भारत के पक्ष में नेतन्याहू का समर्थन, डोनाल्ड ट्रंप के 50% ट्रैरिफ पर कही ये बात
बेंजामिन नेतन्याहू ने गुरुवार को कहा कि भारत और अमेरिका के बीच चल रहा टैरिफ विवाद दोनों देशों के लिए लाभकारी समाधान की दिशा में सुलझाया जाना चाहिए. उन्होंने उम्मीद जताई कि वे जल्द ही भारत यात्रा पर आएंगे.

Trump Tariff: इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गुरुवार को कहा कि भारत और अमेरिका के बीच चल रहा टैरिफ विवाद दोनों देशों के लिए लाभकारी समाधान की दिशा में सुलझाया जाना चाहिए. उन्होंने उम्मीद जताई कि वे जल्द ही भारत यात्रा पर आएंगे. भारत से आए पत्रकारों के एक समूह के साथ बातचीत करते हुए नेतन्याहू ने भारत-इजरायल संबंधों को और प्रगाढ़ करने की जरूरत पर जोर दिया, खासकर खुफिया आदान-प्रदान और आतंकवाद विरोधी प्रयासों में सहयोग बढ़ाने को लेकर.
भारत के राजदूत से की विशेष मुलाकात
यरुशलम स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय में नेतन्याहू ने भारत के राजदूत जे.पी. सिंह से भी औपचारिक मुलाकात की. इस दौरान दोनों पक्षों ने रक्षा, सुरक्षा और आर्थिक साझेदारी को आगे बढ़ाने पर चर्चा की. इजरायली पीएम कार्यालय ने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए कहा कि यह बातचीत द्विपक्षीय रिश्तों को और मजबूती देने के उद्देश्य से हुई है.
अमेरिका का भारत पर टैरिफ बढ़ाने का फैसला
दूसरी ओर, अमेरिका और भारत के बीच व्यापार संबंधों में तनाव बढ़ता दिखा जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50% टैरिफ लगाने की घोषणा की. रूस से कच्चे तेल की खरीद को कारण बताते हुए ट्रंप ने दो चरणों में यह शुल्क लागू किया. 30 जुलाई को 25% और फिर 25% अतिरिक्त शुल्क बुधवार को. ट्रंप के हस्ताक्षरित कार्यकारी आदेश के मुताबिक, यह शुल्क अन्य करों और शुल्कों के अतिरिक्त लगाया जाएगा. पहला चरण 7 अगस्त से और दूसरा 27 अगस्त से प्रभावी होगा.
भारत ने दी तीखी प्रतिक्रिया
भारत ने इस अमेरिकी निर्णय की तीखी आलोचना करते हुए इसे "अनुचित और अव्यवहारिक" बताया. विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि भारत की ऊर्जा नीति घरेलू जरूरतों और बाजार परिस्थितियों पर आधारित है. भारत ने यह भी दोहराया कि वह अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगा. गौरतलब है कि भारत 88% कच्चा तेल आयात करता है, जिसमें 2021 तक रूस की हिस्सेदारी सिर्फ 0.2% थी.


