न कोई डर, न दहशत! पेरू में 'ज्वालामुखी' फटा, लोग आराम से घूमते दिखे
पेरू में ज़मीन से फटने के बाद स्थानीय लोगों ने 'दुनिया के सबसे छोटे ज्वालामुखी' का अनोखा दृश्य देखा, जिससे गैसें और गाद निकलती पाई गईं. लगभग 60 सेंटीमीटर ऊंचे इस टीले से रहस्यमयी पदार्थ बाहर आया, जिसे देखकर लोग हैरान रह गए और बड़ी संख्या में देखने पहुंच गए.

पेरू में हाल ही में एक अनोखी प्राकृतिक घटना ने सभी का ध्यान आकर्षित किया है. स्थानीय लोगों ने दावा किया है कि उन्हें "दुनिया का सबसे छोटा ज्वालामुखी" मिला है, जो आकार में एक क्रिकेट स्टंप से भी छोटा है. यह संरचना पेरू के पहाड़ी क्षेत्र में दिखाई दी, जहां जमीन से गैसें और गाद जैसे पदार्थ निकलते देखे गए. इस रहस्यमयी दृश्य को देखने के लिए आसपास के गांवों से लोग बड़ी संख्या में वहां पहुंचने लगे.
स्थानीय समुदाय के नेता, आर्टुरो मामानी, जो पारंपरिक पोंचो पहने हुए थे, उन्होंने इस छोटी पहाड़ी संरचना को "ईगल आई" नाम दिया. यह छोटा सा टीला लगभग 60 सेंटीमीटर ऊंचा है और पारंपरिक ज्वालामुखी जैसा दिखता है – यानी शंक्वाकार आकार, ऊपर एक गड्ढा और उसके मुख से रिसते पदार्थ. इसकी पूरी संरचना केवल कुछ वर्ग मीटर में फैली हुई है. देखने में यह ऐसा प्रतीत होता है जैसे पृथ्वी की पपड़ी में कोई छोटा दाना उग आया हो.
'ईगल आई' बना आकर्षण का केंद्र
इस दृश्य के सोशल मीडिया और स्थानीय मीडिया में आने के बाद यह पहाड़ी इलाका चर्चा में आ गया. उत्सुक दर्शकों और पर्यटकों की भीड़ जमा हो गई, जिससे प्रशासन को इलाके को घेराबंदी कर सुरक्षा के लिहाज़ से कदम उठाने पड़े. इसके साथ ही वैज्ञानिकों और भूविज्ञान विशेषज्ञों की टीम को जांच के लिए बुलाया गया.
फटने के बाद भी क्यों नहीं मची अफरा-तफरी?
पेरू के भूभौतिकीय संस्थान के प्रमुख, हर्नांडो तवेरा ने इस रहस्य से पर्दा उठाया. उन्होंने बताया कि यह कोई पारंपरिक ज्वालामुखी नहीं है, बल्कि एक "मड वोल्केनो" है, जिसे हिंदी में कीचड़ ज्वालामुखी कहा जाता है. उन्होंने समझाया कि इसमें कोई ज्वालामुखीय लावा, मैग्मा या असली विस्फोट नहीं होता. यह संरचना तब बनती है जब जमीन के भीतर मौजूद गैसें जैसे मीथेन और कार्बन डाइऑक्साइड, मिट्टी और पानी के साथ सतह पर निकलती हैं और एक शंक्वाकार ढांचा बनाती हैं.
पेरू में फटा 'मड वोल्केनो'
इस तरह की घटनाएं पृथ्वी की सतही गतिविधियों का हिस्सा होती हैं और इनसे किसी बड़े खतरे की संभावना नहीं होती, लेकिन ये प्रकृति की दिलचस्प और दुर्लभ घटनाओं में गिनी जाती हैं. "ईगल आई" मड वोल्केनो अब पेरू में पर्यटकों के लिए नई रुचि का केंद्र बन चुका है.


