राष्ट्रहित की राह पर नेपाल: सुशीला कार्की ने कामन संभालने की भरी हामी
नेपाल में राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है. इसी बीच पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की ने अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने के लिए हामी भरी है. उन्होंने कहा है कि वह राष्ट्रहित में बिना किसी स्वार्थ के काम करने के लिए तैयार हैं. और जैसे हालात नेपाल में पैदा हो गए हैं उनसे निपटने और हर प्राब्लम का हल निकालने का प्रायस किया जाएगा

International News: पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की ने साफ कहा कि वह केवल देश और जनता के हित में काम करेंगी. उनके नाम पर आंदोलनकारी युवाओं और सेना प्रमुख दोनों की सहमति बन रही है. यह कदम नेपाल की राजनीति में बड़ा मोड़ साबित हो सकता है. सुशीला कार्की ने कहा कि नेपाल के युवाओं ने उन पर जो भरोसा जताया है, उसने उन्हें गहराई से प्रभावित किया है. उन्होंने वादा किया कि वह पारदर्शिता और ईमानदारी से शासन चलाने की पूरी कोशिश करेंगी. युवा पीढ़ी को उम्मीद है कि उनका नेतृत्व नई दिशा देगा.
सेना प्रमुख से मुलाकात अहम
खबरों के मुताबिक, अंतरिम सरकार को लेकर आंदोलनकारी प्रतिनिधि सेना प्रमुख से मुलाकात कर चुके हैं. इस मुलाकात से पहले ही सुशीला कार्की के नाम पर आम सहमति बनी. माना जा रहा है कि सेना भी उनके नेतृत्व को औपचारिक मंजूरी दे सकती है.
अशांति और इस्तीफे की पृष्ठभूमि
नेपाल इस समय बड़े राजनीतिक संकट से गुजर रहा है. प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया है, जिससे हालात और अस्थिर हो गए. ऐसे माहौल में सुशीला कार्की का नाम एक स्थिर विकल्प के रूप में सामने आया है.
जेनरेशन जेड का आक्रोश
8 सितंबर 2025 को काठमांडू, पोखरा, बुटवल और बीरगंज समेत कई शहरों में युवाओं ने विरोध शुरू किया. प्रदर्शन धीरे-धीरे हिंसक हो गए, घर और गाड़ियों को जलाया गया. युवाओं ने सरकार से जवाबदेही और पारदर्शिता की मांग उठाई. विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए सरकार ने साइबर सुरक्षा का हवाला देकर प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगा दिया. इससे युवाओं में और गुस्सा बढ़ गया. लोग मानते हैं कि यह कदम उनकी आवाज दबाने की कोशिश थी.
बदलाव की उम्मीदें
नेपाल के लोग अब एक स्थिर नेतृत्व की तलाश में हैं. सुशीला कार्की को लेकर यह उम्मीद है कि वह राजनीति से ऊपर उठकर देश के लिए निर्णायक फैसले लेंगी. उनका नेतृत्व नेपाल को अस्थिरता से बाहर निकाल सकता है.अब देखना ये होगा कि अगर सुशीला को कमान मिलती है तो क्या वह देश के हालात सुधारने में कामयाब हो सकेंगी या नहीं।


