विदेशी प्रतिभाओं को अमेरिका लाने की जरुरत...H-1B वीजा योजना पर डोनाल्ड ट्रंप यू-टर्न
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने H-1B वीजा कार्यक्रम का समर्थन करते हुए कहा कि अमेरिका को तकनीकी और विशेष क्षेत्रों में प्रतिभाशाली विदेशी पेशेवरों की आवश्यकता है. नए नियमों के तहत 21 सितंबर 2025 के बाद दाखिल H-1B वीजा आवेदनों पर $100,000 शुल्क लागू होगा.

नई दिल्ली : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने H-1B वीज़ा योजना का समर्थन करते हुए कहा कि अमेरिका को कुछ विशेष क्षेत्रों में प्रतिभाशाली लोगों की आवश्यकता है. यह बयान उनकी पिछली कड़ी नीति में एक अप्रत्याशित बदलाव के रूप में सामने आया. ट्रंप ने फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में यह स्पष्ट किया कि अमेरिका जटिल उत्पादन और रक्षा जैसे क्षेत्रों में केवल लंबे समय से बेरोजगार अमेरिकियों को प्रशिक्षित करके इन पदों के लिए तैयार नहीं कर सकता.
प्रतिभाशाली विदेशी पेशेवरों की जरूरत
H-1B वीजा शुल्क में वृद्धि
सितंबर 2025 में ट्रंप प्रशासन ने ‘Restriction on Entry of Certain Nonimmigrant Workers’ शीर्षक के तहत H-1B वीज़ा कार्यक्रम में बड़े सुधार की दिशा में कदम उठाया. इसके तहत 21 सितंबर 2025 के बाद दाखिल किए गए नए H-1B वीज़ा आवेदनों के लिए 1 लाख अमेरिकी डॉलर अतिरिक्त शुल्क का प्रावधान किया गया. अमेरिकी विदेश विभाग ने स्पष्ट किया कि यह नया शुल्क केवल उन आवेदनों या H-1B लॉटरी में दाखिला लेने वाले नए उम्मीदवारों पर लागू होगा.
भारतीय पेशेवरों के लिए प्रभाव
भारतीय पेशेवर, विशेषकर तकनीकी और चिकित्सा क्षेत्र के कर्मचारी, H-1B वीजा धारकों में सबसे बड़े समूह हैं. इस नीति के तहत वर्तमान वीजा धारक और 21 सितंबर 2025 से पहले दाखिल किए गए आवेदन इससे प्रभावित नहीं होंगे. नई नीति में अमेरिकी कंपनियों और उम्मीदवारों के लिए वित्तीय बोझ बढ़ जाएगा, लेकिन ट्रंप ने यह भी संकेत दिया कि प्रतिभाशाली विदेशी कर्मचारियों की आवश्यकता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.
नीति में बदलाव का उद्देश्य
विशेषज्ञों के अनुसार, ट्रंप प्रशासन का उद्देश्य H-1B वीज़ा कार्यक्रम को सुधारना और इसे अधिक निष्पक्ष बनाना है. अमेरिकी तकनीकी उद्योग और रक्षा क्षेत्रों में विदेशी विशेषज्ञों की आवश्यकता को देखते हुए यह कदम जरूरी माना जा रहा है. इस नीति के साथ, अमेरिका वैश्विक प्रतिभाओं को आकर्षित करने के लिए एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाने की कोशिश कर रहा है, जबकि विदेशी कर्मचारियों और अमेरिकी उद्योग के बीच तालमेल सुनिश्चित किया जा सके.


