'नेतन्याहू की कुर्सी खतरे में? 60% जनता चाहती है इस्तीफा, चुनाव हुए तो हार तय!'
गाजा और लेबनान में आतंकियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाने वाले इजरायली पीएम नेतन्याहू के लिए उनके ही देश में खतरे की घंटी बज रही है. ताजा सर्वे कहता है कि अगर अभी चुनाव होते हैं, तो उनकी हार तय है! उनके कड़े प्रतिद्वंद्वी उन्हें कड़ी टक्कर दे रहे हैं और जनता भी कुछ अलग ही मूड में दिख रही है. आखिर नेतन्याहू को कौन दे रहा कड़ी चुनौती और इजरायल की जनता उनके बारे में क्या सोच रही है? जानिए पूरी कहानी…

Netanyahu Seat in Danger: गाजा और लेबनान में अपने सख्त रुख के लिए पहचाने जाने वाले इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के लिए घरेलू राजनीति में बुरी खबर है. एक ताजा ओपिनियन पोल के मुताबिक, अगर इजरायल में आज चुनाव होते हैं तो नेतन्याहू की लिकुड पार्टी को करारा झटका लग सकता है. उनके कट्टर प्रतिद्वंद्वी नफ्ताली बेनेट की पार्टी को बराबरी का समर्थन मिलता दिख रहा है.
ओपिनियन पोल में क्या आया सामने?
हाल ही में हुए इसरायली टेलीविजन पोल के नतीजों के अनुसार, अगर पूर्व प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट चुनाव लड़ते हैं तो उनकी पार्टी को लिकुड के बराबर सीटें मिल सकती हैं. वहीं, अन्य विपक्षी दल भी मजबूती से उभर सकते हैं. सीटों का अनुमान कुछ इस प्रकार है:
नफ्ताली बेनेट की पार्टी – 24 सीटें
येश अतीद – 11 सीटें
द डेमोक्रेट्स – 10 सीटें
नेशनल यूनिटी – 9 सीटें
शास – 9 सीटें
यूनाइटेड टोरा जूडाइज़्म – 8 सीटें
इसराइल बेतेनू – 8 सीटें
ओत्ज़मा येहुदीत – 7 सीटें
हदाश-ताल – 5 सीटें
राम – 5 सीटें
नेतन्याहू के गठबंधन को भारी नुकसान?
इस पोल के नतीजों से साफ है कि नेतन्याहू के गठबंधन वाली पार्टियों को कुल 48 सीटें मिल सकती हैं, जो पिछले सर्वे से भी कम है. पहले के पोल में उन्हें 51 सीटें मिलने की उम्मीद जताई गई थी. वहीं, दक्षिणपंथी धार्मिक सियॉनिज़्म पार्टी को भी जरूरी समर्थन नहीं मिल रहा है, जिससे उनकी राजनीतिक स्थिति और कमजोर होती दिख रही है.
क्या नेतन्याहू की कुर्सी खतरे में है?
इस पोल में यह भी सामने आया कि अगर केवल मौजूदा संसद में मौजूद पार्टियां ही चुनाव में उतरती हैं, तो भी नेतन्याहू के गठबंधन को 54 सीटों तक ही सीमित रहना पड़ सकता है. ऐसे में उनके लिए सरकार बनाना मुश्किल हो सकता है. इसके अलावा, पोल में नेतन्याहू और उनके विरोधियों के बीच सीधी टक्कर को लेकर भी दिलचस्प आंकड़े सामने आए.
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नफ्ताली बेनेट को 36% समर्थन मिला, जबकि नेतन्याहू को 34%
- अन्य विपक्षी नेता गदी एइसेंकोट को 28% समर्थन मिला
जनता चाहती है नेतन्याहू का इस्तीफा?
इस पोल में सबसे चौंकाने वाला आंकड़ा यह है कि 60% इजरायली जनता चाहती है कि नेतन्याहू प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दें. वहीं, केवल 31% लोग ही उन्हें इस पद पर बनाए रखने के पक्ष में हैं. इसके अलावा, 64% जनता चाहती है कि शिन बेट (इजरायल की सुरक्षा एजेंसी) के प्रमुख रोनन बार भी इस्तीफा दें. 75% लोग 7 अक्टूबर के आतंकी हमले की राज्य जांच आयोग से जांच करवाने के पक्ष में हैं.
क्या नेतन्याहू के लिए आगे की राह मुश्किल?
नेतन्याहू पहले भी राजनीतिक संकटों से उबर चुके हैं, लेकिन इस बार मामला गंभीर है. गाजा और लेबनान में उनकी आक्रामक सैन्य कार्रवाई का असर इजरायल की घरेलू राजनीति में भी दिखने लगा है. ऐसे में अगर जल्दी चुनाव होते हैं, तो उनकी सत्ता पर खतरा मंडरा सकता है. अब देखने वाली बात होगी कि क्या नेतन्याहू इस चुनौती का सामना कर पाएंगे या फिर इजरायल की राजनीति में कोई नया अध्याय लिखा जाएगा!


