पाकिस्तान में जिन्ना का अपमान, TTP ने तस्वीर पर बरसाए जूते, दी गालियां...सोशल मीडिया पर शेयर किया Video
पाकिस्तान की रातों की नींद उड़ाने वाली आतंकी संगठन तरहीक-ए-तालिबान जिसे टीटीपी के नाम से भी जाना जाता है, उसने पाकिस्तान के कायदे आजम मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर पर जूते बरसाकर अपमान किया है.

नई दिल्ली : पाकिस्तान में सक्रिय आतंकवादी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने एक बार फिर उग्र रुख दिखाते हुए देश के संस्थापक कायदे-आजम मोहम्मद अली जिन्ना और कवि अल्लामा मोहम्मद इकबाल का अपमान किया है. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में टीटीपी के लड़ाके खैबर पख्तूनख्वा के एक स्कूल में घुसकर जिन्ना की तस्वीर पर जूते बरसाते हुए नजर आ रहे हैं. वीडियो में यह भी देखा जा सकता है कि आतंकवादी पश्तून भाषा में पाकिस्तान और उसके नेताओं को गालियां दे रहे हैं. यह घटना पाकिस्तान में बढ़ते तालिबानी प्रभाव की गंभीर चेतावनी मानी जा रही है.
वीडियो में दिखा तालिबानी उन्माद
खैबर पख्तूनख्वा में टीटीपी का बढ़ता आतंक
खैबर पख्तूनख्वा के सीमावर्ती इलाकों में टीटीपी का प्रभाव लगातार बढ़ता जा रहा है. संगठन ने कई क्षेत्रों पर अपना कब्जा जमा लिया है और वहां समानांतर शासन जैसी व्यवस्था चला रहा है. स्थानीय लोगों में टीटीपी का खौफ इतना है कि पाकिस्तानी सेना भी इन इलाकों में कार्रवाई करने से हिचकती है. अफगानिस्तान से बढ़ते तनाव के बीच टीटीपी ने हाल के महीनों में अपने हमले और भी तेज कर दिए हैं और नए-नए इलाकों पर कब्जा करने की कोशिश कर रही है. माना जा रहा है कि यह वीडियो भी ऐसे ही किसी कब्जाए गए स्कूल में शूट किया गया है.
🚨BREAKING NEWS🚨
— ☣️𝐖𝐀𝐑 𝐆𝐋𝐎𝐁𝐄 𝐍𝐄𝐖𝐒 (@WarGlobeNews) November 3, 2025
Terrorists affiliated with the Afghan backed Pakistani Taliban faction HGB group abuse and attack pictures of Jinnah and Sir Muhammad Iqbal while occupying a Government school in Khyber-Pakhtunkhwa #TTP #Afghanistan #AfghanTaliban #Taliban #PakArmy pic.twitter.com/Qrc7n2ZHQs
TTP कौन है और उसका उद्देश्य क्या है
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) की स्थापना वर्ष 2007 में हुई थी. यह संगठन पाकिस्तान में कड़े इस्लामिक कानून (शरीयत) लागू करने की वकालत करता है और खुद को अफगान तालिबान का वैचारिक सहयोगी मानता है. हालांकि, टीटीपी का संचालन पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा तक सीमित है. इसका मुख्य उद्देश्य पाकिस्तानी शासन को अस्थिर करना और इस्लामी शासन की स्थापना करना है. इस संगठन पर पाकिस्तान में सैकड़ों आतंकवादी हमले करने, सेना और पुलिस पर हमले, और निर्दोष नागरिकों की हत्याओं के आरोप हैं.
पाकिस्तान के लिए बढ़ती चुनौती
टीटीपी की बढ़ती गतिविधियां पाकिस्तान के लिए बड़ी सुरक्षा चुनौती बन चुकी हैं. खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में आतंकियों के हमले लगातार बढ़ रहे हैं, जबकि पाकिस्तान की सेना कई बार दावा करने के बावजूद इस संगठन को पूरी तरह खत्म नहीं कर पाई है. अफगान तालिबान के शासन में आने के बाद टीटीपी को न केवल वैचारिक समर्थन मिला है, बल्कि सीमा पार से सुरक्षा भी हासिल हुई है. अब जिन्ना और इकबाल जैसी राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान पाकिस्तान की आंतरिक अस्थिरता को और उजागर कर रहा है.


