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एल्विश यादव की तरह सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर बनना चाहती थी राधिका, पिता ने टेनिस खिलाड़ी बनाने पर खर्च किए 2.5 करोड़ रुपये

युवा टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर बनने का सपना देख रही थी, लेकिन सामाजिक दबाव, करियर में असफलता और पारिवारिक तनाव ने उसकी जिंदगी छीन ली. उसके पिता ने खुद उसे गोली मार दी. यह घटना मानसिक स्वास्थ्य और पारिवारिक संवाद की अहमियत को उजागर करती है.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

हाल ही में एक दुखद घटना ने सभी को झकझोर दिया, जब युवा टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की मौत की खबर सामने आई. यह कोई आम मामला नहीं, बल्कि उस लड़की का था जिसने अपने जीवन में खेल के मैदान से लेकर सोशल मीडिया तक नए सपनों को आकार देना शुरू किया था.

राधिका, जो कभी एक सफल टेनिस खिलाड़ी बनने का सपना देखती थी, अब सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर बनना चाहती थी. बताया गया है कि वह अपने गांव के मशहूर यूट्यूबर और कंटेंट क्रिएटर एल्विश यादव से बेहद प्रभावित थी और उसी की राह पर चलने का मन बना चुकी थी.

पिता की उम्मीदों और सामाजिक दबावों के बीच फंसी राधिका की ज़िंदगी

पुलिस अधिकारी एसीपी यशवंत के मुताबिक, राधिका के पिता दीपक यादव ने अपनी बेटी की टेनिस ट्रेनिंग में कोई कसर नहीं छोड़ी थी. उन्होंने कुल मिलाकर 2.5 करोड़ रुपये से भी अधिक की राशि उसके प्रशिक्षण, उपकरण, कोचिंग और प्रतियोगिताओं पर खर्च की थी. हालांकि, यह भारी निवेश भी उस परिणाम में नहीं बदल सका जिसकी उम्मीद दीपक को थी. चोटिल होने के बाद राधिका का खेल से जुड़ाव धीरे-धीरे कम होता गया, जिससे उसके करियर पर ब्रेक लग गया.

मानसिक तनाव, घरेलू विवाद और सामाजिक ताने इन सबने मिलकर राधिका के पिता पर गहरा असर डाला. पुलिस का कहना है कि इन्हीं वजहों ने दीपक यादव को इस हद तक मानसिक रूप से तोड़ दिया कि उन्होंने खुद अपनी बेटी की जान ले ली.

अब मैं पैसे कमाऊंगी

परिवार के करीबी सूत्रों का कहना है कि राधिका ने अपने पिता से वादा किया था कि वह उनकी मेहनत को बेकार नहीं जाने देगी. उसने यह भी कहा था, “पापा, मेरे मन में अब और भी बहुत कुछ है. मैंने काफी खेल लिया. अब मैं कुछ अलग करूंगी, पैसे कमाऊंगी.”

टेनिस से दूरी बनाने के बाद राधिका का रुझान सोशल मीडिया की ओर बढ़ा. वह वीडियो बनाना, खुद को कैमरे के सामने प्रस्तुत करना और लोगों से जुड़ने का हुनर सीख रही थी. उसका सपना था एल्विश यादव की तरह लाखों लोगों तक पहुंचना और एक सफल सोशल मीडिया स्टार बनना.

एक सपना, जो अधूरा रह गया

राधिका की असमय मृत्यु न सिर्फ उसके परिवार के लिए, बल्कि समाज के लिए भी एक बड़ी चेतावनी है. यह घटना हमें सोचने पर मजबूर करती है कि किस तरह मानसिक तनाव और असफलता का डर एक होनहार ज़िंदगी को खत्म कर सकता है.

राधिका के सपने अधूरे रह गए

चाहे वह टेनिस कोर्ट पर जीतने की बात हो या सोशल मीडिया पर चमकने की चाहत. पर उसकी कहानी आज भी यह संदेश देती है कि सपनों को आगे बढ़ाने के लिए सिर्फ हौसला ही नहीं, बल्कि सही मार्गदर्शन और भावनात्मक समर्थन भी जरूरी है.

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11 July 2025, 02:39 PM IST

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