गृहयुद्ध के बीच सूडान में फंसा भारतीय नागरिक, RSF ने आदर्श बेहरा को किया किडनैप... जानिए कितना खतरनाक है ये संगठन

सूडान में जारी गृहयुद्ध के बीच ओडिशा के रहने वाले भारतीय नागरिक आदर्श बेहरा को रैपिड सपोर्ट फोर्स (RSF) ने अगवा कर लिया है. वे 2022 से सूडान में एक प्लास्टिक फैक्ट्री में कार्यरत थे.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

नई दिल्ली : सूडान में जारी भीषण गृहयुद्ध के बीच एक भारतीय नागरिक के अगवा होने की खबर ने भारत में चिंता बढ़ा दी है. रिपोर्टों के मुताबिक, सूडान में कार्यरत ओडिशा निवासी आदर्श बेहरा को रैपिड सपोर्ट फोर्स (RSF) ने किडनैप कर लिया है. एक वायरल वीडियो में आदर्श हाथ जोड़कर बैठे दिखाई दे रहे हैं और ओडिशा सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. उनका कहना है कि बीते दो वर्षों से सूडान में उनकी स्थिति बेहद खराब है और अब वे असुरक्षित महसूस कर रहे हैं.

कौन हैं आदर्श बेहरा और कहां हुआ अपहरण

आपको बता दें कि अगवा किए गए आदर्श बेहरा ओडिशा के जगतसिंहपुर जिले के रहने वाले हैं. वर्ष 2022 से वे सूडान में एक सुकृति प्लास्टिक फैक्ट्री में काम कर रहे थे. सूत्रों के अनुसार, उन्हें राजधानी खारतूम से लगभग 1,000 किलोमीटर दूर अल-फशीर नामक इलाके से अगवा किया गया और बाद में दक्षिण दारफुर में आरएसएफ के गढ़ न्याला ले जाया गया. बताया जा रहा है कि आदर्श की उम्र 36 वर्ष है और उनके परिवार में पत्नी सुष्मिता तथा दो छोटे बेटे (8 और 3 वर्ष के) हैं, जो इस समय ओडिशा में रह रहे हैं. उनकी पत्नी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि परिवार अत्यधिक चिंतित है और केंद्र तथा राज्य सरकार से जल्द कार्रवाई की अपील कर रहा है.

सूडान का गृहयुद्ध और RSF की भूमिका
अप्रैल 2023 से सूडान में सूडानी सशस्त्र बलों (SAF) और रैपिड सपोर्ट फोर्स (RSF) के बीच हिंसक संघर्ष जारी है. इस संघर्ष में अब तक हजारों लोगों की मौत हो चुकी है और लाखों लोग विस्थापित हो चुके हैं. अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, RSF की उत्पत्ति कथित जंजावीद मिलिशिया से हुई थी, जिसे सूडानी सरकार ने 2000 के दशक में दारफुर विद्रोह को दबाने के लिए इस्तेमाल किया था. इस संघर्ष में लगभग 3 लाख लोगों की मौत हुई थी और अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) ने उस समय कई सरकारी अधिकारियों और मिलिशिया नेताओं पर गंभीर अपराधों के आरोप लगाए थे.


RSF पर गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप 
वर्ष 2013 में यह मिलिशिया औपचारिक रूप से रैपिड सपोर्ट फोर्स के रूप में गठित की गई और बाद में इसे एक नियमित बल का दर्जा मिला. 2015 में RSF ने सूडानी सेना के साथ मिलकर यमन में सैनिक भेजे और 2017 में इसे एक स्वतंत्र सुरक्षा बल के रूप में मान्यता दी गई. हालांकि इस समूह पर दक्षिण कोरदोफान और दारफुर जैसे इलाकों में गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप लगे हैं. मानवाधिकार संगठन “ह्यूमन राइट्स वॉच” ने 2015 में अपनी रिपोर्ट में इस बल को “निर्दयी” बताया था.

सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने का प्रयास जारी 
भारत में सूडान के राजदूत मोहम्मद अब्दुल्ला अली एल्टॉम ने कहा है कि सूडानी सरकार, भारतीय विदेश मंत्रालय के साथ लगातार संपर्क में है और दोनों मिलकर आदर्श बेहरा की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने पीटीआई को बताया कि सूडान के अधिकारियों को स्थिति की पूरी जानकारी दे दी गई है और राजनयिक स्तर पर हरसंभव कदम उठाए जा रहे हैं. एल्टॉम ने कहा, “हम जानते हैं कि हमें क्या करना है और हमें उम्मीद है कि भारतीय नागरिक को सुरक्षित वापस लाया जाएगा.”

RSF की हिंसक गतिविधियां और हालिया घटनाएं
सूडान में RSF की हिंसक गतिविधियाँ लगातार बढ़ रही हैं. अक्टूबर में इस संगठन ने एक प्रमुख अस्पताल पर हमला किया था, जिसमें 460 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख टेड्रोस अदनोम घेब्रेयेसस ने इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया और इसे “अमानवीय कृत्य” बताया. इसी घटना की पुष्टि सूडान डॉक्टर्स नेटवर्क ने भी की थी, जिसके अनुसार आरएसएफ के लड़ाकों ने अस्पताल में मौजूद मरीजों, उनके परिजनों और कर्मचारियों की बेरहमी से हत्या की थी.

आगे की राह और भारत की चिंताएं
सूडान में जारी संघर्ष के कारण वहां रह रहे विदेशी नागरिकों की सुरक्षा गंभीर चुनौती बन गई है. भारत सरकार पहले भी कई बार अपने नागरिकों को सूडान से वापस बुलाने के लिए “ऑपरेशन कावेरी” जैसी पहल कर चुकी है. लेकिन अब स्थिति और जटिल हो गई है, क्योंकि RSF का प्रभाव कई क्षेत्रों में बढ़ चुका है. सरकार का ध्यान फिलहाल आदर्श बेहरा की सुरक्षित वापसी पर केंद्रित है. उम्मीद की जा रही है कि कूटनीतिक और मानवीय प्रयासों के जरिए भारत अपने नागरिक को जल्द वापस लाने में सफल होगा.

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04 November 2025, 10:10 AM IST

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