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नेतन्याहू अंतरराष्ट्रीय मंच पर अलग-थलग, खामेनेई ने कसा तंज

ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई ने नेतन्याहू को दुनिया में सबसे अधिक अलग-थलग शासन कहा और उनके यूएन भाषण का विरोध किया. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इज़रायल अलग-थलग होता दिख रहा है, जबकि ईरान ने अपने परमाणु ठिकानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की शर्त रखी है.

Suraj Mishra
Edited By: Suraj Mishra

ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामेनेई ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने नेतन्याहू और ज़ायोनी शासन को दुनिया में सबसे अधिक अलग-थलग और तिरस्कार का सामना करने वाला बताया. खामेनेई ने यह टिप्पणी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर की और साथ ही एक फोटो भी साझा की, जिसमें यूएन हॉल दिख रहा है. फोटो में नेतन्याहू मंच पर भाषण देते नजर आ रहे हैं, जबकि उनके सामने कई कुर्सियां खाली हैं, जो उनके अंतरराष्ट्रीय अलगाव को दर्शाती हैं.

नेतन्याहू का संयुक्त राष्ट्र में भाषण 

नेतन्याहू ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र में भाषण दिया, लेकिन उनके आगमन पर भारी विरोध देखने को मिला. कई देशों के प्रतिनिधियों ने उनके भाषण का बहिष्कार किया और हॉल से वॉकआउट कर दिया. जैसे ही नेतन्याहू ने बोलना शुरू किया, हॉल में हंगामा हो गया. इसके बावजूद अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल उनके समर्थन में मौजूद रहा. नेतन्याहू ने अपने भाषण में कहा कि इज़रायल गाज़ा में अपने उद्देश्य को पूरा करेगा और यह ‘जितनी जल्दी हो सके’ किया जाएगा. भाषण देने से पहले उन्होंने इज़राइली सेना को आदेश दिया था कि गाज़ा पट्टी के चारों ओर लाउडस्पीकर लगाकर उनका संदेश फ़िलिस्तीनियों तक पहुंचाया जाए.

 भाषण के दौरान हॉल खाली 

रिपोर्ट के अनुसार, अरब और मुस्लिम देशों के अधिकांश प्रतिनिधियों ने नेतन्याहू के भाषण के दौरान हॉल छोड़ दिया. इसके साथ ही कई अफ्रीकी और कुछ यूरोपीय देशों के प्रतिनिधियों ने भी वॉकआउट किया. यह घटना इस समय हुई है जब इज़रायल अंतरराष्ट्रीय मंच पर लगातार अलग-थलग हो रहा है और केवल कुछ सहयोगी ही उसके साथ खड़े हैं, जिनमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प प्रमुख हैं.

ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान ने गुरुवार (25 सितंबर) को कहा कि ईरान को यह सुनिश्चित करना होगा कि इज़रायल उसके परमाणु ठिकानों पर हमला न करे. केवल इसी गारंटी के बाद ही ईरान अपने न्यूक्लियर एनरिचमेंट प्रोग्राम और ऊर्जा उत्पादन को सामान्य करने पर विचार कर सकता है.

इस घटनाक्रम से स्पष्ट है कि इज़रायल अंतरराष्ट्रीय मंच पर अलग-थलग हो रहा है और उसके खिलाफ वैश्विक विरोध बढ़ता जा रहा है. यूएन हॉल में नेतन्याहू के भाषण का विरोध और वॉकआउट इस बात का संकेत है कि क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इज़रायल के कदमों को लेकर असहमति गहरी है. खामेनेई और पेजेश्कियान की टिप्पणियां इस तनाव को और बढ़ाती दिख रही हैं, जिससे मध्यपूर्व की नीतिगत स्थिति और जटिल होती जा रही है.

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27 September 2025, 06:24 PM IST

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