की ऑयल फैसिलिटी, राष्ट्रपति भवन परिसर, सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के आधिकारिक भवन परिसर और रिवोल्यूशनरी गार्ड के मुख्यालय को निशाना बना सकता है. संभावना है कि 7 अक्टूबर को इजरायल ईरान पर अटैक कर सकता है.
इन न्यूक्लियर साइट्स पर हैं निगाहें
इसके अलवा इजरायल ईरान की न्यूक्लियर साइट्स को भी निशाना बना सकता है. अमेरिकी रिपोर्ट्स के मुताबिक ईरान छह महीनों के अंदर एक क्रूड न्यूक्लियर डिवाइस और दो साल के अंदर मिसाइल से लॉन्च करने लायक परमाणु हथियार बनाने में सक्षम है. ईरान के प्रमुख परमाणु ठिकानों में शामिल हैं..
नतांज
ईरान के मुख्य यूरेनियम संवर्धन इलाकों में से एक नतांज है. यह तेहरान से लगभग 300 किलोमीटर दक्षिण में इस्फ़हान प्रांत में मौजूद है.
इस्फहान
इस्फहान ईरान का दूसरा सबसे बड़ा शहर है. इस्फहान के बाहरी इलाके में एक बड़ा परमाणु प्रौद्योगिकी केंद्र है जिसमें फ्यूल प्लेट फैब्रिकेशन प्लांट और यूरेनियम कन्वर्ज़न फैसिलिटी शामिल हैं.
फोर्डो
फोर्डो एक पहाड़ी इलाका है जहां पहाड़ को तोड़कर उसके बीच परमाणु ठिकाना बनाया है. 2015 में हुए समझौते के मुताबिक ईरान को फोर्डो में यूरेनियन संवर्धन की अनुमति नहीं थी. अभी फोर्डो में 1,000 से ज्यादा सेंट्रीफ्यूज काम कर रहे हैं, जिनमें से कुछ उन्नत IR-6 मशीनें हैं.
पारचिन
पारचिन एक सैन्य अड्डा है जहां हथियारों और मिसाइलों का परीक्षण किया जाता है. IAEA ने पहले संदेह जताया था कि ईरान ने यहां में परमाणु हथियारों में इस्तेमाल होने वाले विस्फोटक ट्रिगर्स का परीक्षण किया है.


